सिंडिकेट का मुखिया बनने के लिए कैसे-कैसे हुए षड़यंत्र Raj Express
क्राइम एक्सप्रेस

Indore Goli Kand : सिंडिकेट का मुखिया बनने के लिए कैसे-कैसे हुए षडयंत्र

अर्जुन ठाकुर गोलीकांड में आरोपी सतीश भाऊ उर्फ सतीश मराठा के साथी सत्यनारायण लूनिया को क्राइम ब्रांच की टीम ने विजय नगर पुलिस को सौंपा है। उससे पुलिस कड़ी पूछताछ की जा रही है।

Author : Pradeep Chauhan

हाइलाइट्स :

  • गोलीकांड में अब तक 5 गिरफ्तार, शेष फरार की तलाश।

  • फुटेज से जारी है आरोपियों की संख्या का बढ़ना।

इंदौर, मध्यप्रदेश। गोली कांड के आरोपी सतीश भाऊ और चिंटू ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने दावा किया है कि ये नेपाल भागने वाले थे और उन्हें भोपाल बायपास से गिरफ्तार किया गया। दूसरी ओर ये भी चर्चा है कि दोनों आरोपी पुलिस के सामने सरेंडर हुए थे। क्राइम ब्रांच ने सतीश भाऊ के खास सत्यनारायण लूनिया को पकड़ा है। उससे भी शराब माफियाओं के बारे में काफी जानकारी मिल सकती है। पुलिस ने सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर अभी तक 15 आरोपियों को नामजद किया है। फुटेज की छानबीन के बाद आरोपियों की संख्या और बढ़ सकती है। गोली कांड के मामले में अभी तक पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं,शेष फरार आरोपियों की तलाश है। पड़ताल में ये बात भी सामने आई है कि शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट के पीछे असली खिलाड़ी राजा रमेशचंद्र राय है जो झांसी से इंदौर आकर सिंडिकेट का मुखिया बना।

राय शराब के कारोबार में 42 प्रतिशत का पार्टनर है। इसमें कई ब्लैकर का इन्वेस्टमेंट है। राय ने ही पिंटू भाटिया को मीटिंग करने को कहा था। अर्जुन ठाकुर के साथ हुए गोलीकांड के पीछे भी राय की भूमिका बताई जा रही है। 19 जुलाई को स्कीम-74 स्थित शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट दफ्तर में हुए गोलीकांड को लेकर भोपाल में भी हलचल हुई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के निर्देश पर इंदौर पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई तेज कर दी। गोली कांड में चिंटू ठाकुर, सतीश भाऊ, गोविंद गहलोत, पप्पू और प्रमोद गिरफ्तार हो चुके हैं,शेष 8 फरार हैं। तोड़फोड़ के मामले में भी अभी तक पांच आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं।

अवैध शराब और सिंडिकेट :

बताते हैं कि सिंडिकेट का कामकाज पिंटू भाटिया के हाथों में आने से राय का पावर कम होने लगा था। देवास-धार से आ रही अवैध शराब जो ब्लैकर बेचते हैं। उसे बेचने में परेशानी हो रही थी। बाणगंगा में पकड़ाई छह लाख की अवैध शराब भी इसी से जुड़ी है। ब्लैकर चाह रहे हैं कि राय सिंडीकेट का मुखिया बन जाए इससे वे भी सिंडिकेट से जुड़ जाएंगे और अवैध शराब आसानी से बेची जा सकेगी।

ठेकेदारों को घाटे से बदले थे हालात :

पिछले साल शराब ठेकेदारों को करोड़ों का नुकसान हुआ था। पिंटू भाटिया ने इस घाटे की पूर्ति के लिए ही रमेशचंद्र राय और मनोज नामदेव को सिंडिकेट में शामिल किया। सिंडिकेट में 32 अलग-अलग पार्टनर हैं। जिन्होंने 980 करोड़ रुपए में इंदौर जिले का ठेका लिया है। इनमें पिंटू भाटिया 25, रमेश चंद्र राय 25, मनोज नामदेव 11 और अर्जुन ठाकुर 7 प्रतिशत का पार्टनर है। बाकी अन्य छोटे शराब ठेकेदार हैं। जो दो से तीन प्रतिशत की पार्टनरशिप में इस सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं।

हेमू ठाकुर और चिंटू ठाकुर की कैसी हुई एन्ट्री :

