इंदौर, मध्यप्रदेश। कोरोना विस्फोट का सिलसिला जारी है। शनिवार रात को जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक 10,862 जांच में 1852 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोरोना के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक दिन में इतने अधिक पॉजिटिव केस निकले हों। इसको पूर्व 18 अप्रैल 2021 को 1825 पॉजिटिव केस निकले थे।
बुलेटिन के मुताबिक कोरोना से एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 1398 हो गई है। वहीं एक्टिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 8940 हो गया है। राहत वाली बात यह है कि इनमें से बहुत कम मरीज अस्पतालों में इलाजरत हैं। 463 लोगों ने कोरोना से जंग जीती। अब तक 32 लाख 74 हजार 415 टेस्ट में 1 लाख 65 हजार 124 लोग पॉजिटिव हो चुके हैं। संक्रमितों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं, लेकिन सभी हल्के लक्षण वाले हैं और घर के अन्य सदस्यों के संपर्क में आने से कोराना की चपेट में आए हैं। सभी एसिम्प्टोमैटिक होने पर होम आइसोलेट हैं।
1 से 15 फरवरी रह सकता है तीसरी लहर का पीक :
कलेक्टर मनीष सिंह ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार फरवरी के शुरुआती दो हफ्तों में और तेज होने की आशंका जताई है। यानी 1 से 13 फरवरी के बीच संक्रमण पीक पर रहेगा और एक्टिव केसों की संख्या भी हजारों में होगी। करीब 7 हजार मरीज हॉस्पिटलाइज हो सकते हैं, लेकिन यह सब मॉडल पर डिपेंड करता है। ओमिक्रॉन किस प्रकार से चलेगा, फ्लो कैसा रहेगा और संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि अभी इस समय जिस प्रकार का ट्रेंड चल रहा है यानी जो कोविड पॉजिटिव हो रहा है कितने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से पॉजिटिविटी आ रही है, उससे ट्रेंड समझ में आता है कि कितने लोगों को स्प्रेड कर रहा था। ऐसे 8-10 पैरा मीटर्स हैं जिसमें एक मॉडल है जिस पर रिसर्च होती है। इस मॉडल में कम्युनिकेटिंग डीसीज में यह बात सामने आई है कि पिछले 7 दिनों में 2 प्रतिशत हॉस्पिटिलाइजेशन देखा गया। विदेशों में अभी 5 से 6 प्रतिशत हॉस्पिटलाइजेशन है।
रैपिड कोविड टेस्ट किट फायदेमंद :
कलेक्टर मनीष सिंह ने शनिवार को कहा कि रैपिड कोविड टेस्ट किट व्यक्ति के जीवन के लिए व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। भले ही इससे आंकड़े नहीं आ रहे हो लेकिन रैपिड टेस्ट से लोगों को समय पर इलाज करने में मदद मिल रही है। उल्लेखनीय है कि रेपिड कोविड टेस्ट किट ऑनलाइन उपलब्ध है और कोई भी मंगाकर इसे घर पर अपना टेस्ट कर सकता है, इसका कोई रिकार्ड नहीं रखा जा रहा है। वहीं कोरोना के इलाज के लिए सभी चिह्नित निजी और सरकारी अस्पतालों को कोरोना के खतरे को देखते हुए तैयार रखा गया है। यहां पर ऑक्सीजन के साथ ही जरूरी दवाओं की पर्याप्त मात्रा में भंडारण कर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार यदि रेमेडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी तो दूसरी लहर जैसी कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी और सभी मरीजों को आसानी से उपलब्ध होगी। साथ ही निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ लूटखसौट न हो, इसको लेकर भी दरें तय कर दी हैं और लगातार माानिटरिंग की जाएगी।
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