राज एक्सप्रेस। हाल ही में देशभर में दिवाली का त्यौहार मनाया गया, इस दिन धन की देवी मानीं जाने वाली देवी लक्ष्मी जी की पूजा होती है। शायद इसी के चलते आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मन में भारतीय करेंसी में हल्का फुल्का बदलाव करने को लेकर विचार आया था और उन्होंने इसके लिए सरकार से अपील भी की थी। उन्होंने अपनी मांग में भारत की नोटों वाली करेंसी पर गणेश-लक्ष्मी जी की फोटो होने की बात कहीं थी। हालांकि, यह होगा या नहीं यह तो नहीं पता फिलहाल नोटों के लिए तय किए गए नियमों को जान लेते हैं। आइए जानते है कि, नोट कैसे डिजाइन किए जाते हैं और इनका डिजाइन तय करने का अधिकार किसे होता है।
किसे हैं करेंसी में बदलाव करने का अधिकार :
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मांग के चलते अब सबके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि, आखिर भारत की करेंसी की डिजाइन और उस पर क्या होगा क्या नहीं ये तय करने का अधिकार किसके पास होता है ? तो हम आपको बता दें, भारत के सभी नोटों और सिक्कों का डिजाइन और रुपरेखा तय या उनमें बदलाव करने का अधिकार देश के केंद्रीय बैंक 'भारतीय रिजर्व बैंक' (RBI) और केंद्र सरकार को होता हैं। जब भी करेंसी नोट में कोई बदलाव करने को लेकर विचार किया जाता है तो, उसे RBI के केंद्रीय बोर्ड और केंद्र सरकार द्वारा अप्रूवल लेने की जरूरत पड़ती है तब ही बदलाव संभव है। इसके अलावा भारतीय सिक्कों के डिजाइन में होने वाले बदलाव को लेकर विशेषाधिकार केंद्र सरकार को मिला है।
कौन करता है नोटों की डिजाइन तैयार ?
बताते चलें, देश का केंद्रीय बैंक यानी 'भारतीय रिजर्व बैंक' (RBI) नोट (Notes) के लिए एक डिजाइन तैयार करता है, जिसे RBI के केंद्रीय बोर्ड को दिखाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 22, RBI को भारत में बैंक नोट जारी करने का “एकमात्र अधिकार” प्राप्त है। इसके अलावा धारा 25 में कहा गया है कि “बैंक नोटों का डिज़ाइन, रूप और सामग्री ऐसी होनी चाहिए जो RBI के केंद्रीय बोर्ड द्वारा की गई सिफारिशों पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार द्वारा अप्रूव हो।" इसी आधार पर नोट की डिजाइन तैयार की जाती है। वर्तमान समय में डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर की अध्यक्षता में RBI का मुद्रा प्रबंधन विभाग मुद्रा प्रबंधन के मुख्य कार्य को प्रशासित करता है।
किसे है सिक्कों की डिजाइन तय करने का अधिकार ?
बताते चलें, एक मात्र केंद्र सरकार ही है, जिसे सिक्का अधिनियम 2011 के अंतर्गत विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों (Coins) की डिजाइन तय करने और उन्हें उस डिजाइन में ढालने का अधिकार प्राप्त है। सिक्कों के मामले में RBI की भूमिका केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले सिक्कों के वितरण तक सीमित रखी गई है। और सरल शब्दों में समझे तो, सिक्को के लिए RBI की भूमिका सिमित है। क्योंकि, RBI का काम मात्र सिक्कों का वितरण करना है। वह सिक्के को डिजाइन तय नही कर सकता क्योंकि, यह सभी कार्य उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते और यह अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है।
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