ठाणे, महाराष्ट्र। नवी मुंबई पुलिस ने नांदेड़ से एक निलंबित पोस्टमास्टर सहित चार लोगों की गिरफ्तारी के साथ शुक्रवार को भारतीय डाक विभाग की फर्जी बचत योजनाओं में सक्रिय एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया।
पनवेल के पुलिस उपायुक्त शिवराज पाटिल जोन 2, संवाददाताओं से कहा कि "पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों से फर्जी केवीपी (किसान विकास पत्र) और एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) जब्त किए हैं।" उन्होंने कहा कि "पनवेल पुलिस स्टेशन में पुलिस टीम को एक गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग जिन्होंने नकली बचत प्रमाणपत्र तैयार किए हैं और वे ऋण प्राप्त करने के लिए पनवेल में एचडीएफसी बैंक की शाखा में आने वाले हैं।"
पुलिस ने जाल बिछाया और जब 20 जनवरी को बैंक की शाखा में प्रमाण पत्र जमा करने के लिए वे आये तब उन्हें हिरासत में ले लिया गया और उनके पास से दो केवीपी और सात एनएससी जब्त किया गया। डाक विभाग ने इसे नकली बताया है। गिरफ्तार लोगों में 4 लोग शामिल हैं।
बाबाराव गणेशराव चव्हाण 24 वर्ष (बोलसा खुर्द-नांदेड़),
सुप्रभात माल्लाप्रसाद सिंह, 50 (खारघर),
संजयकुमार अयोध्या प्रसाद 46 (खारघर),
दिनेश रंगनाथ उपदे 39 वर्ष (ठेकेदार, मुंबई -चेंबूर)
इस बीच एक स्थानीय अदालत ने आरोपियों को 27 जनवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से छह नकली केवीपी (प्रत्येक का मूल्य 50 लाख रुपये) कुल 3 करोड़ रुपये, 10 नकली केवीपी (हर केवीपी का मूल्य 20,00,000 रुपये) कुल 2 करोड़ रुपये और 86,50,000 रुपये मूल्य के नौ केवीपी बरामद किया। पुलिस ने 2,65,000 रुपये मूल्य की कार भी जब्त की है। पुलिस ने कुल 5,89,15,000 रुपये का सामान जब्त किया है। जांच में पता चला कि इन लोगों ने पहले भी इन फर्जी दस्तावेजों से ऋण ले चुके हैं। विश्वास नगरी पथ संस्था, नेरुल से 50,00,000 रुपये के नकली दस्तावेज से 12,00,000 रुपये का ऋण ले चुके हैं।
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