हाइलाइट्स –
लंदन हाईकोर्ट ने हटाया सिक्योरिटी कवर
माल्या की संपत्ति नहीं हो पा रही थी नीलाम
कर्ज वसूली के लिए भारतीय बैंकों के रास्ते खुले
राज एक्सप्रेस। भारत से लंदन भागे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को लंदन हाईकोर्ट ने एक और झटका दिया है। लंदन हाईकोर्ट ने माल्या की भारत में मौजूद संपत्ति पर लगाया गया सिक्योरिटी कवर हटा दिया है।
इसका फायदा –
लंदन हाईकोर्ट के इस फैसले से अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) यानी भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले भारतीय बैंकों का संघ अब माल्या से कर्ज वसूलने के मामले में एक कदम और आगे पहुंच गया है।
यह है मामला -
तमाम भारतीय बैंकों को नौ हजार करोड़ रुपयों की चपत लगाकर भारत से चंपत विजय माल्या के लिए लंदन हाईकोर्ट का यह फैसला किसी बड़े झटके से कम नहीं है। माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस को भारतीय बैंकों ने जो कर्ज दिया था उसकी वसूली करने के लिए बैंकों के रास्ते अब खुल सकेंगे।
कंसोर्टियम की याचिका -
कर्ज वसूली के लिए SBI की अगुवाई वाले भारतीय बैंकों के संघ ने लंदन हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में माल्या की भारत में मौजूद संपत्ति पर लगाया गया सिक्योरिटी कवर हटाने की प्रार्थना की गई थी। भारतीय बैंकों की इस विनती को लंदन हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
आपको ज्ञात हो भारतीय बैंकों के समूह ने विजय माल्या की दिवालिया हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से कर्ज की वसूली के संबंध में जो याचिका दाखिल की थी उसमें संशोधन की मंगलवार को स्वीकृति दे दी गई।
खुले नीलामी के रास्ते -
लंदन हाईकोर्ट के इस फैसले से अब किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए कर्ज की वसूली के लिए भारतीय बैंक भगोड़े शराब कारोबारी की भारत में मौजूद अन्य संपत्तियों की नीलामी कर सकेंगे।
जज ने कहा -
लंदन हाईकोर्ट में चीफ इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनीज कोर्ट के जज माइकल ब्रिग्स ने मामले में भारतीय बैंकों के पक्ष में फैसला सुनाया। जज ने फैसले में कहा कि ऐसी कोई सार्वजनिक नीति नहीं है जो माल्या की संपत्ति को सुरक्षा के अधिकार प्रदान करे।
प्रत्यर्पण में देरी संभव! -
ब्रिटेन में प्रत्यर्पण से जुड़े मामले में हारने के साथ ही ब्रिटेन गृह मंत्रालय में शरण की अपील खारिज होने के बाद माल्या के लिए यह तगड़ा झटका है। माना जा रहा है; 9 हजार करोड़ रुपयों की चपत लगाकर भारत से भागने वाले विजय माल्या के प्रत्यर्पण में अभी देर हो सकती है। माल्या पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के भी इल्जाम हैं।
जीत की संभावना कम -
कानून के जानकारों के मुताबिक माल्या की ब्रिटेन में केस जीतने की संभावना लगभग नगण्य हैं। माल्या के ब्रिटेन में रहने के सभी कानून रास्ते बंद होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि कारोबारी का जल्द भारत प्रत्यर्पण भी संभव हो जाएगा।
फिलहाल बैंकों के लिए जहां उनके पास माल्या की बंधक पड़ी संपत्ति को नीलाम कर कर्ज वसूली के रास्ते खुल गए हैं वहीं माल्या के लिए अब ब्रिटेन में रहना कठिन होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक अदालत ने मामले में अंतिम बहस के लिये 26 जुलाई की तिथि तय की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 26 जुलाई को अंतिम बहस होगी।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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