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जब रतन टाटा ने दिखाई दरियादिली, उदास बैठे व्यक्ति को दिया फंडिंग का न्यौता

रतन टाटा के महान व्यक्तित्व से जुड़ी ऐसी कई कहानियां है जो हमने सुनी हैं, तो कुछ कहानियां ऐसी भी हैं जो कभी-कभार ही सामने आती हैं। ऐसी एक कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। देश के मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा की दरियादिली से तो सभी लोग वाकिफ हैं। उनके महान व्यक्तित्व से जुड़ी ऐसी कई कहानियां है जो हमने सुनी हैं, तो कुछ कहानियां ऐसी भी हैं कभी-कभार ही सामने आती हैं। जैसे आज हम आपको रतन टाटा से जुड़ा एक मजेदार किस्सा सुनाने वाले हैं जिसने किसी की तक़दीर बदलकर रख दी।

क्या है किस्सा?

आज की जानी मानी हेल्‍थकेयर कंपनी ChrysCapital के पार्टनर संजीव कौल बताते हैं कि साल 2004 के दौरान में वे जेट एयरवेज की फ्लाइट से दिल्ली जा रहे थे। दरअसल वे अपने नए स्टार्टअप के लिए इन्वेस्टमेंट की चाह में मुंबई गए थे, लेकिन उनकी यह मीटिंग सफल नहीं रही थी। वे फ्लाइट में इस कारण उदास बैठे हुए थे और उन्हें यह भी ध्यान नहीं था कि इसी फ्लाइट में रतन टाटा भी सफ़र करने वाले हैं।

जब टाटा उनके पास वाली सीट पर आकर बैठे तो वे हैरान रह गए। संजीव ने कुछ देर उन्हें देखा लेकिन बाद में लैपटॉप पर अपनी पीपीटी देखकर सोचने लगे कि आखिर क्या गलती हुई है। लेकिन तभी संजीव की टाई पर ज्यूस गिर गया, जिसे खुद रतन टाटा ने अपने नैपकिन से पोंछने की कोशिश की। संजीव ने उन्हें धन्यवाद कहा और दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई।

तब संजीव ने रतन टाटा को बताया कि वे दो अमेरिकन साइंटिस्ट के साथ देश की पहली Pharmaceutical Research & Development Company बनाना चाहते हैं। लेकिन इन्वेस्टमेंट ना मिलने के कारण इसे नहीं बना पा रहे हैं। तब टाटा ने उनकी हिम्मत बढ़ाई और उनका कांटेक्ट नंबर लिया। उसी रात संजीव कौल के पास टाटा ग्रुप से कॉल आया और उन्होंने अगले दिन टाटा बोर्ड के सामने पीपीटी पेश की। इस प्रोजेक्ट को पसंद किया गया और संजीव को फंडिंग मिल गई। इस तरह एक व्यक्ति का सपना रतन टाटा के कारण पूरा हुआ।

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