क्या है 'PETA' और क्या है इसका कार्य ? Social Media
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रणवीर सिंह को न्यूड फोटोशूट का ऑफर देने वाला 'PETA' क्या है और क्या है इसका कार्य ?

क्या आपको पता है Peta क्या है ? या यह क्या काम करती है ? हम में से बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें Peta से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है तो, आज Peta पर विस्तार से चर्चा करते हैं और समझते हैं क्या है Peta ?

Kavita Singh Rathore

Peta : बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह (Ranveer Singh) द्वारा पिछले हफ्ते कराए गए न्यूड फोटोशूट के बाद अब 'पेटा' (Peta : People for the Ethical Treatment of Animals) की तरफ से रणवीर सिंह को अपने ‘ऑल एनिमल्स हैव द सेम पार्टस- ट्राई वीगन' (Try Vegan) कैंपेन के लिए न्यूड फोटोशूट करने का ऑफर दिया गया है। रणवीर इस ऑफर को एक्सेप्ट लरते है या नहीं वो बाद की बात है, लेकिन क्या आपको पता है Peta क्या है ? या यह क्या काम करती है ? हम से बहुत लोग ऐसे हैं जिन्हें Peta से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है तो, चलिए, आज Peta पर विस्तार से चर्चा करते हैं और समझते हैं क्या है Peta ?

क्या है Peta ?

Peta (पेटा) यह एक पशु-अधिकार संगठन है। पेटा का पूरा नाम हम नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग (People for the Ethical Treatment of Animals) भी कह सकते है। इस संगठन में पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग काम करते है। यह संस्था पशुओं के अधिकारों की स्थापना और बचाव के लिए समर्पित है। यहाँ पशुओं की देख रेख से लेकर उनके रख राखब तक का पूरा ध्यान रखा जाता है। यह संस्था पशुओं के हित के लिए कार्य करती है। Peta का गठन 42 साल पहले 22 मार्च 1980 में इनग्रिड न्यूकिर्क और एलेक्स पचेको द्वारा किया गया था। यह पूरे संसार का सबसे बड़ा पशु-अधिकार संगठन है। इसका मुख्यालय यूएसए के वर्जिनिया के नॉर्फोल्क (Norfolk) में स्थित है। पूरी दुनिया में Peta के लगभग 20 लाख सदस्य हैं और यह सभी खुद को विश्व का सबसे बड़ा पशु-अधिकार संगठन के तौर पर देखे जाने का दावा करते है।

Peta का नारा :

Peta का नारा है "जानवरों को खाने, पहनने, प्रयोग करने, मनोरंजन के लिए इस्तेमाल करने या किसी अन्य तरीके से दुरुपयोग करने के लिए हमारा नहीं है।" इसके 6.5 मिलियन सदस्य और समर्थक है। जब-जब जानवरों पर कोई आपदा या मुश्किल आती है तब-तब ये संस्था आगे आकर बढ़ चढ़ कर जानवरों के हित के लिए हिस्सा लेती है। पेटा जानवरों के दुरुपयोग के बारे में नीति निर्माताओं और जनता को शिक्षित करता है और जानवरों के उपचार को बढ़ावा देता है।

कैसे प्रकाश में आया Peta ?

Peta नाम की इस संस्था पर लोगों की नजर 1981 की गर्मियों में पहली बार तब पड़ी, जब सिल्वर स्प्रिंग बन्दर वाली घटना सामने आई थी। इस घटना के तहत बंदरों पर गंभीर प्रयोग किए जा रहे थे, जिसके खिलाफ Peta द्वारा गुप्त जांच करने के बाद बंदरों पर गंभीर प्रयोगों को समाप्त कर दिया गया था। पेटा एक कमरे में 2 लोगों द्वारा शुरू की गई संस्था है, लेकिन आज इस संस्था में 20 लाख के करीब सदस्य जुड़ चुके है और लगातार लोग इस संस्था से जुड़ रहे हैं। ये सभी सदस्य मिलकर पशु बचाव के लिए कार्य करते है। यह दुनिया के पशु अधिकारों के लिए सबसे शक्तिशाली बल भी माना जाता है।

Peta द्वारा किये गए कार्य:

  • Peta ने 1980 में इनडोर फायरिंग रेंज में कुत्तों को शूट करने के लिए यू.एस. सेना की योजना को उजागर किया और बंद कर दिया।

  • Peta द्वारा ही सर्कस में जानवरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।

  • Peta ने शीशे और धातु से बने पतंग उड़ाने वाले मांझे पर रोक लगाने के लिए आवाज उठाई थी, क्योंकि, पतंगबाजी के दौरान मांझे की चपेट में आकर बड़ी संख्या में पक्षी या तो मारे जाते हैं या बुरी तरह से घायल हो जाते हैं।

  • Peta ने सालभर से ज्यादा समय तक ज़ंजीरों में कैद और महावत की पिटाई झेलने वाले तेरहा साल के सुंदर नाम के एक हाथी को आज़ाद करा कर बेंगलुरु के वाइल्ड लाइफ रिहैबिलिटेशन सेंटर में भेज दिया था।

  • Peta उन चार क्षेत्रों (कारखाने के खेतों में, प्रयोगशालाओं में, वस्त्र व्यापार में, और मनोरंजन उद्योग में) में लोगों का ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें जानवरों को सबसे ज्यादा संख्या में और सबसे लंबे समय तक अधिक तीव्रता से पीड़ित किया जाता है।

Peta का कहना :

  • लगभग असीमित विकल्पों की आज की दुनिया में, पशु शोषण केवल स्वीकार्य नहीं है। हम बेहतर खा सकते हैं, अपने आप को बेहतर ढंग से शिक्षित कर सकते हैं, अपने आप को बेहतर ढंग से परिधान कर सकते हैं, और जानवरों को यातना और हत्या के बिना बेहतर ढंग से मनोरंजन कर सकते हैं।

  • हमारी दुनिया कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है, जिनमें से सभी का ध्यान हमारी ओर ध्यान देने योग्य है। जानवरों के लिए क्रूरता उनमें से एक है। हम मानते हैं कि, सभी लोगों को जानवरों के दुरुपयोग को रोकने की कोशिश करनी चाहिए, जो वह कहीं भी कर सकते हैं।

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