जब कोई भी खाता धारक बैंक के अंदर जाता है तो वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है, लेकिन मुख्यालय में वर्षों से संचालित सेंट्रल बैंक में चोर कब आपकी राशि को पार कर देंगे आपको और बैंक वालों को भी पता नहीं चलेगा। सुरक्षा की व्यवस्था में कमी व तकनीकी युग में लगे सीसीटीवी के बाद भी जब ऐसे परिणाम खाताधारकों के साथ होगा तो निश्चित में बैंक प्रबंधन के ऊपर प्रश्न चिन्ह उठेंगे।
अनूपपुर, मध्यप्रदेश। मुख्यालय स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 8 फरवरी का वाक्या किसी रहस्य से कम नहीं है। सुरक्षा व्यवस्था के अभाव के कारण खाताधारक के 60 हजार रूपए अज्ञात चोरो ने पार कर दिये। न तो बैंक में गार्ड दिखाई देते है और न ही सटीक तरीके से लगे सीसीटीवी नजर आते हैं, जिससे हर जगह साफ और व्यवस्थित देखा जा सके। यही कारण है कि बीते दिनों अज्ञात व्यक्तियों ने खाताधारक के कर्मचारी के साथ घंटो वार्तालाप कर झोले में रखे नगदी को पार कर दिया गया।
यह है मामला :
किसान एग्रीकल्चर मशीनरी के संचालक व बैंक के खाताधार अतुल मिश्रा का कर्मचारी दशरथ विश्वकर्मा 60 हजार रूपए नगद लेकर बैंक जमा करने पहुंचता है। कर्मचारी के साथ संचालक के भाई भी मौजूद थे, लेकिन किसी कारणवश अन्य बैंक भी जाना था तो उन्होंने कर्मचारी को छोड़ चले गये, कर्मचारी नगद पैसा हाथ में रखकर बैंक में खड़ा हुआ था, तभी अज्ञात लोगों की नजर गई और दशरथ के साथ वार्तालाप करने लगे, कभी पेन मांगने के नाम पर तो कभी पर्ची भरने के नाम पर बातें हुई, हालांकि इस दौरान दशरथ ने एक बडे से पॉलीथीन में पैसो को रख लिया था, लेकिन शातिर बदमाशों ने चोरी करने में कामयाबी पा ही लिया।
जांच में जुटी पुलिस :
खाताधारक के द्वारा इसकी सूचना बैंक प्रबंधक सहित थाने में दिया है, जिसके बाद कोतवाली पुलिस अज्ञात को तलाशने में जुटी हुई है। बैंक की सीसीटीवी व शहर में लगे अन्य सीसीटीवी को खंगालने के बाद भी उनकी पहचान की जा सकती है। लेकिन बैंक में लगे सीसीटीवी पर व्यवस्थित तस्वीर न होने के कारण व बाहर की तरफ बेहतर कैमरे का उपयोग न होना प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है, इतना ही नहीं बैंक में गार्ड का मौजूद न होना भी एक तरह से बैंक की सुरक्षा के प्रति लापरवाही पूर्ण कार्य है।
दलालों पर ज्यादा मेहरबान :
बैंक प्रबंधक सहित कुछेक बैंक कर्मी जब दलालो, सूदखोरो व योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर कमीशनखोरी करने लगे तो निश्चित ही खाताधारकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बैंक की सुरक्षा व्यवस्था को छोड सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक जुगाड़ में ज्यादा दिलचस्पी रखने लगे हैं। यही कारण है कि बैंक में न तो गार्ड दिखाई देते हैं और न ही सुरक्षा के अन्य इंतजाम किये गये हैं।
आज भी नहीं है पार्किंग :
वर्षों से मुख्य बाजार के बीच में संचालित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पास गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, उसके बावजूद भी आज तक अन्यत्र बैंक को नहीं ले जाया गया। खाताधारकों को हर दिन अपनी गाड़ियों को पार्क करने तथा राहगीरों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पडता है। दर्जनों गाड़ियां सड़कों पर ही खड़ी हो जाती है, जिससे यातायात भी बाधित होता है। लेकिन बैंक प्रबंधन के द्वारा कभी भी इस ओर पहल नहीं किया गया।
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