हाइलाइट्स
अथाह कंटेंट वाले YT को टक्कर
नवोदित स्टार्टअप्स क्यों रहे अकड़?
नेटफ्लिक्स/अमेजन/टेलीग्राम के राज
महामारी में लोकप्रियता का चढ़ता ग्राफ
राज एक्सप्रेस। सायबर संसार के टॉपर्स में शुमार यूट्यूब को इन दिनों मार्केट के दूसरे नवोदित आंत्रप्रेन्योर्स से टक्कर मिल रही है। आलम यह है कि यूट्यूब में काम का कंटेंट ढूंढ़े नहीं मिल रहा, जबकि नेटफ्लिक्स, अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म पर सेंसरशिप लागू न होने के कारण ऊलजुलूल कंटेंट परोसे जा रहे हैं।
यू ट्यूब (YouTube- YT) एक अमेरिकी ऑनलाइन वीडियो-साझाकरण मंच है जिसका मुख्यालय सैन ब्रूनो, कैलिफ़ोर्निया में है। तीन पूर्व पेपल कर्मचारियों चाड हर्ले, स्टीव चेन और जावेद करीम ने फरवरी 2005 में इस सेवा का निर्माण किया। Google ने नवंबर 2006 में 1.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर में साइट खरीद ली थी। YouTube अब Google की सहायक कंपनी बतौर कार्य कर रहा है।
सहूलियत यू ट्यूब पर -
उपयोग करने वालों को YouTube पर अपलोड करने, देखने, रेट करने, साझा करने, प्लेलिस्ट में जोड़ने, रिपोर्ट करने, वीडियो पर टिप्पणी करने और अन्य उपयोगकर्ताओं की सदस्यता लेने का विकल्प मिलता है।
इस पर दुनिया के तमाम देशों के जुड़े यूजर्स फिल्मों, मनोरंजन के साथ ही शिक्षा-सूचना, खेती के तरीकों के बारे में जानकारियां प्रदान करते हैं। जो निःशुल्क, सशुल्क दोनों हो सकते हैं। कॉर्पोरेट मीडिया भी अब यू ट्यूब जैसे विकल्पों का सहारा ले रहा है।
यू ट्यूब कंटेंट -
वीडियो शेयरिंग के इस माध्यम पर उपलब्ध सामग्री में वीडियो क्लिप, टीवी शो क्लिप, संगीत वीडियो, लघु और वृत्तचित्र फिल्में, ऑडियो रिकॉर्डिंग, मूवी ट्रेलर, लाइव स्ट्रीम और अन्य सामग्री जैसे वीडियो ब्लॉगिंग, लघु मूल वीडियो और शिक्षा से जुड़े वीडियो शामिल हैं।
साझेदारी कार्यक्रम -
YouTube पर अधिकांश सामग्री यूजर्स द्वारा अपलोड की जाती है। हालांकि, CBS, BBC, Vevo, और Hulu सहित मीडिया निगम अपनी कुछ सामग्री को YouTube साझेदारी कार्यक्रम के तहत YouTube के माध्यम से साझा करते हैं।
इन नियमों का पालन –
साइट पर अपंजीकृत उपयोगकर्ता वीडियो तो देख सकते हैं लेकिन अपलोड नहीं कर सकते। पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को यू ट्यूब में असीमित संख्या में वीडियो अपलोड करने और वीडियो टिप्पणी जोड़ने की अनुमति है। उम्र-प्रतिबंधित होने वाले वीडियो केवल पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं।
कमाई का जरिया -
YouTube और चयनित निर्माता Google AdSense से विज्ञापन आय अर्जित करते हैं। दरअसल गूगल एडसेंस एक कार्यक्रम है जो साइट सामग्री और दर्शकों के अनुसार विज्ञापनों को लक्षित करता है।
इसमें मुफ्त में देखने वाले वीडियो बहुतायत में हैं, जबकि इसमें सब्सक्रिप्शन आधारित प्रीमियम चैनल्स, किराये पर फिल्म दर्शन, यूट्यूब म्यूजिक, यूट्यूब प्रीमियम पर किराया चुकाकर उपयोगकर्ता क्वालिटी कंटेंट का मजा ले सकता है।
रिकॉर्ड पर नजर -
दावों के मुताबिक फरवरी 2017 तक, YouTube पर प्रति मिनट 400 घंटे से अधिक सामग्री अपलोड की गई। साथ ही हर दिन YouTube पर एक अरब घंटे की सामग्री देखी गई।
एलेक्सा इंटरनेट के अनुसार वेबसाइट को दुनिया की दूसरी सबसे लोकप्रिय साइट के रूप में स्थान दिया गया। अगस्त 2018 तक इसके आगे आने वाला नाम Google का था। मई 2019 तक, हर मिनट में 500 घंटे से अधिक वीडियो सामग्री YouTube पर अपलोड की गई।
