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वॉशिंगटन पोस्ट की कहानी भयावह, यह तथ्यहीन आरोपों को सच की सजावट में पेश करने का प्रयास

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने उस मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें सरकार पर पत्रकार और विपक्षी नेताओं की निगरानी करने का आरोप लगाया गया है।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • अमेरिकी अखबार का दावा कि पत्रकारों- विपक्षी नेताओं को सिक्योरिटी अलर्ट पर एप्पल के खिलाफ लिया गया एक्शन

  • राजीव चंद्रशेखर ने कहा वॉशिंगटन पोस्ट ने जो कहानी बनाई है, वह बेहद डरावनी है। इस मामले में जांच अब भी जारी है।

  • आईफोन की ओर से जारी अलर्ट में बताया गया कि एपल को लगता है, सरकार प्रायोजित अटैकर्स आपको कर रहे टारगेट।

राज एक्सप्रेस। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 'द वॉशिंगटन पोस्ट' की उस रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत के पत्रकार और विपक्षी पार्टी के नेताओं को सिक्योरिटी अलर्ट भेजने पर दिग्गज आईफोन निर्माता एप्पल के खिलाफ भारत सरकार ने तुरंत एक्शन लिया था। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि द वॉशिंगटन पोस्ट ने एक कहानी बनाई है, जो बेहद डरावनी है। दरअसल, यह कहानी सही नहीं है। इस आरोप में अमेरिकी अखबार ने एक आधे-अधूरे सच को अच्छी तरह सजा कर पेश करने का प्रयास किया गया है। राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि नोटीफिकेशन को लेकर जांच अब भी की जा रही है।

दरअसल, भारत के कुछ विपक्षी पार्टी के नेताओं और पत्रकारों के आईफोन पर सिक्योरिटी अलर्ट अक़्टूबर में आया था। जिसमें उनके आईफोन की सुरक्षा को तोड़ने की जानकारी दी गई थी। आईफोन की ओर से जारी अलर्ट में बताया गया था कि एपल को लगता है, स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपको टारगेट कर रहे हैं। वे लोग आपकी एपल आईडी से जुड़े आईफोन को रिमोट मोड पर लेकर उसमें सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं। राजीव चंद्रशेखर एप्पल की प्रतिक्रिया को कोट किया गया है, जिसमें लिखा गया है- एपल किसी भी स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स को हमले के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराता है।

यह भी गौर करने वाली बात है कि उसके कुछ नोटिफिकेशन फॉल्स अलार्म हो सकते हैं। जबकि, कुछ मामलों में यह भी संभव है कि ऐसे हमलों का पता लगाना संभव नहीं होता है।राजीव चंद्रशेखर ने कहा इस पूरे मामले पर भारत सरकार और आईटी मंत्रालय का रिस्पॉन्स शुरुआत से ही बहुत साफ और स्थिर रहा है। अब यह एप्पल को बताना है कि उनके डिवाइस कितने सुरक्षित या उसने यह जानकारी सामने आने के बाद क्या किया। केंद्र सरकार ने फोन हैकिंग के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया था कि एप्पल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है, हालांकि उसके पास कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं है।

एप्पल ने केवल अनुमान के आधार पर अलर्ट भेजा है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा इस स्थिति में एप्पल को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका फोन कितना सुरक्षित है। एप्पल की वेबसाइट के अनुसार खतरे का नोटिफिकेशन उन यूजर्स को सूचना देने और उनकी सहायता देने के लिए डिजाइन किया गया था, जिन पर सरकार प्रायोजित हमावरों द्वारा लक्ष्य करने की कोशिश की गई हो। इस नोटिफिकेशन में फोन को सुरक्षित करने के लिए कौन कौन से कदम उठाए जा सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी दी गई है। एप्पल फोन में लॉकडाउन मॉड एक्टीवेट करने का विकल्प इस स्मार्टफोन को किसी तरह के साइबर अटैक की स्थिति में बेहद सुरक्षित बनाती है। आईफोन में जब लॉकडाउन मोड शुरू कर दिया जाता है तो एप्पल का डिवाइस, उस तरह काम नहीं करेगा जैसा वह सामान्य रूप से करता है।

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