सूत्र बताते हैं पिछले साल शराब दुकानों में घाटा होने के बाद रिंकू भाटिया और मोनू भाटिया ने अपना शेयर हटा लिया था। इसके बाद इंदौर की व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। उसके बाद पिंटू भाटिया ने शराब के सप्लायर एके सिंह, झाबुआ के अल्पेश और धार के नन्हे सिंह को इस शराब सिंडिकेट से जोड़ा था। वर्तमान सिंडिकेट में बड़े नामों का हिस्सा लगभग 70 प्रतिशत है। पिछले हफ्ते सिंडिकेट ने इस साल के 910 करोड़ रुपए के ठेके की 40 करोड़ की बैंक गारंटी शासन को दी है। छोटे ठेकेदार पैसे नहीं दे पा रहे थे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाकर बैंक गारंटी के पैसे जमा करने के लिए रमेश राय ने नए लोगों को जोड़ा। राय के जरिए हेमू और चिंटू ठाकुर की सिंडिकेट में एंट्री हुई।

ऐसे हुई गोलीकांड की शुरुआत :

सूत्रों के मुताबिक गांधी नगर नावदापंथ की दुकान को शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर और मोहन ठाकुर चला रहे हैं, वे आसानी से नहीं मानने वाले इसके बाद भी दुकान चिंटू हेमू को दे दी गई। इन दोनों ने वादे के अनुसार इस दुकान का अहाता चलाने के लिए सतीश भाऊ की एंट्री कराई। बस यहीं से गोलीकांड का श्रीगणेश हो गया। माना तो ये ये भी जा रहा है कि अब शराब माफियाओं के बीच गैंगवार शुरु हो चुका है। पुलिस इस गैंगवार से निपटने की रणनीति बना रही है,ये कितनी कारगर होगी ये तो समय ही बताएगा।

लुनिया फरारी के पहले मिला था भाऊ से :

अर्जुन ठाकुर गोलीकांड में आरोपी सतीश भाऊ उर्फ सतीश मराठा के साथी सत्यनारायण लूनिया को क्राइम ब्रांच की टीम ने विजय नगर पुलिस को सौंपा है। उससे पुलिस कड़ी पूछताछ की जा रही है, जिसमें कई चौंकाने वाले राज सामने आए हैं। लूनिया पर कईं आपराधिक मामले दर्ज है और भाऊ का सारा कामकाज संभालता है। देर रात हुई पूछताछ में लूनिया ने बताया कि घटना के बाद उसके पास कॉल आया और कहा था कि वह फरार हो रहा है। लूनिया सांवेर रोड पर मिला और उसको रुपये देकर आया। इसके बाद वह चिंटू, हेमू के साथ फरार हो गया। यहां से सीधे उज्जैन पहुंचे। उसके बाद जावरा होते हुए राजस्थान पहुंचे और दिल्ली फिर ग्वालियर आ गए। पुलिस ने उनकी लोकेशन निकाल ली और एक भाजपा नेता की मदद से पेश होने का दबाव बनाया। नेता ने मध्यस्थता की और दोनों की भोपाल बायपास स्थित एक ढाबे से गिरफ्तारी दर्शा दी।

गुंडे-बदमाशों के हवाले है अहातों का संचालन :

शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर पर गोली चलने के मामले के बाद पुलिस ने शहर के कुख्यात गुंडों की आर्थिक कमर तोडऩा शुरू कर दिया है। इसके चलते उन अहातों को बंद कराया गया है, जिन्हें गुंडे संचालित करते थे। बताया जाता है कि अधिकांश अहातों में बाहर से बदमाशों को बुलाकर उनसे काम कराया जा रहा है और इसके लिए उनके रूकने व खाने-पीने की व्यवस्था के साथ उन्हें वेतन भी दिया जाता है। सूत्र बताते हैं कि वहीं जिन गुंडों के संरक्षण में ये अहाता संभालने का काम करते हैं उनका वेतन इतना रहता है कि किसी शासकीय अधिकारी का भी नहीं रहता है। गोलीकांड के बाद पुलिस जागी और शराब के अहातों की जांच का अभियान चलाया तो खुलासा हुआ कि शहर के अधिकांश अहाते गुंडों द्वारा ही चलाए जा रहे हैं। शहर के बाहरी क्षेत्रों जैसे, देपालपुर, सांवेर, बडगोंदा, पीथमपुर, महू, मानपुर आदि में चलने वाली देशी व विदेशी शराब दुकानों पर अधिकांश बाहर के गुंडे बदमाश ही दुकान पर सेल्समेन हैं या फिर अहातों के कर्मचारी हैं। पुलिस इन शराब दुकानों व अहातों पर काम करने वालों का कभी भी वेरिफिकेशन नहीं करती है। वहीं आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कभी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। यदि इनका कर्मचारियों का वेरिफिकेशन किया जाए तो खुलासा होगा कि अधिकांश दुकानों पर व अहातों में गुंडे ही काम कर रहे हैं जो हर माह वेतन भी लेते हैं और गुंडागर्दी भी करते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT