लोगों के उत्साह को देखकर अनुमान है कि इस बार बाजार में बनेगा खरीदारी का रिकार्ड
इस बार चीनी सामान का किया जा रहा बायकॉट, मेक इन इंडिया सामान की बिक्री बढ़ी
सरकार की वोकल फॉर लोकल पहल ने देसी उत्पादों के सेल को जबरदस्त बूस्ट दिया है
राज एक्सप्रेस। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस त्योहार का आयोजन किया जाता है। आज बाजार में खूब रौनक है। आज सुबह से ही लोग खरीदारी करने निकल पड़े हैं। इस वजह से बाजारों में जबर्दस्त रौनक देखने में आ रही है। कोरोना महामारी के बाद पहली बार धनतेरस पर ऐसा जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। लोगों के उत्साह को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि इस बार बाजार में खरीदारी का रिकार्ड बनने वाला है। इस बार चीनी सामान का बायकॉट किया जा रहा है। सरकार की 'वोकल फॉर लोकल ' की पहल ने देसी सामान के सेल को जबरदस्त बूस्ट दिया है।
चीनी सामानों को पछाड़ते हुए मेड इन इंडिया सामानों की सेल में जबरदस्त उछाल आया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया धनतेरस के मौके पर देश भर में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के खुदरा कारोबार का अनुमान है। ‘वोकल फोर लोकल’ का असर कारोबार पर दिख रहा है। देसी सामानों की खरीद को चीनी सामग्री की तुलना में ग्राहक ज्यादा महत्व दे रहे हैं। अनुमान है कि इस साल दिवाली में चाइनीज सामानों के बायकॉट के कारण चीन को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इस साल धनतेरस पर लोग सोने-चांदी के अलावा डेकोरेशन सामानों की सेल पर जोर दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि धनतेरस का त्योहार दीपावली के एक दिन पहले धनतेरस मनाया जाता है। इस दिन हिंदू धर्मावलंबी माता लक्ष्मी की पूजा करके घर में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, घरेलू जरूरतों का अन्य सामान, कार, दोपहिया वाहन या संपत्ति को खरीदना शुभ माना जाता है। लोग सोना-चांदी के अलावा अन्य वस्त्रों, गहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है। माना जाता है कि झाड़ू में मां लक्ष्मी का निवास होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
आभूषण व्यापारियों के मुताबिक इस साल बहुत अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि कारोबार की जो स्थिति कोरोना से पहले होती थी, कुछ उसी तरह का बूम इस साल भी कारोबार में धनतेरस के दिन देखने को मिल सकता है। फिलहाल बाजार में ग्राहक अच्छी संख्या में सोने-चांदी और हीरे के आभूषण खरीदने पहुंच रहे हैं। बाजार में कुछ नए आइटम्स भी आए हैं जिसका क्रेज ग्राहकों के बीच देखा जा रहा है। इनमें टैंपल जूलरी, कॉइन्स बार, कुंदन जूलरी लोगों को काफी पसंद आ रही हैं। दरीबा व्यापार मंडल के महासचिव मनीष वर्मा बताते हैं, 'इस साल बाजार में प्लैटिनम के नए सिक्के आए हैं जो लोगों को पसंद आ रहे हैं। हालांकि अभी भी हल्की जूलरी की मांग ज्यादा है क्योंकि कई ग्राहकों की क्रय शक्ति कम हुई है।
आभूषण व्यापारियों का कहना है कि कई ग्राहक ऐसे हैं जिन्होंने कई दिन पहले ही ज्वैलरी बुक कर दी थी, लेकिन वे आज उसे लेने के लिए आ रहे हैं।एक स्थानीय ज्वैलर राम चरण सोनी ने बताया कि कई ग्राहक ऐसा करते हैं, इस वजह से हमारा काम तो नवरात्रि से ही शुरू हो गया है। क्या आने वाले दिनों में सोने के भाव बढ़ सकते हैं? उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि अगले कुछ माह में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दरों में कमी करने वाला है। अगर सचमुच हुआ तो तय है कि सोने और चांदी के दाम बढ़ेंगे। इसके अलावा मध्य पूर्व संकट अगर हल नहीं होता और इजराइल और हमास के बीच जारी जंग अगर कम नहीं होती, तो हम कह सकते हैं कि सोने चांदगी के आभूषमणं में बड़ी तेजी अभी आना बाकी है। 2024 में आप मानकर चलिए कि सोने के दाम 65 से 68 हजार तक जा सकते हैं और चांदी के दाम लगभग 90 हजार तक पहुंच सकते हैं।
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