Malabar Neem Raj Express
व्यापार

चार एकड़ कृषिभूमि में मालाबार नीम के 5000 पौधे लगाने के 8 साल बाद आपको होगी 3 करोड़ इनकम

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां आज भी अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं। अगर आप भी खेती से लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको मालाबार नीम की खेती करनी चाहिए।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइ्ट्स

  • प्लाइवुड, इमारती लकड़ी, माचिस- पेंसिल बनाने में किया जाता है है मालाबार नीम का इस्तेमाल, प्लाइवुड उद्योग में इसकी की जाती है विशेष रूप से मांग।

  • इसे ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती। यह कम पानी में ही तेजी से विकसित होने वाला पेड़ है। यह सभी तरह की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है।

  • मालाबार नीम के पौधे बहुत तेजी से बढते हैं, लगाने के 2 साल के भीतर 40 फुट तक ऊंचे हो जाते हैं। बाद के दिनोें में ये बहुत तेजी से बढ़ते हैं।

राज एक्सप्रेस। भारत एक कृषि प्रधान देश है। आज भी अधिकांश लोग किसी न किसी रूप में कृषि पर निर्भर हैं। अगर आप भी खेती से अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको मालाबार नीम की खेती करनी चाहिए। यह खेती आपको केवल पांच साल में मालामाल कर देगी। यह आपके ऊपर है आप चाहें तो खालिस मालाबार नीम की खेती करें, या चाहें तो इसे अन्य फसलों के साथ लगाएं। एक ही खेत में परंपरागत फसल के साथ-साथ आप मालाबार नीम या मेलिया डबिया की खेती कर सकते हैं। इस फसल से आप बेहद कम समय में अपनी कृषि भूमि से बेहतरीन आय कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें आपको ज्यादा देखभाल नहीं करनी है। हल्की-फुल्की देखभाल करते हुए आप कोई और काम भी कर सकते हैं।

मालाबार नीम बहुउपयोगी पेड़ होता है। इसकी लकड़ी कई काम में प्रयोग की जाती है। मालाबार नीम की लकड़ी का उपयोग पैकिंग करने, माचिस की तीली बनाने, कुर्सी-मेज, सोफा बनाने व अन्य ई कामों में बहुतायत से किया जाता है। किसान इसकी व्यवस्थित खेती करके लाखों रुपये कमा सकते हैं। इस पेड़ की लकड़ी बाजार में महंगे दामों पर बिकती है। मालाबार नीम का पेड़ साधारण नीम से थोड़ा अलग होता है। इसकी खेती सभी तरह की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। इसके लिए ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती।

यह कम पानी में ही तेजी से विकसित होने वाला पेड़ है। इसे मार्च या अप्रैल में लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। यह सभी प्रकार की मिट्टी में लगीया जा सकता है। 4 एकड़ कृषि भूमि में मालाबार नीम के 5000 पेड़ लगाए जा सकते हैं। जिसमें 2000 पेड़ खेत के बाहर वाली मेड़ पर और 3000 पेड़ खेत के अंदर लगाए जाते हैं। ये पौधे लगाने के 2 साल के भीतर 40 फुट तक ऊंचे हो जाते हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में मालाबार नीम की बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। पांच साल के समय में ही मालाबार नीम के पेड़ से अच्छी खासी मात्रा में इमारती लकड़ी तैयार हो जाती है। मालाबार नीम का पौधा एक साल में औसतन 8 से 10 फीट तक बढ़ता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसके पौधों में दीमक नहीं लगता। इस वजह से इसकी मांग काफी ज्यादा है।

मालाबार नीम की लकड़ी प्लाईवुड उद्योग के लिए सबसे पसंदीदा प्रजाति मानी जाती है। जब मालाबार नीम का पेड़ 5 साल का हो जाता है तो इससे प्लाईवुड बनाया जा सकता है। जबकि 8 साल होने के बाद इसका इस्तेमाल फर्नीचर बनाने में किया जा सकता है। जैसे जैसे पेड़ की उम्र बढ़ती है। वैसे ही कमाई भी बढ़ती जाती है।मालाबार नीम के पेड़ों की लकड़ी को 8 साल के बाद बेचा जा सकता हैं। आप इसकी 4 एकड़ में खेती करके करके आसानी से 50 लाख रुपये तक कमाई कर सकते हैं। मालाबार नीम के एक पेड़ का वजन डेढ़ से दो टन होता है। बाजार में इसकी कीमत कम से कम 500 रुपये कुंटल होती है। ऐसे में अगर 6000-7000 रुपये का भी एक पेड़ बिके तो आपके चार एकड़ क्षेत्रफल में लगाए गए 5000 पेड़ आपको लगभग 3 करोड़ रुपए की आय कराएंगे। इतने कम समय में बिना ज्यादा देखभाल किए इतने पैसे कमाना किसी अन्य खेती से संभव नहीं है।

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