हाइलाइट्स –
बढ़ रहे कोविड-19 मरीज
अभी तीसरे नंबर पर है भारत
विशेषज्ञों ने जताई गहरी चिंता
राज एक्सप्रेस। भारत में कोरोनोवायरस संक्रमण मामलों में वृद्धि के लिए विशेषज्ञों ने जांच परीक्षण की बढ़ती दर और देश के राज्यों में अर्थव्यवस्था की क्रमिक शुरुआत को माना है। आंकड़ों के मान से देश ने एक सप्ताह में पांच लाख से अधिक मामलों को देखा है।
रविवार की उछाल -
रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक 78,761 मामलों की रिकॉर्ड एकल-दिवसीय उछाल से भारत के कोविड-19 संबंधी केस 35,42,733 तक जा पहुंचे।
“मामलों में इस वृद्धि की उम्मीद की गई थी, लेकिन यह बताया गया कि यह राज्यों में एक समरूप घटना नहीं है।”डॉ. समीरन पांडा, प्रमुख, महामारी विज्ञान और संचारी रोग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)
डॉक्टर पांडा कहते हैं कि; "यह कुछ खास स्थानों या फिर उन समूहों के बीच हो रहा है जहां अतिसंवेदनशील आबादी का दखल है। साथ ही जहां स्पर्शोन्मुख या हल्के रूप से रोगसूचक मामले जो इस महामारी के संचरण के लिए प्रमुख कारक हैं वहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसलिए इन क्षेत्रों में बीमारी के संचरण को बाधित करने के प्रयास करना जरूरी हैं।”
डॉ. पांडा का मानना है कि; जांच परीक्षण में तेजी से वृद्धि आने से भी अधिक संख्या में मामलों का पता चल रहा है।
"अर्थव्यवस्था के खुलने और लोगों की आवाजाही बढ़ने के साथ कोविड-19 से बचने सुझाए गए उपायों की जनमानस बीच अनदेखी भी संक्रमण के मामलों को बढ़ा रही है। लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए सुरक्षित उपयुक्त व्यवहार करना जरूरी है।"डॉ. समीरन पांडा, प्रमुख, महामारी विज्ञान और संचारी रोग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)
नहीं कर रहे पालन -
अग्रणी वाइरस विज्ञानी (वायरोलॉजिस्ट) शाहिद जमील का मानना है कि लोग मास्क पहनने, हाथ की सफाई और सामाजिक दूरी जैसी प्राथमिक एहतियातन सलाह का पालन नहीं कर रहे हैं। उनका मानना है कि; यह उस अधिकारिक वर्णनों का परिणाम है जिसमें केवल स्वास्थ्य लाभ दर बढ़ने और मृत्यु दर के घटने का जिक्र है।
"इस मामले में हम रोजाना सबसे अधिक दैनिक संख्या बढ़ा रहे हैं। कुल संक्रमण संख्या में अब हम तीसरे स्थान पर हैं और कुल मौतों के मोर्चे पर भी तीसरे स्थान पर पहुंचने वाले हैं।"शाहिद जमील, वाइरस विज्ञानी
करें परिपालन -
आगामी संकट से बचने के लिए विशेषज्ञों ने लोगों से कोविड-19 से बचाव संबंधी उपयुक्त उपायों को अपनाने की राय दी है। इसमें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना, हाथों की स्वच्छता एवं निरंतर श्वसन शिष्टाचार जैसी दैनिक क्रियाएं शामिल हैं।
साथ ही उनकी राय है कि; सरकार को कोरोना वायरस डिजीज से होने वाली मौतों को रोकने पर अपना ध्यान पूरी तरह से केंद्रित करना होगा।
अमेरिका-ब्राजील और भारत -
कन्फेडरेशन ऑफ मेडिकल एसोसिएशन ऑफ एशिया एंड ओशिनिया (CMAAO) के अध्यक्ष और पूर्व IMA प्रमुख डॉक्टर केके अग्रवाल का मानना है कि; "इस स्तर पर सरकारी प्रयासों से मामलों की संख्या की जांच करने का कोई तरीका नहीं है।"
डॉ. अग्रवाल ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत स्तर पर सजगता और सतर्कता बरतने की जरूरत बताई।
"अगर यह मौजूदा चलन जारी रहा, तो कोई भी भारत को ब्राजील और अमेरिका (मामलों की संख्या) को पार करने से नहीं रोक सकता है। यह संभवत: छह सप्ताह में होगा। ऐसा कोई तरीका नहीं है कि हम सरकारी प्रयासों से मामलों की संख्या की जांच कर सकें। अब रोकथाम के लिए व्यक्तिगत प्रयास आवश्यक होगा।"डॉ. केके अग्रवाल, अध्यक्ष CMAAO
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक "लॉकडाउन (अर्थव्यवस्था) खुलने से मामलों में उछाल आएगी। लॉकिंग पीरियड लोगों को खुद को संक्रमित होने से रोकने के बारे में तैयार करने और संवेदनशील बनाने के लिए था। अब मृत्यु दर की जांच करना अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए सरकार को मृत्यु दर में कमी लाने पर ध्यान देना चाहिए।"
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में रविवार तक कोविड-19 से 63,498 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई। रविवार के आंकड़ों के मान से इनमें से पिछले 24 घंटों में बीमारी के कारण 948 लोगों ने दम तोड़ दिया।
परीक्षण रिकॉर्ड -
सरकारी सूत्रों के अनुसार, शनिवार को कोविड-19 का पता लगाने के लिए रिकॉर्ड 10.5 लाख परीक्षण किए गए। इस संख्या को जोड़ने से जो भारत के संचयी परीक्षणों की संख्या 4,14,61,636 पहुंच गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में कोविड-19 सकारात्मकता दर 7.50 प्रतिशत है।
डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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