कथित तौर पर त्रैमासिक विज्ञापन राजस्व के आधार पर, YouTube को वार्षिक राजस्व में १५ बिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुमानित आमद हुई।
चोरी का माल -
YouTube को अपने कामकाज के तरीकों के कारण अंतर राष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। आरोपों के मुताबिक यू ट्यूब पर अपलोड किए गए अधिकांश वीडियोज में कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया जाता है।
कार्यनीति पर सवाल -
इसकी अनुशंसा एल्गोरिदम उन वीडियो को नष्ट करती है जो षड्यंत्र के सिद्धांतों और झूठ को बढ़ावा देती हैं। इस प्लेटफॉर्म ने लगातार आलोचना के कारण अपनी कार्यनीति में बदलाव किया है। अब यू ट्यूब पर पहले की तुलना में नाबालिगों के मन को प्रभावित करने वाले कंटेंट कम हो रहे हैं।
आयु वर्ग की चिंता -
इसमें भी आयु वर्ग की प्रमाणिकता अभी तक संदेह के घेरे में है। इसके सामान्य सेक्शन में तक एडल्ट कंटेंट साफ तौर पर दिखता है जिससे यू ट्यूब कई दफा परिवार में बच्चों के सामने सर्फ करना खतरनाक हो सकता है। साथ ही विज्ञापनों से मिलने वाली आय को लेकर भी कई बार यूजर्स और यू ट्यूब प्रबंधन के बीच अनबन सामने आ चुकी है।
व्यू काउंट फ्रॉड -
दिसंबर 2012 में यूट्यूब से जुड़े यूनिवर्सल और सोनी म्यूजिक वीडियोज के दो बिलियन से अधिक व्यूज को व्यू काउंट में से हटा दिया गया।
दरअसल ऐसा द डेली डॉट द्वारा किए एक दावे का संकेत देते हुए किया गया। कहा गया कि साइट की सेवा शर्तों के उल्लंघन के कारण व्यूज कम किए गए।
इसमें उन विचारों को हटा दिया गया था, जो दृश्य गणनाओं को बढ़ाने के लिए स्वचालित प्रक्रियाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है। विवाद का विषय बिलबोर्ड के कारण सामने आया। जिसने कहा था कि दो बिलियन व्यूज़ वीवो में ट्रांसफर किये गए।
दर्शकों की संख्या -
जनवरी 2012 के अनुमान के मुताबिक YouTube पर आने वाले यूज़र्स साइट पर रोजाना औसतन 15 मिनट समय बिताते हैं। साल 2017 में मोबाइल उपकरणों की सहज उपलब्धता के कारण यू ट्यूब पर विजिटर्स ने औसतन रोजाना एक घंटे से अधिक समय बिताया।
TikTok से चुनौती -
टिकटोक एक चीनी वीडियो-शेयरिंग सोशल नेटवर्किंग सेवा है जिसका स्वामित्व बाइटडांस के पास है। यह बीजिंग की एक इंटरनेट प्रौद्योगिकी कंपनी है, जिसकी स्थापना 2012 में झांग यिमिंग ने की थी।
यह प्लेटफॉर्म डांस, लिप-सिंक, कॉमेडी और प्रतिभा संबंधित वीडियो बनाकर शेयर करने की सुविधाओं के कारण लोकप्रिय हो रहा है। बाइटडांस ने डॉयिन के नाम से सबसे पहले चाइना के बाजार में तरकीब को आजमाया था। आईओएस और एंड्रॉयड पर चलने में सक्षम टिक टॉक 40 भाषाओं में दुनिया भर में उपयोग किया जा रहा है। इसे पढ़ें- इंडिया में TikTok के बाद Resso से ByteDance को है बड़ी आस
तालाबंदी का लाभ -
COVID-19 पैंडेमिक के कारण उपजी संसार व्यापी तालाबंदी के कारण टिकटॉक को मिलाकर कुछ एप्लिकेशन्स ने लोकप्रियता हासिल की। साल 2020 में अप्रैल के दावों के मुताबिक टिकटॉक ने एक बिलियन उपयोगकर्ता की मंजिल को पार कर लिया था।
लेकिन हाल ही में यू ट्यूबर्स और टिक टॉकर के बीच छिड़ी जंग के कारण टिक टॉक उपयोग करने वालों की संख्या में तेज गिरावट भी देखी जा रही है। इसका कारण कुछ एक्सपर्ट्स भारतीय जनमानस में चीन के प्रति अविश्वास की भी भावना भी मानते हैं।
हाल ही में यूट्यूबर कैरी मिनाती और टिक टॉकर आमिर सिद्दिकी के कारण दोनों प्लेटफॉर्म्स के यूजर्स जमकर भिड़ रहे हैं। आंकड़ों पर यदि विश्वास करें तो कैरी मिनाती यू ट्यूब पर सनसनी बन गए हैं। इसे पढ़ें - चाइनीज CEOs ने कैसे की तगड़ी कमाई?
