त्योहारी सीजन के बाद शुरू हुआ वेडिंग सीजन, 23 दिन में होंगी 35 लाख से अधिक शादियां।
नवंबर-दिसंबर में होने वाली शादियों में 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद।
राज एक्सप्रेस। देश में त्यौहारी सीजन खत्म होते ही विवाह का सीजन शुरू हो गया है। कारोबार देने वाला शादियों का सीजन शुरू होने से कारोबारियों में उत्साह है। वेडिंग सीजन में पारंपरिक रीति-रिवाजों और जश्न के अलावा अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनने का मौका मिलता है। कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अनुमान के अनुसार इस बार नवंबर-दिसंबर में होने वाली शादियों में 4.25 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद है।
देश में 23 नवंबर से वेडिंग सीजन शुरू हो गया है, जो 15 दिसंबर तक चलेगा। इन 23 दिनों में 35 लाख से अधिक शादियां होंने वाली हैं। यानी देश में आपके इर्द-गिर्द शहनाईयों की धुन आपको भी जोश से भर देगी। सीएआईटी रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, शादियों के इस बड़े सीजन में शॉपिंग और सर्विसेज के जरिए 4.25 लाख करोड़ रुपये राजस्व पैदा होने का अनुमान है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़त मिलेगी।
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भाटिया ने कहा कि राजधानी दिल्ली शादियों के मामले में हमेशा ही सबसे आगे रहता आया है। माना जा रहा है कि दिल्ली में इन 23 में 3.5 लाख शादियां होंगी। इससे हासिल होने वाले राजस्व की बात करें तो अकेले दिल्ली में ही 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।
शादी के इन 23 दिनों के सीजन में खर्चे अलग-अलग तरीके से होते हैं। करीब 6 लाख शादियों के बारे मं अनुमान है कि हर समारोह पर 3 लाख रुपये का खर्च आएगा। जबकि 10 लाख शादियों को लेकर अनुमान है कि हर समारोह पर 6 लाख रुपये खर्च आएगा। जबकि 12 लाख शादियों में प्रति समारोह 10 लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है। 6 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें प्रति समारोह 25 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
कुछ अमीर लोग अपने बच्चों की आलीशान शादियां करना चाहते हैं, वे एक विवाह समारोह में 50 लाख रुपये कर देते हैं। इन 23 दिनों में ऐसी करीब 50,000 शादियां होने का अनुमान है। लगभग 50,000 शादियां ऐसी होंगी, जिनमें 1-1 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे। ये आंकड़े बताते हैं कि भारत में कारोबारी जगत के लिहाज से शादियों का सीजन कितना महत्वपूर्ण होता है।
सर्वे में सामने आया है कि हाल के दिनों में लोगों ने अब अपने होमटाउन की जगह लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन्स पर शादियां करनी शुरू कर दी हैं। इनमें गोवा, जयपुर, केरल और शिमला जैसी जगहों की सबसे ज्यादा मांग हैं। इसकी वजह से ऐसे स्थानों पर विवाह समारोह आयोजित करने पर इतना रेवेन्यू जेनेरेट हो जाता है कि उससे राज्यों की अर्थव्यवस्था को सहारा मिल जाता है।
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