two thousand rupee notes Raj Express
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बैंकों के पास आए 12,000 करोड़ मूल्य के दो हजार के नोट, वापसी के लिए अब सिर्फ एक दिन बाकी

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 2,000 रुपये के नोटों में से 87 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा कराए जा चुके हैं। अब बाजार में कुछ ही नोट बचे हैं।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • सात अक्टूबर है 2000 के नोटों को बैंकों में जमा करवाने की आखिरी तारीख

  • जल्दी कीजिए, यह समयसीमा चूक गए तो रद्दी हो जाएंगे आपके नोट

राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि 2,000 रुपये के नोटों में से 87 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा कराए जा चुके हैं। अब बाजार में कुछ ही नोट बचे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की यदि उनके पास दो हजार के नोट बाकी बचे हैं, तो वे उन्हें जल्दी ही जमा करवा दें। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने बताया कि 19 मई, 2023 को 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोटों में से 12,000 करोड़ रुपये अभी तक वापस नहीं आए हैं।

अब सिर्फ एक दिन बाकी

आरबीआई ने पिछले शनिवार को बताया था कि 29 सितंबर तक 3.42 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस प्राप्त हुए हैं और 14,000 करोड़ रुपये अभी तक वापस नहीं आए हैं। केंद्रीय बैंक ने नोटों को वापस करने की समय सीमा भी एक सप्ताह बढ़ा दी थी। अब आप आरबीआई द्वारा प्रचसलन से बाहर किये गए 2,000 के नोटों को 7 अक्टूबर तक ही बैंकों में जमा कराया जा सकता है। इस समयसीमा से चूक गए तो ये नोट रद्दी हो जाएंगे।

अब महंगाई कम करना पहली प्राथमिकता

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि केंद्रीय बैंक 4 फीसदी हेडलाइन इन्फ्लेशन टार्गेट पर पूरी तरह से अपना ध्यान फोकस करना चाहता है। उन्होंने कहा जब तक महंगाई के आंकड़े कम नहीं हो जाते, मौद्रिक नीति महंगाई को लेकर सख्त बनी रहेगी। शक्तिकांत दास ने कहा सरकार के बैंकर के रूप में आरबीआई को केंद्र सरकार के फाइनेंसेज को लेकर कोई चिंता नहीं है। सब कुछ ठीक दिशा में है।

जोखिम से बचते हुए बैंक करें ग्रोथ

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर जे स्वामीनाथन ने बताया कि 13-14 फीसदी की ओवरऑल क्रेडिट ग्रोथ के मुकाबले 33 फीसदी की आउटलेयर लोन ग्रोथ ने आरबीआई को पर्सनल लोन्स का मुद्दा उठाने और बैंकों को किसी भी जोखिम के निर्माण से बचने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि फाइनेंसर पता लगाएं कि संकट कहां आने की संभावना है और समय पर उचित कदम उठाएं। शक्तिकांत दास ने कहा अगर अन-ऑडिटेड रिजल्ट्स देखें, तो जून तिमाही में ग्रॉस एनपीए में सुधार दिखाई दिया है।

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