What is jingle or sound signature  Social Media
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क्या है 'जिंगल' या 'साउंड सिग्नेचर' और बिजनेस के लिए क्यों है ये जरूरी?

क्या आपको पता है कि, किसी भी बिजनेस में जिंगल (Jingle) या साउंड सिग्नेचर (Sound Signature) का क्या रोल होता है और किस प्रकार ये बिजनेस को आगे बढ़ाने में काम आता है?

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज हम किसी भी बिजनेस से जुड़े जिंगल (Jingle) या साउंड सिग्नेचर (Sound Signature) की बात करेंगे। क्या आपको पता है कि, किसी भी बिजनेस में साउंड सिग्नेचर का क्या रोल होता है और किस प्रकार ये बिजनेस को आगे बढ़ाने में काम आता है? जब भी कोई बिजनेसमैन अपने बिजनेस को प्रमोट करने पर विचार करता है तो, उसके मन में सबसे पहला ख्याल अपने बिजनेस से जुड़े साउंड सिग्नेचर का आता है। इसे म्यूजिकल सिग्नेचर, साउंड ब्रांड, ईयर वर्म भी कह सकते हैं।

क्या है जिंगल (Jingle) या साउंड सिग्नेचर (Sound Signature) ?

जिंगल (Jingle) या साउंड सिग्नेचर (Sound Signature) एक तरह का साउंड इफेक्ट होता है जो, बिजनेस या प्रोडक्ट को दर्शाता है। 'किसी भी प्रोडक्ट की गुणवत्ता, रंग-रूप, संगीत के रूप में प्रकट करना जिंगल कहलाता है।' यदि हम किसी प्रोडक्ट की क्वालिटी को संगीत के रूप में प्रकट करते हैं, तो उसमे एक इमोशन उसमें जुड़ जाता है जिससे ग्राहक को काफी अच्छे से याद रहता है और खुदबखुद प्रोडक्ट की रिकॉल वैल्यू बढ़ जाती है। जिससे बिजनेस में लाभ होता है। यह साउंड ब्रांडिंग की तरह काम करता है। इसके द्वारा किसी भी प्रोडक्ट को याद रखना बहुत आसान हो जाता है। प्रोडक्ट को याद दिलाने के लिए इसका जिंगल काम आता है। किसी को भी उसके साउंड सिग्नेचर की एक लाइन याद दिलाने की जरूरत पड़ती है आगे का उसे स्वयं ही याद आजाता है। आइये कुछ उदहारण से समझे।

जिंगल के उदहारण:

  • राज एक्सप्रेस........सच कहने का साहस और सलीका

  • आया नया उजाला…………चार बूंदों वाला टिप टिप टिप

  • सबकी पसंद…………निरमा

  • असली मसाले सच सच………..MDH

  • सौन्दर्य साबुन………निरमा

  • दा टेस्ट ऑफ़ इंडिया……..अमूल

  • दो मिनिट में बनती ………. मैग्गी

  • ऑलवेज……..कोका कोला

  • क्या स्वाद है जिंदगी का……..कैडबरी

  • लाइफ बॉय है जहाँ………. तंदरुस्ती है वहाँ

  • टेड़ा है पर मेरा है…….. कुरकुरे

  • मेलोडी…….खाओ खुद जान जाओ

कैसे डिसाइड करते हैं प्रोडक्ट का जिंगल :

किसी भी प्रोडक्ट का जिंगल या साउंड सिग्नेचर डिसाइड करते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ख्याल रखना चाहिए। आइये इन बिन्दुओं को विस्तार से जानें।

  • प्रोडक्ट, वस्तु या आपके बिजनेस की पहचान

  • ग्राहक (कस्टमर) की जरूरत

  • राइमिंग वर्डस (तुकबंदी शब्द) का इस्तेमाल

  • सिम्पलिसिटी (सादगी)

प्रोडक्ट की पहचान :

किसी भी प्रोडक्ट का जिंगल बनाने के लिए उस प्रोडक्ट, वस्तु या आपके बिजनेस को पहचानना बहुत जरूरी होता है। उसका काम, उसकी पहचान, उसका रंग-रूप, उसका नाम, उसका फायदा आदि सभी चीजें प्रोडक्ट के जिंगल में साफ़ तौर पर नजर आना चाहिए। यदि आपने जिंगल में इन सभी को रखा तो यह आपके बिजनेस के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

ग्राहक की जरूरत :

जिंगल बनाते समय ग्राहक की जरूरत को पूरा ध्यान में रखना चाहिए। मान लीजिये ग्राहक की जरूरत कोई नहाने का साबुन है और जो जिंगल तैयार किया है उससे समझ ही नहीं आ रहा है कि, वो साबुन नहाने का है या कपड़े धोने का तो वो जिंगल ग्राहक की जरूरत को पूरा नहीं कर पाएगा।

राइमिंग वर्डस का इस्तेमाल :

किसी भी कंपनी को अपने प्रोडक्ट या सेवा का जिंगल तैयार करते समय उनके शब्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस शब्दों में कैचिंग ट्यून, राइमिंग वर्डस, मुहावरे या लोकोक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे वह सुनने में बहुत ही आकर्षक लगे। इसका एक बहुत ही अच्छा उदाहरण इन दिनों 'FM' (रेडियो) का जिंगल है। वह सुनने में काफी आकर्षक लगता है, क्योंकि इन्हें सिंगर्स द्वारा काफी कैचिंग ट्यून के साथ तैयार किया है।

सिम्पलिसिटी :

किसी भी प्रोडक्ट की जिंगल में सिम्पलिसिटी होनी चाहिए जिससे वह सुनने या देखने में अजीब या विचित्र न लगे। आपके जिंगल का वीडियो या ऑडियो तर्कयुक्त होना चाहिए। जिससे यह लोगों का अटेंशन पाने में समर्थ रहे।

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