राज एक्सप्रेस। उत्तराखंड में कोराना के बढ़ते संक्रमण के कारण आगामी 30 अप्रैल तक राज्य के देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिह नगर तथा कोटद्वार भाबर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को बन्द रखने के निर्देश दिये गये हैं। इन संस्थानों में छात्र छात्राओं को ऑनलाईन पढ़ाई कराई जायेगी। जबकि राज्य के अन्य जिलों के शिक्षण संस्थान खुले रहेंगे तथा ऑफलाईन एवं ऑनलाईन दोनो मोड में पढ़ाई होगी। मीडिया को जारी एक बयान में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। विशेषकर अधिक जनसंख्या वाले मैदानी जिलों में कोरोना का प्रभाव अधिक देखा गया है। इसी के मध्य नजर राज्य के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिह नगर तथा कोटद्वार भाबर के सभी राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थनों को आगामी 30 अप्रैल 2021 तक बन्द रखने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं।
इसी के साथ इन शिक्षण संस्थानों में छात्र छात्राओं की पढाई ऑनलाईन कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जबकि राज्य के अन्य जिलों में समस्त उच्च शिक्षण संस्थान खुले रहेंगे, लेकिन छात्र छात्राओं को कालेज आने की बाघ्यता नहीं होगी। इन शिक्षण संस्थानों में ऑफलाईन एवं ऑनलाईन दोनों मोड में पढ़ाई जारी रहेगी। विभागीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोरोना को प्रभाव को देखते हुए गत वर्ष ही राज्य के सभी राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों को भी ऑनलाईन शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दे दिये गये थे जिसका परिणाम यह रहा कि वर्तमान में राज्य के लगभग सभी राजकीय महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों को 4जी नेटवर्क सेवा से जोड़ दिया गया है जबकि निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा भी अपने स्तर से ऑनलाईन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। ताकि छात्र छात्राओं को अध्ययन करने मे किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न न हो।
डॉ रावत ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब छात्रों एवं शिक्षकों को कोविड संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए पठन पाठन का कार्य जारी रखना होगा। हम सब को इन्हीं परिस्थिति में जीने की आदत डालनी होगी तभी हम आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ऑनलाईन पढ़ाई को बेहतर ढंग से कराये जाने के लिए शासन स्तर से निगरानी की भी व्यवस्था की जायेगी।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
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