भोपाल में गिरफ्तार हुए 2 फर्जी पत्रकार सांकेतिक चित्र
क्राइम एक्सप्रेस

भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पहली कार्रवाई, गिरफ्तार हुए 2 पत्रकार

भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी की राजधानी भोपाल (Bhopal) से दो फर्जी पत्रकारों की गिरफ्तारी का मामला सामने आया है, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रोशनपुरा से दो फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार किया है।

Priyanka Yadav

भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी की राजधानी भोपाल (Bhopal) से दो फर्जी पत्रकारों की गिरफ्तारी का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल पुलिस (Bhopal Police) ने कार्रवाई करते हुए रोशनपुरा से दो फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार (Fake Journalist Arrest) किया है।

भोपाल में हुई पहली कार्रवाई :

बता दें, एमपी की राजधानी भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू (Police Commissioner System) होने के बाद फर्जी पत्रकारों पर पुलिस सख्त हुई। पुलिस ने रोशनपुरा से दो फर्जी पत्रकारों को पकड़ा है। दोनों फर्जी पत्रकारों के खिलाफ अरेरा हिल्स थाने में मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पुष्पराज सिंह और राहुल नाम के दो फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। भोपाल में ये पहली कार्रवाई हुई है।

बिना लाइसेंस के पोर्टल-यूट्यूब चैनल के फर्जी पत्रकारों पर भी होगी कार्रवाई

बताया जा रहा है कि इंटरव्यू लेने के दौरान पुलिस ने जब पूछताछ की तो फर्जी पत्रकार कोई आईडी नहीं दिखा पाए जिसके बाद अधिकारियों ने ये कार्रवाई की है। मिली जानकारी के मुताबिक अब मध्यप्रदेश की भोपाल में चल रहे बिना लाइसेंस के पोर्टल और यूट्यूब चैनल के फर्जी पत्रकारों पर भी पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

भोपाल जर्नलिस्ट प्रेस क्लब ने की थी कार्रवाई की मांग :

भोपाल जर्नलिस्ट प्रेस क्लब ने अफसरों से फर्जियों पर कार्रवाई की मांग की थी। भोपाल जर्नलिस्ट प्रेस क्लब ने फर्जियों पर कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा था। जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है। बताया जा रहा है कि अब चैनल और अखबारों के पत्रकारों की सूची जनसंपर्क से ली जाएगी। पुलिस पत्रकारों के आईडी कार्ड देखेगी, पत्रकारों के अलावा अगर कोई दूसरा गाड़ियों पर प्रेस लिखवाता है तो भारी पड़ सकता है। पुलिस ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

बताते चलें कि, नवम्बर 2021 में मध्य प्रदेश में बहुप्रतीक्षित पुलिस आयुक्त प्रणाली (पुलिस कमिश्नर सिस्टम) भोपाल और इंदौर में लागू हुई थी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है, लेकिन राज्य के स्वच्छतम शहरों में शामिल भोपाल और इंदौर में बढ़ती जनसंख्या, भौगोलिक विस्तार और तकनीक के कारण उत्पन्न हुयी कानून व्यवस्था संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। यह व्यवस्था लागू होने से पहले से बेहतर कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने का कार्य होगा।

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