राज एक्सप्रेस। आज भारत ने जूम, गूगल मीट जैसी विदेशी कंपनियों को टक्कर देने के लिए इस तरह की सुविधा प्रदान करने वाला प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए स्वदेशी कंपनियों में Zoho, HCL और 8 अन्य कंपनियों को चुना है। आपको जान कर हैरानी होगी कि, इन कंपनियों में शामिल भारत की Zoho नाम की एक बड़ी सॉफ्टवेयर प्रॉडक्ट कंपनी केलिफोर्निया से तमिलनाडु एक छोटे से गांव में स्थानांतरित हुई है। चलिए, इस कंपनी के बारे में विस्तार से जानें...
छोटे से गांव में छिपी Zoho सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी :
ज्यादातर लोग छोटे गाँव से आकर बड़े शहरों में काम करते है और यही चलन काफी अरसे से चला भी आ रहा है। लेकिन Zoho कंपनी ने इस विचारधारा को बदल कर रख दिया है। दरअसल, तेनकाशी नाम का एक गाँव है, जिसका नाम मानचित्र पर सिर्फ 'Courtallam' नाम के पाँच प्रसिद्ध झरने गिरने के कारण ही मौजूद है, लेकिन क्या आपको पता है कि, इसी छोटे से गांव में एक zoho नाम की सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी भी छिपी हुई है। जो कि, तमिलनाडु की राजधानी से 650 किलोमीटर दूर हरियाली में छिपी हुई है।
कंपनी की स्थापना :
बताते चलें, Zoho कंपनी की स्थापना साल 1996 में 'श्रीधर वेम्बू' और 'टोनी थॉमस' नामक व्यक्तियों ने कैलिफोर्निया के प्लिस्टन में की थी। इस कंपनी का नाम पहले 'AdventNet' था। जिसे साल 2009 में बदल कर Zoho कॉरपोरेशन कर दिया गया क्योंकि, इसे तब आधिकारिक तौर पर ऑनलाइन लॉन्च किया गया था।
कैसे केलिफोर्निया की कंपनी भारत आई ?
Zoho कंपनी आज भारत की कंपनी के रूप में जानी जाती है। इसका श्रेय श्रीधर वेम्बू को जाता है। दरअसल, श्रीधर वेम्बू की यह कल्पना थी कि, जिस प्रकार लोग गाँव से शहर जाकर काम करते है। उसी प्रकार लोग बड़े शहरों से गाँव जाकर भी कर सकते है। इसके अलावा उन्होंने एक साल पहले फोब्स इंडियन को यह भी सल्हा दी थी कि, छोटे छोटे गाँव में जाकर छोटे ऑफिस बनाकर सेटेलाइट की मदद से कार्य किया जाए। जिनमे ज्यादा नहीं 15-20 कर्मचारी ही कार्यरत हो। उसके बाद उन्होंने कोरोना वायरस के प्रकोप के बढ़ने से कुछ समय पहले ही अपना कैलफोर्निया का ऑफिस छोड़ दिया और तनकशी में अपना ऑफिस स्थापित किया। जो कि, रेनिगुंटा आंध्रप्रदेश में स्थित है। बताते चलें उनके 9300 में से लगभग 500 कर्मचारी अपने गॉव चले गए।
श्रीधर वेम्बू का मानना :
दरअसल, श्रीधर वेम्बू का मानना था कि, यदि कोई शहर का व्यक्ति गांव का में आकर काम करता है तो, वो गांव की ही अन्य लोगों को वही कार्य सिखा कर गांव में ही कार्य करेंगे और उन्हें शहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा अपनी इसी सोच के साथ zoho स्कूल के 875 इंजीनियर्स के साथ मिलकर एक घर में इंजीनियर्स आर्मी तैयार की जिनके पास प्राप्त की हुई पारंपरिक डिग्री के अलावा भी ज्ञान हो और ये गांव के युवाओं को सिखा कर युवाशक्ति बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
क्या है Zoho ?
Zoho Corporation Private Limited एक भारत की एक सॉफ्टवेयर कंपनी है। यह कंपनी वेब आधारित व्यापार उपकरण बनाती है साथ ही यह सूचना प्रौद्योगिकी पर केंद्रित कंपनी है, जिसमें एक कार्यालय, उपकरण सूट, इंटरनेट ऑफ थिंग्स प्रबंधन मंच और IT मेजेमेंट सॉफ्टवेयर का एक सूट शामिल है। वर्तमान में इस कंपनी के हेडक्वाटर्स सात देशों में स्थित है।Zoho हेडक्वाटर्स चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में अपने वैश्विक मुख्यालय और प्लिसटन में कॉर्पोरेट मुख्यालय के साथ मौजूद है।
अपनी छोटे सपने से बड़े जादूगर बने 'श्रीधर वेम्बू' :
कैलिफोर्निया से लेकर तमिलनाडु के इस छोटे से गांव में zoho का ऑफिस स्थापित करने तक तय किए 'श्रीधर वेम्बू' के इस सफर में कई रुकावटे आई। कई लोगों ने उन्हें बहुत रोका यह भी कहा कि, इस तरह की सोच कभी पूरी नहीं हो सकती कि, गांव में ही लोग काम करे और शहर जाने की जरूरत न पड़े। परंतु, 'श्रीधर वेम्बू' ने सभी रुकावटों का सामना किया और अपनी छोटी सी सोच से एक बड़े जादूगर के रूप में सामने आए।
Zoho से जुड़े तथ्य :
Zoho ने पहला सॉफ्टवेयर उत्पाद यूनिकॉर्न शीर्षक नामा से तैयार किया था।
साल 2019 में Zoho ने लगभग 516 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
Zoho के ऐप के लिए 50 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता होने का भी दावा है।
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