इंदौर, मध्यप्रदेश। क्राइम ब्रांच की टीम ने सुबह से जाल बिछाकर घंटों इंतजार के बाद सिंथेटिक ड्रग्स एमडीएमए बेचने एवं खरीदने वालों को पकड़ा है। हैदराबाद से ड्र्ग्स की खेप देने वाला तेलगांना का दवाई फेक्टरी का मालिक है जबकि खरीदने वाले पिता-पुत्र और भतीजा है। मंगलवार को जब्त 70 किलो ड्रग्स की कीमत 70 करोड़ रुपए बताई गई है। संभवत: प्रदेश में पहली बार इतनी मात्रा में ड्रग्स जब्त हुआ है। पकड़े गए पांच आरोपियों से इस मामले में पूछताछ की जा रही है। कई रहस्य सामने आने की संभावना है। आईजी योगेश देशमुख के मुताबिक प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ये ड्रग्स साउथ अफ्रीका भेजे जाने थे। आरोपियों से जैसे-जैसे जानकारी मिलेगी कई नए राज सामने आने की संभावना है।
कैसे पकड़ा आरोपियों को :
पुलिस मुख्यालय के आदेश बाद पूरे प्रदेश में नशे के खिलाफ जंग का अभियान चल रहा है। इस अभियान के तहत मादक पदार्थ बेचने वालों की धरपकड़ की जा रही है। इसके लिए पुलिस ने विशेष इन्फारमर्स की टीम को सक्रिय किया है। इनफारमर्स की टीम के कारण कई नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे किया जा चुका है। इसी तरह की मुखबिर की एक टिप पुलिस को मिली थी कि हैदराबाद से भारी मात्रा में सिथेंटिक ड्रग्स एमडीएमए की डिलेवरी इंदौर में होने वाली है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मार्गदर्शन में क्राइम एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर एवं टीम आरोपियों को पकड़ने में जुट गई। ड्रग्स का ये सौदा सनावदिया रोड, पत्थर मूंडला पर होना तय था। क्राइम ब्रांच की टीम ने सुबह से ही अपना जाल बिछा दिया। क्राइम ब्रांच की टीम के पास कार का नंबर था जिसमें ड्रग्स आने वाली थी। इसी आधार पर पैनी नजर रखी जाने लगी। कई घंटों की मशक्कत के बाद ये कार वहां आकर रुकी। इस कार के रुकते ही वहां तीन अन्य लोग भी एक अन्य कार से पहुंचे।
सौदा होते ही घेराबंदी कर दबौच लिया :
संभवत: इनके बीच पहले से ही ड्रग्स का सौदा तय हो चुका था। जैसे ही कार से ड्रग्स ख्ररीददारों को दिया और पैसे लिए वैसे ही क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी कर दी। क्राइम ब्रांच की टीम को देखकर इनके होश उड़ गए। क्राइम ब्रांच की टीम ने स्पाट से ड्रग्स खरीदने वाले दिनेश अग्रवाल पिता नारायण लाल, उसके बेटे अक्षय उर्फ चीकू अग्रवाल निवासी महालक्ष्मी नगर ,इंदौर एवं दिनेश का भतीजा चिमन पिता मदनलाल अग्रवाल निवासी मंदसौर को पकड़ा। इन्हें वेदप्रकाश पिता स्व. बिहारीलाल व्यास निवासी हैदराबाद और उसका ड्राइवर मांगी वैंकटेश निवासी हैदराबाद ड्रग्स की डिलेवरी दे रहे थे। इन पांचो आरोपियों से 13 लाख 3 हजार 650 रुपए नकदी, 8 मोबाइल और 70 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 70 करोड़ रुपए बताई गई है।
कई राज खुलने की संभावना :
आईजी योगेश देशमुख ने आरोपियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ये ड्रग्स साऊथ अफ्रीका भेजा जाने वाला था। इस बारे में पांचों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। आरोिपयों के मोबाइल की गंभीरता से छानबीन की जाएगी। इससे भी कई ड्रग्स तस्करों के सुराग मिलने की उम्मीद है। मोबाइल की डिटेल निकालने के लिए सायबर टीम सक्रिय हो गई है। जब्त मोबाइल का डाटा रिकवर कर अन्य तस्करों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
दवा प्रतिनिधि से बना दवा फेक्ट्री का मालिक :
वेद प्रकाश व्यास कुछ अरसा पहले एमआर के रुप में काम करता था। वह इंदौर, देवास, उज्जैन में भी दवा प्रतिनिधि के रुप में सक्रिय रहा। सालों तक दवा प्रतिनिधि के रुप में काम करने के दौरान ही उसका परिचय दिनेश अग्रवाल से हुआ था। वेद प्रकाश ने वर्तमान में तेलंगाना में एरिस्ट्रोन फार्मा नाम से दवा फेक्टरी खोल ली है। वह इस फेक्टरी का मालिक है। वह ये सिथेंटिक ड्रग्स कहां से लाता था और कहां-कहां सप्लाय करता था इस बारे में पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही अग्रवाल परिवार ड्रग्स के कारोबार में कबसे सक्रिय हैं ये भी पता लगाया जा रहा है।
70 करोड़ की ड्रग्स 13 लाख में...!
मंगलवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने 70 किलो ड्रग्स के सौदे के दौरान 13 लाख रुपए बरामद किए हैं। तब ये सवाल उठता है कि क्या वेदप्रकाश व्यास 70 करोड़ रुपए के ड्रग्स की कीमत सिर्फ 13 लाख रुपए ले रहा था या फिर वह ड्रग्स का पैसा अन्य माध्यम से ले चुका था। इस बारे में पुलिस आरोपियों के खातों की जानकारी भी निकाल रही है। ये भी पता लगाया जा रहा है कि दिनेश अग्रवाल एवं उसका परिवार इंटरनेशनल ड्रग पैडलर तो नहीं है। ये लोग कितने समय से काला कारोबार कर रहे थे इसकी भी जांच की जा रही है।
वेद की फेक्ट्री में तैयार होता था ड्रग्स :
वेद प्रकाश की फेक्ट्री हैदराबाद में है। वहां पर कैप्सूल तैयार किए जाते हैं। ये भी आशंका है कि कहीं ये सिंथेटिक ड्रग्स उसकी फेक्ट्री में तो तैयार नहीं होता था। वेद की फेक्ट्री में ये ड्रग्स नहीं बनता तो फिर ये ड्रग्स कहां बनता था इसकी जांच भी की जा रही है। ड्रग्स तस्करों के पकड़े जाने के बाद मुंबई एवं तेलगांना में भी छापे मारे जा रहे हैं। ड्रग तस्करों की गिरफ्तारी में क्राइम ब्रांच एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर, टीआई लोकेन्द्र सिंह हिहोर, एसआई राजेश डावर, नरेन्द्र तिवारी, राजेश रघुवंशी, श्रद्धा यादव, एएसआई सलीम बेग, भागवत कोली, लक्ष्मण वास्कले, दीपक थापा, अनिल बिसेन, जगदीश दांगी, राकेश कायत और प्रकाश रघुवंशी का सहयोग सराहनीय रहा।
ड्रग्स गैंग से तो नहीं जुड़े हैं तार :
पुलिस ने कुछ दिनों पहले ड्रग्स गैंग का खुलासा किया था। गैंग का जिस्मफरोशी के कारोबार में भी दखल था और बांग्लादेश की बालाओं को ड्रग्स देकर उनसे जिस्म फरोशी करवाई जाती थी। उस गैंग के मामले में करीब दो दर्जन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच में ये भी पता लगाया जा रहा है कि 70 करोड़ की ड्रग्स के तार इस गैंग से तो नहीं जुड़े हैं। इसका कारण ये है कि हाल ही में पुलिस ने सिथेंटिक ड्रग्स एमडीएमए के साथ अनम उर्फ किशन बैरागी को पकड़ा था। पूछताछ में उसने बताया था कि वह ये ड्रग्स सम्राट उर्फ सार्थक याज्ञनिक से लेता था। उससे रिमांड पर पूछताछ की जा रही है। दूसरी ओर सार्थक उर्फ सम्राट की तलाश में पुलिस ने कई स्थानों पर छापे मारे लेकिन वह कहीं नहीं मिला। उसकी तलाश में इनफारमर्स की टीम को सक्रिय किया गया है। सम्राट बड़ा हवाला कारोबारी भी है,उसके बारे में कुछ हवाला कारोबारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
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