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एनएसई पर जल्दी ही शाम 6 से रात 9 बजे तक होगी ट्रेडिंग, कुछ दिनों में इसे रात 11:30 बजे तक करने की योजना

एनएसई सूत्रों के अनुसार एक्सचेंज शाम के समय ट्रेडिंग सेशन शुरू करने पर विचार कर रहा है। बताया जाता शाम के समय 6 से रात 9 बजे तक ट्रेडिंग होगी।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने का मकसद इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स को ओवरनाइट रिस्क को हेज करने की सुविधा देना है

  • विदेशी बाजारों का नकातरात्मक असर भारतीय बाजारों पर प़ड़ता है। एनएसई इस उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए शाम में ट्रेडिंग सेशन शुरू करना चाहता है

राज एक्सप्रेस। नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) ने इक्विटी डेरिवेटिव के लिए ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने का फैसला लिया है। एनएसई सूत्रों के अनुसार एक्सचेंज शाम के समय ट्रेडिंग सेशन शुरू करने पर विचार कर रहा है। बताया जाता शाम के समय 6 से रात 9 बजे तक ट्रेडिंग होगी। निेवेशक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) में ट्रेड कर सकेंगे। सूत्रों के अनुसार बाद में इस समय को बढ़ाकर रात 11:30 बजे तक करने की योजना है। एनएसई पिछले काफी समय से ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने पर विचार कर रहा है। ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने का मकसद इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स को ओवरनाइट रिस्क को हेज करने की सुविधा देना है।

गिफ्ट निफ्टी की तरह घरेलू निवेशकों को भी मिलेंगे ज्यादा ट्रेडिंग के मौके

पिछले कुछ सालों में ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता का असर इक्विटी मार्केट्स पर भी दिखाई दे रहा है। इससे हर अगले दिन भारतीय बाजार में कारोबार की शुरुआत गिरावट या तेजी के साथ होती है। एनएसई इस उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए शाम में ट्रेडिंग सेशन शुरू करना चाहता है। शाम को ट्रेडिंग शुरू करने का एक दूसरा कारण यह भी है कि गिफ्ट निफ्टी में नॉन-ट्रेडिंग आवर्स में भी ट्रेडिंग हो रही है। इसमें ट्रेडिंग इंडियन मार्केट में ट्रेडिंग के बाद होती है। एनएसई का मानना है कि ऐसा मौका भारतीय निवेशकों को मिलना जरूरी है। एनएसई इस मौके का फायदा दूसरों से पहले उठाना चाहता है। हालांकि, ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर कई तरह की राय हैं। लेकिन, यह पहला मौका नहीं है जब एनएसई ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने के बारे में सोच रहा है।

गिफ्ट निफ्टी की तरह घरेलू निवेशकों को भी मिलेंगे ज्यादा ट्रेडिंग के मौके

पिछले कुछ सालों में ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता का असर इक्विटी मार्केट्स पर भी दिखाई दे रहा है। इससे हर अगले दिन भारतीय बाजार में कारोबार की शुरुआत गिरावट या तेजी के साथ होती है। एनएसई इस उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाने के लिए शाम में ट्रेडिंग सेशन शुरू करना चाहता है। शाम को ट्रेडिंग शुरू करने का एक दूसरा कारण यह भी है कि गिफ्ट निफ्टी में नॉन-ट्रेडिंग आवर्स में भी ट्रेडिंग हो रही है। इसमें ट्रेडिंग इंडियन मार्केट में ट्रेडिंग के बाद होती है। एनएसई का मानना है कि ऐसा मौका भारतीय निवेशकों को मिलना जरूरी है। एनएसई इस मौके का फायदा दूसरों से पहले उठाना चाहता है। हालांकि, ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर कई तरह की राय हैं। लेकिन, यह पहला मौका नहीं है जब एनएसई ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने के बारे में सोच रहा है।

विदेश में कई एक्सचेंज में होती है लंबे समय तक ट्रेडिंग

वैश्विक बाजारों में कई जगह ट्रेडिंग टाइम बढ़ाने के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। एपीएसी में ओसाका स्टाक एक्सचेंज निक्केई 225 में ट्रेडिंग के लंबे आवर्स की सुविधा देता है। यूरोज यूरेक्स कुछ चुने हुए बेंचमार्क फ्यूचर्स में लंबे ट्रेडिंग आवर्स की सुविधा देता है। नार्थ अमेरिका में सीएमई अपने प्लेटफॉर्म पर करीब 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देता है। इसके पीछे कारण एक ही है कि दुनिया के एक्सचेंजों में अलग-अलग ट्रेडिंग टाइम के बीच के फर्क को दूर करना। कुछ लोगों का मानना है कि ट्रेडिंग का समय बढ़ाने से तनाव भी बढ़ेगा। दिनभर की ट्रेडिंग के बाद निवेशक काफी थक जाएंगे। शाम को ट्रेडिंग सेशन शुरू करने से पहले कई तरह के ऑपरेशनल मुद्दों के हल निकालना होगा। अगर ट्रेडिंग टाइम बढ़ाकर रात 11:30 किया जाता है, तो सेकेंड सेशन की क्लोजिंग अमेरिकी मार्केट के बंद होने से पहले ही हो जाएगी। इस वजह से वह मकसद पूरा नहीं होगा, जिसके लिए इसकी शुरुआत की जा रही है।

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