भोपाल, मध्यप्रदेश। हनुमानगंज और कोहेफिजा पुलिस की संयुक्त टीम ने कमीशन पर फर्जी लोन पास कराने वाले सात बैंक अधिकारी और तीन बैंक मैनेजर समेत कर्मचारी व एजेंट के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज रचकर धोखाधड़ी करने समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। जांच में यह बात सामने आई कि अधिकारी, मैनेजर और कर्मचारियों ने एजेंट के साथ मिलकर बैंक को 62 लाख रुपए की चपत लगाई है। फर्जीवाड़े का खुलासा करने पर डीसीपी जोन-थ्री रियाज इकबाल ने हनुमानगंज और कोहेफिजा पुलिस को दस-दस हजार रुपए का इनाम देकर पुरस्कृत किया है।
डीसीपी जोन-थ्री रियाज इकबाल ने बताया कि टीला जमालपुरा निवासी कन्हैयालाल डाबी फुटवेयर के कारोबार के लिए दलाल जमुना प्रसाद के माध्यम से लोन लिया गया था। जमुना प्रसाद ने बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू के साथ मिलकर फर्जी फर्म के दस्तावेज तैयार कराने के बाद 7 लाख रुपए का लोन पास करा दिया। जमुना प्रसाद चौधरी ने अपने दोस्त मनोज तोमर के साथ मिलकर उसके मामा प्रमोद वर्मा के नाम से फर्जी दुकान व स्थापना पंजीयन प्रामण पत्र के आधार पर वर्मा ट्रेडर्स का बैंक खाता बाम्बे मकेर्टाईल को-ऑपरेटिव बैंक पीरगेट में खुलवाया। उक्त खाते में डिमांड ड्राफ्ट की राशि जमा करा ली गई। आवेदन जांच के बाद पुलिस ने आरोपी जमुना प्रसाद चौधरी, मनोज तोमर, प्रमोद वर्मा और बैंक मैनेजर देवेद्र साहू, आबिद और एक अन्य सहयोगी पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया।
दुकान का पंजीयन निकला फर्जी :
जांच के दौरान वर्मा ट्रेडर्स का स्थापना पंजीयन क्रमांक सहायक आयुक्त कार्यालय भोपाल में चैक कराया गया। पता चला कि पंजीयन फर्जी है। दस्तावेज सत्यापन में यह बात सामने आई कि जीएसटी नंबर भी फर्जी है। तत्कालीन बैंक मेनेजर देवेंन्द्र साहू ने अपने कार्यालय से वर्मा ट्रेडर्स नाम की फर्जी फर्म को 4 लोन दिए थे। दो लोन कैटरिंग व टेंट संबंधी व्यवसाय के थे और दो लोन फुटवियर संबंधी व्यापार के लिए बिना किसी सत्यापन के कराए गए थे। वर्मा ट्रेडर्स के खाते की जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि 30 मार्च 2016 से अकाउंट बंद होने की तिथि 11 जुलाई 2022 तक अलग-अलग बैंकों के 18 डिमांड ड्राफ्ट प्राप्त हुए हैं। डिमांड ड्राफ्ट से खाते में 62 लाख क्रेडिट हुए हैं।
कोहेफिजा पुलिस की जांच :
वर्मा ट्रेडर्स के खाते में कोहेफिजा की यूको बैंक ब्रांच से भी राशि क्रेडिट हुई थी। कोहेफिजा पुलिस ने जांच की तो यह बात सामने आई कि लालघाटी हलालपुर बस स्टैंड के मैनेजर दुलारी यादव से आरोपी शंकर व मियां ने कुल 7 डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वर्मा ट्रेडर्स के खाते में 16 लाख रुपए का लोन और 2 लाख 17 हजार रुपए की सब्सिडी प्राप्त की है। इसके बाद एक अन्य अपराध तत्कालीन शाखा प्रबंधक मेनेजर मुकेश श्रीवास्तव समेत प्रमोद वर्मा, जमुना प्रसाद, मनोज तोमर, बहार मियां, शंकर साव, राजकुमार और लव पर प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया।
कमीशन लेने के कारण नहीं करते थे कार्रवाई :
पूछताछ में यह बात सामने आई कि बैंक अधिकारी फर्जी खाता खुलवाकर लोन पास करते थे जबकि दलाल लोन राशि निकाल लेते थे। बैंक अधिकारी, कर्मचारी, ग्राहक व लोन दिलाने वाले दलाल हितग्राहियों की लोन राशि और अनुदान राशि का दुरूपयोग कर रहे थे। लोन की रकम हाथ लगने के बाद कमीशन के रूम में सभी रख लिया करते थे। जिन ग्राहकों के लिए लोन पास कराया जाता है वो एक-दो किश्त जमा करते थे। इसके बाद वे किश्त देना बंद कर देते थे। बैंक के अधिकारियों को लोन राशि में कमीशन मिलने के कारण वे लोन पास होने वाले हितग्राहियों पर कार्रवाई नहीं होने देते थे। पुलिस ने सिंडीकेट बैंक यूको बैंक के चेयरमेन व जिला अन्तव्ययासी विभाग प्रभारी अधिकारी को उक्त धोखाधड़ी के संबंध में पत्र एवं मेल के माध्यम से जानकारी दी गई है।
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