Lap;tops Raj Express
व्यापार

लैपटॉप-कम्प्यूटर इंपोर्ट प्रतिबंध से परेशान विदेशी कंपनियों ने अमेरिका से कहा- भारत से बात करो

एपल, इंटेल, गूगल, लेनोवो, डेल और एचपी जैसी ग्लोबल आईटी कंपनियों ने हाल ही में अमेरिकी सरकार से संपर्क किया है। वे भारत के इंपोर्ट बैन से परेशान हैं।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • एपल, इंटेल, गूगल, लेनोवो, डेल और एचपी ने अमेरिकी सरकार से संपर्क किया

  • दुनिया की दिग्गज कंपनियों ने कहा कि भारत सरकार अपने आदेश पर पुनर्विचार करे

राज एक्सप्रेस । एपल, इंटेल, गूगल, लेनोवो, डेल और एचपी जैसी ग्लोबल आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने हाल ही में अमेरिकी सरकार से संपर्क किया है। कंपनियों ने यूएस सरकार को भारतीय प्रशासन से लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर जैसे सामान के इंपोर्ट पर कुछ दिनों पहले लगाए गए बैन पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है।

लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के आयात पर लगाया प्रतिबंध

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईटी कंपनियों ने अमेरिकी सरकार से भारत सरकार को अपने आदेश पर पुनर्विचार करने की बात कहने के लिए 'सभी मंचों का प्रयोग' करने के लिए कहा है। इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कम्प्यूटर जैसे सामान के इंपोर्ट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी।

इसके बाद एक नोटिफिकेशन जारी कर यह जानकारी दी थी। नोटिफिकेशन में कहा गया था कि रेस्ट्रिक्टेड इंपोर्ट्स के लिए वैलिड लाइसेंस के तहत इंपोर्ट की परमिशन दी जाएगी। इस फैसले पर कई कंपनियों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद सरकार को इन प्रतिबंधों को लागू करने में तीन महीने की देरी करके एक नवंबर तक ले जाना पड़ा है।

आठ यूएस स्थित ट्रेड बॉडीज ने लिखा् पत्र

रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अगस्त को कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एसोसिएशन और यूनाइटेड स्टेट्स काउंसिल फॉर इंटरनेशनल बिजनेस समेत आठ यूएस स्थित ट्रेड बॉडीज ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि और यूएस सेक्रेटरी ऑफ कॉमर्स को पत्र लिखा था। इन पत्रों में इन बॉडीज ने यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव और सेक्रेटरी ऑफ कॉमर्स को भारत से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कहने का आग्रह किया गया है।

ट्रेड बॉडीज ने कहा कि भारत सरकार के लाइसेंसिंग मेजर्स को अपनाने से ट्रेड और सप्लाई चेन पार्टनर के रूप में इंडिया की विश्वसनीयता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। हालिया प्रतिबंधों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों को गहरा करने के प्रयासों को कमजोर किया है।

भारत सरकार ने अपने फैसले का बचाव किया

भारत सरकार ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा यह कदम लाइसेंस राज लागू करने के बारे में नहीं है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय टेक इको-सिस्टम सिर्फ ट्रस्टेड पार्ट्स का यूज करे। इसके अलावा आयात पर भारत की निर्भरता कम हो जाती है और घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा मिलता है।

राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में कहा था हम अपनी इकोनॉमी का डिजिटाइजेशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि डिजिटल इकोनॉमी में जाने वाले हार्डवेयर एलिमेंट्स की निगरानी की जाए और साथ ही वे विश्वसनीय सोर्स से आएं। हालांकि, इसे प्रतिबंध या लाइसेंसिंग नहीं कहा जाना चाहिए। इसे दरअसल, इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम कहा जाना चाहिए।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT