Zomato ने किया Blinkit का अधिग्रहण, घाटे में चल रही दोनों कंपनियां  Syed Dabeer Hussain - RE
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Zomato ने किया Blinkit का अधिग्रहण, घाटे में चल रही दोनों कंपनियां

ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने ब्लिंकइट (Blinkit) का अधिग्रहण कर उसे ख़रीद लिया है। हालांकि, यह अधिग्रहण उस कहावत के तौर पर देखा जा रहा है कि, ‘हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे।’

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय में कई बड़ी कंपनियों ने अन्य दूसरी भारत या विदेश की कंपनियों के साथ कई डील्स फ़ाइनल कर साझेदारी हासिल की है। इस कड़ी में कई अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों ने एक दूसरे के साथ साझेदारी की हैं। इन्हीं कपंनियों की राह चलकर अब ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप आधारित कंपनी जोमैटो (Zomato) ने ब्लिंकइट (Blinkit) का अधिग्रहण कर उसे ख़रीद लिया है। हालांकि, यह अधिग्रहण उस कहावत के तौर पर देखा जा रहा है कि, ‘हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे।’

Zomato ने किया Blinkit का अधिग्रहण :

दरअसल, पिछले काफी समय में कई बैंकों या कंपनियों ने अपने मुनाफे या योजना के लिए अधिग्रहण और मर्ज जैसे रास्ते अपनाए हैं। इसी कड़ी में अब फ़ूड डिलवरी एप आधारित कंपनी जोमैटो (Zomato) ने ब्लिंकइट (Blinkit) का अधिग्रहण कर लिया है, लेकिन इस डील को उस कहावत के तौर पर इसलिए देखा जा रहा है। क्योंकि, Zomato ने भले Blinkit को ख़रीद लिया हो, इस डील का आउटकम ज़ीरो बताया जा रहा है। बता दें, Blinkit कंपनी इन दिनों गंभीर नकदी संकट से गुजर रही है और Zomato को हाल ही में 31 मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही में 360 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। क्योंकि कंपनी का खर्च लगभग दोगुना हो चुका है। जबकि, पिछले साल की सामान अवधि में कंपनी का घाटा 134 करोड़ रुपये था।

कितने में हुई डील :

बताते चलें, , Zomato ने Blinkit का अधिग्रहण 4,447 करोड़ रुपये में किया है। जबकि शुरुआत में यह डील 70 करोड़ डॉलर में होने का अनुमान लगाया गया था। Zomato के बोर्ड ने 24 जून को Blinkit के अधिग्रहण को अनुमति दे दी थी। बता दें, Blinkit को पहले ग्रोफर्स (Grofers) के नाम से जाना जाता था। अब ऐसे में सोचले वाली बता यह है कि, जब Zomato कंपनी खुद घाटे में है तो, वो किसी दूसरी पहले से घाटे में चल रही कंपनी को खरीदकर उसे फायदा कैसे देगी। ऐसे में यही बात सामने आती है कि, हम तो डूबेंगे तुम्हे भी साथ लेकर डूबेंगे। इस डील से Blinkit के पिछले 3 साल के सालाना टर्नओवर की जानकारी सामने आई है। इस जानकारी के अनुसार, ब्लिंकइट का टर्नओवर वित्त वर्ष 2020 में 165 करोड़ रुपये, 2021 में 200 करोड़ और 2022 में 263 करोड़ था।

Zomato का कहना :

खबर तो यह भी है कि, Zomato की रेस्टोरेंट सप्लाई सब्सिडियरी हाइपरप्योर (Hyperpure) 60.7 करोड़ रुपये में हैंड्स ऑन ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड (Hands on Trade Private limited) की वेयरहाउस और एंसिलिरी सर्विसेज बिजनेस का अधिग्रहण करेगी। जबकि Zomato का कहना है कि, 'कंपनी के मुख्य खाद्य-संबंधित व्यवसाय जिनमें फ़ूड डिलीवरी, डाइनिंग-आउट और B2 सप्लाई यूनिट शामिल है। इसी पर उसका मुख्य फोकस रहेगा। वह फ़ूड डिलीवरी व्यवसाय के आसपास पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में निवेश करना चाहता है।'

Zomato का अनुमान :

Zomato ने अनुमान लगाया है कि, मौजूदा पैमाने पर अपने खाद्य वितरण व्यवसाय में 5% योगदान मार्जिन ब्रेक-ईवन सुनिश्चित कर सकता है। इसके अलावा, ज़ोमैटो अपने मुख्य खाद्य व्यवसायों में वृद्धि के लिए धन देना जारी रखेगा, जब तक कि वे लाभदायक नहीं हो जाते। गौरतलब है कि, बीते तीन सालों में Zomato का औसत ऑर्डर कीमत (average order value) बढ़कर 400 रुपये हो गई है। ऐसे में लोग Zomato को लेकर सोचते है कि, कंपनी काफी मुनाफा कमा रही होगी, लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि, मार्च में हुए घाटे के बाद भी यह खाद्य वितरण व्यवसाय परिपक्वता के शुरुआती संकेत दिखा रहा है।

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