#BanTikTok -
मिनाती के वीडियो को देखने वालों की संख्या 70 लाख से ज्यादा तक जा पहुंची है। संगीत के अलावा इतने व्यूअर्स जुटाने का यू ट्यूब पर यह एक रिकॉर्ड कहा जा सकता है। हालांकि इस बीच मिनाती के वीडियोज को नीतियों का उल्लंघन करने के कारण यू ट्यूब प्लेटफॉर्म से हटा भी दिया गया। इसके बाद से हैश टैग जस्टिस फॉर कैरी (#JusticeForCarry) और हैश टैग बैन टिक टॉक (#BanTikTok) यह दो अपीलें ट्विटर पर जमकर बतियाई जा रही हैं।
टिक टॉक का गिरता ग्राफ -
टिक टॉक की रेटिंग में गिरावट देखी जा रही है। सिद्दिकी और मिनाती के बीच छिड़े वाक युद्ध के कारण टिक टॉक ऐप को खासा नुकसान हुआ है। दोनों यूजर्स की कहासुनी के कारण टिक टॉक ऐप की रेटिंग मात्र कुछ ही दिनों में सीधे तौर पर 4.5 से घटकर 3.2 प्रभावित हुई। यू ट्यूब के पन्नों पर भी नकारात्मक टिप्पणियों की भरमार इन दिनों देखी जा सकती है।
नारी गरिमा का दुरुपयोग -
YouTube बनाम TikTok की लड़ाई में महिला सम्मान की भावना भी सवाल के घेरे में है। महिलाओँ के मामले में दुर्व्यवहार संबंधी अंतर्निहित मुद्दा केवल टिकटॉक तक सीमित नहीं, बल्कि इंस्टाग्राम, फेसबुक और यहां तक कि ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया साइटों पर महिला शक्ति का मखौल और गलत व्याख्या चिंता का विषय है।
एसिड अटैक -
टिक टॉक के एक यूजर का वीडियो जिसमें महिलाओँ पर एसिड अटैक को सराहा जा रहा है को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके कारण टिक टॉक को भी खासी प्रतिक्रियाएं मिलीं।
टिक टॉक को करें भारत में प्रतिबंधित -
टिक टॉक को भारत में प्रतिबंधित करने की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि इस मामले में हमें जरा मुड़कर देखना होगा। टिक टॉक को बैन करने के मौजूदा ज्वार की ही तरह कुछ समय पहले ऑन लाइन गैम पबजी को लत बताकर बैन करने के लिए #BanPUBG नाम का भी तूफान उठा था।
#BanPUBG -
गौरतलब है कि कुछ प्रतिबंध के बाद यह खेल भारत में फिर लोकप्रियता बटोर रहा है। इसी तरह TikTok में मौजूद आपत्ति और अपमानजनक सामग्री को हटाने और मानदंडों एवं सेवा शर्तों को मजबूत करने के साथ ही पालन करने के लिए भी चाइनीज प्लेटफॉर्म्स को विवश किया जा सकता है।
चोरी का नया अड्डा टेलीग्राम -
टेलीग्राम एक क्लाउड-आधारित त्वरित संदेश और वॉयस ओवर की सुविधाओं से लैस आईपी सेवा है। टेलीग्राम क्लाइंट ऐप एंड्रॉइड, आईओएस, विंडोज फोन, विंडोज, मैकओएस और लाइनक्स पर उपलब्ध है। इसमें उपयोगकर्ता संदेश भेज सकते हैं और फ़ोटो, वीडियो, स्टिकर, ऑडियो और किसी भी प्रकार की फ़ाइलों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
इसी का परिणाम है कि जब यू ट्यूब नियम शर्तों के परिपालन में सावधानी बरत रहा है, तब टेलीग्राम पर कॉपी राइट संबंधी मुद्दों को दरकिनार किया जा रहा है। इस प्लेटफॉर्म पर फिल्मों से लेकर तमाम वेबसीरीज को अवैध तरीके से यूजर्स बीच परोसा जा रहा है।
टेलीग्राम संग दिक्कतें -
टेलीग्राम क्लाइंट-साइड कोड ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर है, लेकिन हाल के संस्करणों के लिए स्रोत कोड हमेशा तुरंत प्रकाशित नहीं होता है। इसका सर्वर-साइड कोड बंद-स्रोत है।
इसमें स्वतंत्र डेवलपर्स को एपीआई सेवा भी प्रदान की जाती है। अप्रैल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीग्राम के 400 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं जबकि कम से कम 1.5 मिलियन नये यूजर्स रोजाना मंच पर दर्शन लाभ उठाते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर भी सामूहिक वीडियो कॉलिंग सुविधा लागू करने का वादा किया गया है।
सुरक्षा का मसला -
टेलीग्राम ऐप की खास बात ये है कि यह किसी भी सर्वर का इस्तेमाल नहीं करता। इंक्रिप्शन (दो लोगों के बीच संदेशों में बाहरी प्रवेश नहीं) भी काफी जटिल है, जिसे तोड़कर रोजाना निगरानी करना भी दुष्कर काम है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों ने इस पर अवैध गतिविधियों की आशंका जताई है।
गैर-लाभकारी संगठन के रूप में लोकप्रिय Telegram पर यूजर्स को सभी सेवाएं निःशुल्क मिलती हैं। Telegram कंपनी का यह भी दावा है कि भविष्य में भी सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाएंगी।
नेट फ्लिक्स –
Netflix, Inc. एक अमेरिकी मीडिया-सेवा प्रदाता और मीडिया कंटेंट उत्पादन कंपनी है। लॉस गतोस, कैलिफ़ोर्निया मुख्यालय बेस्ट कंपनी की स्थापना 1997 में रीड हेस्टिंग्स और मार्क रैंडोल्फ ने की। इसे पढ़ें- इंडियन कंटेंट बनाने बाजार में Netflix के इतने करोड़ दांव पर
टक्कर की वजह -
दरअसल यूट्यूब को जो चुनौती मिल रही है उसमें सशक्त प्रतिस्पर्धी नेट फ्लिक्स और अमेजन प्लेटफॉर्म हैं। इन दोनों प्लेटफॉर्म पर कुछ मुफ्त तो अधिकतर सशुल्क सेवाएं हाजिर हैं। खास तौर पर मनोरंजन के मामले में वेबसीरीज के जरिए इंडिया में अपने कंटेंट्स का लोहा मनवाने वाले नेटफ्लिक्स ने भारत में कार्यक्रम और फिल्मों की रीत लगभग बदल कर रख दी है।
उपरोक्त दोनों प्लेटफॉर्म्स पर कॉपी राइट का तो खासा ख्याल रखा जा रहा है, लेकिन सेंशरशिप की कड़ाई की गैर मौजूदगी के कारण अश्लील दृश्य और अपशब्द कहानी की डिमांड बताकर ठूंसे जा रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जा रहे वीडियोज से भारतीयों की धार्मिक मान्यताएं प्रभावित होने के आरोप तक लगे हैं।
अमेजन.कॉम -
Amazon.com, Inc., सिएटल स्थित एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय समूह प्रौद्योगिकी कंपनी है। इसका जोर ई-कॉमर्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, डिजिटल स्ट्रीमिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर है। यह Google, Apple और Microsoft के साथ बिग फोर टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है।
पाताल लोक का मामला -
हाल ही में हॉलीवुड एक्टर, अनुष्का शर्मा से जुड़ी वेबसीरीज पाताल लोक को लेकर कई आरोप लगे। एक भारतीय ने विरोध स्वरूप अपनी मादा श्वान का नाम तक बदल दिया। इस बारे में उसका स्पष्ट मत था कि कार्यक्रम में जानबूझकर मादा श्वान का नाम पौराणिक श्रध्येय चरित्र के नाम पर रखा गया। वीडियो देखें- (हमारा मकसद सिर्फ सूचना प्रदान करना है।)
गलतियों की पुनरावृत्ति -
अंतर साफ है, यू ट्यूब अपनी पुरानी गलती सुधारते हुए कॉपी राइट और उन्माद फैलाने वाले वीडियोज हटा रहा है, जबकि ठीक उसी के सामने टेलीग्राम, टिकटॉक जैसे नए खिलाड़ी यू ट्यूब वाली गलतियों को दोहराने बेताब हैं। टेलीग्राम तो जैसे चोरी के कंटेंट दिखाने का नया जरिया बन गया है।
पूरी ठसक के साथ मुफ्त की चीजों को पंसद करने वाले भारतीयों को यदि क्वालिटी कंटेंट का मजा लेना है तो उनको पैसा देकर सदस्यता हासिल करने की आदत भी डालना होगी। क्योंकि अब मनोरंजन ओटीपी आधारित होता जा रहा है।
मतलब मुफ्त का चंदन घिसने यानी मुफ्त में वीडियो स्ट्रीम्स का मजा लेने वालों के सामने अब मात्र दो विकल्प बाकी हैं। अव्वल तो यूट्यूब के कचरे में से सुई सरीखा उपयोगी कंटेंट ढूंढ़े या फिर नियमानुसार शुल्क चुकाकर नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर परोसे जा रहे अधकचरा मनोरंजन का हिस्सा बनें।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल एजेंसी फीड और प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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