राज एक्सप्रेस। जिस प्रकार भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) है, ठीक उसी तरह अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) है। जैसे हाल ही में RBI ने महंगाई ( Inflation) पर बढ़ने से रोकने के लिए रेपो रेट (Repo Rate) की दर बढ़ाई थी, लेकिन उससे सिर्फ भारत के लोग प्रभावित हुए है, लेकिन ठीक वैसे ही जब फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। बता दें, जब फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो दुनियाभर के देशों को इसका असर झलना पड़ता है। ऐसा ही कुछ अब होता नजर आ रहा है। बता दें, अमेरिका फेडरल रिजर्व की बैठक होने से पहले ही दुनियाभर के अखबार ब्याज दरों का अनुमान जताने लगते हैं।
फेडरल रिजर्व ने की ब्याज दरों में बढ़ोतरी :
दरअसल, हाल ही में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने अपने ग्राहकों को एक झटका देते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़त के तहत बैंक द्वारा 0.75% का इजाफा किया गया है। इस मामले में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावल ने बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए हरसंभव कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है। फेडरल रिजर्व के इस रुख से देश में ‘मंदी’ की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका में महंगाई दर केंद्रीय बैंक के हरसंभव प्रयास के बावजूद चार दशक के रिकॉर्ड स्तर पर है।' इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि, 'फेड रेट में 75 आधार अंकों की आक्रामक बढ़ोतरी से भारतीय रिजर्व बैंक को आने वाली दो या तीन तिमाहियों में और अधिक दरों में बढ़ोतरी करने की संभावना है, और इससे जीडीपी वृद्धि और बाजार की गति पर सीधा असर पड़ेगा।'
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दरें :
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को नीतिगत ब्याज दर में 0.75% की वृद्धि की है। इससे नीतिगत दर 1.5 से 1.75 प्रतिशत के बीच हो गई है। बताते चलें, ब्याज दरों में यह साल 1994 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। इस बढ़त के अलावा अमेरिका में महंगाई चार दशक के उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है। ऐसे में बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी अपनी प्रमुख ब्याज दरों को 0.25% बढ़ाकर 1.25% कर दिया है। उधर वस्तुओं की कीमतें बढ़ते हुए ब्रिटेन में महंगाई दर 40 वर्ष के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड का अनुमान :
बताते चलें, बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा अक्टूबर के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को भी बढ़ाकर 11% से ज्यादा कर दिया गया है। जबकि अप्रैल में महंगाई दर का यही अनुमान 9% था, जो 1982 के बाद से सबसे अधिक है। बैंक का संतोषजनक स्तर दो प्रतिशत है।
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