इंदौर, मध्य प्रदेश। 70 करोड़ की ड्रग्स के साथ पकड़े गए आरोपियों से ये सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि आरोपी बड़े-बड़े अपराधियों को भी ड्रग्स सप्लाय करते थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने 20-22 दिन तक मुंबई-नासिक में डेरा डाला और मुंबई बम ब्लास्ट और गुलशन कुमार हत्याकांड के आरोपी को दबोच कर इंदौर लाई ये भी ड्रग्स गैंग के सदस्य निकले। पैसा कमाने के लिए ड्रग्स के सौदागर कहीं भी ड्रग्स की तस्करी करने के लिए तैयार हो जाते हैं। शनिवार को तीन आरोपियों के बाद रविवार को भी तीन कुख्यात आरोपियों को बंदी बनाया गया। इस मामले में अब तक 16 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इस ड्रग्स गैंग में अभी और भी कुख्यात आरोपियों के बारे में सुराग मिले हैं, वे भी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे।
प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई में पकड़े थे पांच :
क्राइम ब्रांच की टीम ने 5 जनवरी 2021 हैदराबाद तेलंगाना व इंदौर के 5 ड्रग्स तस्करों को पकड़ा था। इनके पास से 70 करोड़ रूपये कीमत की 70 किलो एमडी ड्रग्स तथा 13 लाख नगदी सहित दो कारें भी जब्त की गई थी। पुलिस रिमाण्ड के दौरान ज्ञात आरोपियों के संबंध में विवेचना दल की टीम ने 5 आरोपियों को 17 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया । इसके बाद शनिवार को तीन आरोपी के बाद रविवार को भी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में नित नए खुलासे हो रहे हैं और आरोपियों की धरपकड़ की जा रही है। रविवार को जिन तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। उसमें से एक मुंबई बम ब्लास्ट का आरोपी भी रह चुका है। दूसरा गुलशन कुमार हत्याकांड में लिप्त पाया गया था, तीसरा इंदौर का बदमाश है जिसके खिलाफ पहले से ही कई केस दर्ज हैं।
गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी :
वसीम उर्फ बाबूजी उर्फ असलम खान पिता बाबू खान, निवासी बांद्रा भैरव बड़ा। मुंबई हाल निवासी साईनाथ नगर, नासिक। आरोपी 1996 में हत्या के अपराध में थाना नागपाडा आर्थर रोड जेल में 3 महीने तक निरुद्ध रहा था। उसके बाद जमानत पर बाहर आया था तथा 1997 में गुलशन कुमार हत्याकांड में अबू सलेम के साथियों के साथ उसका नाम प्रकरण में जुड़ा। वह डेढ़ साल तक कुर्ला, साइन, धारावी, में फरारी काटता रहा लेकिन 1998 में गिरफ्तार होने के 3 साल बाद आर्थर रोड जेल में निरुद्ध रहा। 2001 में छूटने के बाद आरोपी नासिक आ गया था। चार-पांच साल पहले वह अपने दोस्त अयूब के साथ रहीस खान से मिला था जो ड्रग्स डीलर था। उसने कुछ पैसों की व्यवस्था के लिए कहा तो रहीस खान ने ड्रग्स की सप्लाई कर पैसा कमाने की बात कही, एम डी ड्रग्स की तस्करी तथा बिक्री के बदले में मोटी रकम देने का लालच दिया । अत: आरोपी बार-बार रहीस से ड्रग्स खरीदने लगा और अन्य उसके परिचित आरोपियों के नाम उसने पूछताछ के दौरान बताए हैं उनसे भी ड्रग्स लेकर मार्केट में खपाने लगा।
मटन वाला भी बना था सीरीयल बम ब्लास्ट का आरोपी :
आरोपी अयूब पिता इब्राहिम कुरैशी, निवासी नौपाड़ा घास बाजार, बांद्रा ईस्ट मुंबई को भी गिरफ्तार किया गया है। उसने बताया कि वह पूर्व में मटन का व्यापार बांद्रा मुंबई में करता था। उसके पास मटन खरीदने के लिए कई सारे नशे के सौदागर आते थे अत: वह इस प्रकार नशे के सौदागरों के संपंर्क में आया। अयूब 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में भी आरोपी रहा है। ये मुंबई ब्लास्ट के प्रकरण में टाइगर मेमन और प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपियों से संपर्क में था। उसके कब्जे से गिरफ्तारी के समय मुंबई पुलिस ने विस्फोटक पदार्थ एवं फायर आर्म्स मय कारतूस के जप्त किए थे। आरोपी प्रकरण के मामले में 32 महीने तक 1995 में आर्थर रोड जेल में मुंबई में बंद रहा था। जमानत पर बाहर आने के बाद उसने वापस से धंधा शुरू किया वापस से मुंबई कोर्ट से निर्णय आने के बाद आरोपी औरंगाबाद जेल चला गया । 2008 में सजा काटने के बाद आरोपी अयूब जेल से बाहर आ गया। तब से ही वह ड्रग्स सप्लाय कर रहा है।
आरोपी अयूब का संबंध अशफाक उर्फ एसी राज से था जो पूर्व में ड्रग्स तस्करी के मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी अशफाक की निशानदेही पर अयूब के नाम का खुलासा होने पर उसको बांद्रा मुंबई से क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने बताया कि वह इंदौर जिले की बाहरी सीमा में कई बार आरोपी दिनेश अग्रवाल और उसके साथियों से ड्रग्स लेने आया था तथा ड्रग्स खरीद कर खपाने लगा था।
डकैती जैसे अपराध करने वाला भी ड्रग डीलर :
क्राइम ब्रांच की टीम ने इसी प्रकरण में ड्रग्स तस्करी में संलिप्त एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसका नाम गौरव उर्फ मोंटू पुरी पिता विनोद पुरी, निवासी प्रिंस यशवंत रोड, पंढरीनाथ थाने के पीछे है। आरोपी ने बताया कि वह आरोपी रहीस और दिनेश अग्रवाल सहित आरोपी अशफाक उर्फ एसी राज के संपर्क में था। जिनके माध्यम से ड्रग्स खरीद कर स्वयं नशा करता था एवं बाजारों में बेचता था। आरोपी ने बताया कि वह पूर्व में डकैती की योजना के मामले में जेल जा चुका है। इसके अलावा आरोपी पर पंढरीनाथ, सराफा, एमजी रोड, जूनी इंदौर, अन्नपूर्णा, द्वारकापुरी, आदि थानों में कई मामले आरोपी के खिलाफ दर्ज हैं। आरोपी रहीस से भी ड्रग्स खरीद कर बाजारों में बेचता था और अधिक ड्रग्स की आवश्यकता होने पर ऐसी राज उर्फ अशफाक के माध्यम से दिनेश अग्रवाल से संपर्क कर ड्रग्स खरीदता था तथा बाजारों में अन्य साथियों को बेचता था जिस सम्बन्ध में पूछताछ की जा रही है।
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