केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पीसी के आयात पर प्रतिबंध लागू करने के फैसले को तीन माह के लिए स्थगित कर दिया है
इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के आयात के लिए लाइसेंसिंग अनिवार्य बनाने के एक दिन बाद ही केंद्र ने इसे टालने का निर्णय लिया
सरकार ने कहा अचानक प्रतिबंध लगाने से बाजार में आपूर्ति सीमित हो जाएगी और ऐसा करने से इन वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं
राज एक्सप्रेस । केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पीसी के आयात पर प्रतिबंध लागू करने के फैसले को तीन माह के लिए स्थगित कर दिया है। सरकार का मानना है कि इस तरह अचानक प्रतिबंध लगाने से बाजार में आपूर्ति श्रंखला टूट सकती है। जिससे बाजार में इन इलेक्ट्रानिक वस्तुओं की कमी हो सकती है और इनके दाम बढ़ सकते हैं। लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंसिंग प्रणाली को अनिवार्य बनाए जाने के एक दिन बाद ही, केंद्र सरकार ने इसे लागू करने के निर्णय को लगभग तीन माह के लिए टालने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि अचानक प्रतिबंध लगाने से बाजार में आपूर्ति सीमित हो जाएगी और ऐसा करने से इन वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस अनपेक्षित स्थिति को टालने के लिए ही केंद्र सरकार ने प्रतिबंध को तीन माह के लिए स्थगित कर दिया है।
शुक्रवार देर शाम एक अधिसूचना में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट की आयात खेप को 31 अक्टूबर, 2023 तक बिना लाइसेंस के मंजूरी दे दी जाएगी। डीजीएफटी ने कहा, इन-वन पीसी, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर, कंप्यूटर और सर्वर एचएसएन 8471 के अंतर्गत आते हैं। सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है, क्योंकि सैमसंग, एप्पल जैसी और अन्य शीर्ष कंपनियों को देश में शिपमेंट रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन कंपनियों को सप्लाई चेन जारी रखने के लिए शुक्रवार से लाइसेंस की आवश्यकता होती। सरकार ने नई व्यवस्था लागू करने से ठीक 12 घंटे पहले नोटिस दिया था। इससे कंपनियों को अचानक भारत के लिए अपनी सोर्सिंग योजनाओं को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ता।
आईटी मंत्री राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने ऐसे किसी इरादे से इनकार किया और कहा सुरक्षित सोर्सिंग के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा यह बिल्कुल भी लाइसेंस राज के बारे में नहीं है। यह विश्वसनीय और सत्यापन योग्य प्रणालियों को सुनिश्चित करने के लिए आयात को विनियमित करने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि भारतीय तकनीकी ईको सिस्टम विश्वसनीय और सत्यापित प्रणालियों का उपयोग करता है, जो आयातित/घरेलू रूप से निर्मित विश्वसनीय सिस्टम/उत्पाद हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने ऐसे किसी इरादे से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित सोर्सिंग के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा यह बिल्कुल भी लाइसेंस राज के बारे में नहीं है। यह विश्वसनीय और सत्यापन योग्य प्रणालियों को सुनिश्चित करने के लिए आयात को विनियमित करने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि भारतीय तकनीकी ईको सिस्टम विश्वसनीय और सत्यापित प्रणालियों का उपयोग करता है, जो आयातित/घरेलू रूप से निर्मित विश्वसनीय सिस्टम/उत्पाद हैं।
आईटी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार शीर्ष कंप्यूटर और टैबलेट कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है, लेकिन नई व्यवस्था उन्हें लाइसेंस के माध्यम से आयात में शामिल होने से नहीं रोकेगी। अधिकारी ने कहा कि डीजीएफटी मिनटों के भीतर लाइसेंस जारी करेगा। अधिकारी ने कहा डीजीएफटी स्पष्टीकरण जारी करेगा कि उत्पादों की संख्या, आयात की मात्रा या प्रति इकाई लाइसेंस की संख्या पर कोई बैन नहीं है। अधिकारी ने बताया कि इससे कंपनियों को लाइसेंस के लिए आवेदन करने का समय मिलेगा। सीधे तौर पर चीन का नाम लेते हुए अधिकारी ने कहा कि साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रीवेंटिव मेजर्स करने की आवश्यकता है कि किसी विशेष जगह से शिपमेंट न हो।
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