अमेरिका। भारत की राह चलकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सुरक्षा का हवाला देते हुए चाइना की बहुचर्चित शार्ट वीडियो मेकिंग और शेयरिंग ऐप TikTok पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे। अमेरिका में TikTok पर बैन लगने के बाद TikTok कंपनी ने इस मामले अमेरिकी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
TikTok ने खटखटाया अमेरिकी कोर्ट का दरवाजा :
दरअसल, शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप कंपनी TikTok ने अमरीका की कोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करते हुए ट्रंप के फैसले को चुनौती दी है। बताते चलें, ट्रंप ने आदेश दिए थे कि, 12 नवंबर से अमेरिका में TikTok पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगा दिया जाएगा। TikTok का कहना है कि, 'उसने अदालत में एक याचिका दायर कर ट्रंप प्रशासन के आदेश को 12 नवंबर को प्रभावी करने के लिए चुनौती दी है।' बता दें, इससे पहले फ्रैड्रल कोर्ट ने ट्रंप के उन प्रतिबंधों को रोक दिया था, जो 12 नवंबर से प्रभावी रूप से इस ऐप को बंद कर देते।
जज के आदेश :
जज ने TikTok बैन मामले में आदेश देते हुए लिखा था कि, 'TikTok पर बनाए गए शॉर्ट वीडियो अभिव्यक्ति करने वाले और सूचनात्मक हैं और न्यूज वायर फीड से जुड़ी अभिव्यक्ति इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक्स पावर एक्ट के तहत आती हैं।'
TikTok के एक प्रवक्ता का कहना :
वहीं, TikTok के एक प्रवक्ता ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'समुदाय से मिले समर्थन के कारण हम काफी आगे बढ़े हैं, जिन्होंने अपने अभिव्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करने, अपने करियर के लिए और छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए विशेष रूप से महामारी के दौरान काम किया है। हम अपने प्लेटफॉर्म और कानूनी विकल्पों के जरिए अपनी रचनात्मक कम्युनिटी की आवाज को समर्थन देते हैं और उन्हें लगातार यह सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी बीच US डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के जज कार्ल निकोलस ने ट्रंप प्रशासन के TikTok पर प्रतिबंध लगाने के प्रतिबंध पर रोक लगा दी थी।'
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