आरबीआई ने त्यौहारी सीजन से पहले रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया
चुनाव के पहले महंगाई को नियंत्रित करने पर रहा आरबीआई का जोर
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक 4 अक्टूबर से से शुरू हुई थी। बैठक का फैसला आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सुना दिया है। आरबीआई गवर्नर दास ने बताया कि इस बार भी एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। इसका मतलब है रेपो रेट यथावत 6.5 फीसदी पर बना रहेगा। कई विशेषज्ञों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि बढ़ती मुद्रास्फीति और अन्य वैश्विक कारकों के कारण रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने इसी लाइन पर चलते हुए अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
आरबीआई की छह सदस्यों वाली एमपीसी बैठक में अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों की गई बढ़ोतरी के मुद्दे पर भी विचार किया गया। तमाम वैश्विक और घरेलू स्थितियों की गहन समीक्षा करते हुए पैनल सदस्यों ने आरबीआइ रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर ही बरकरार रखने का निर्णय लिया है। वैश्विक और घरेलू स्थितियों को देखते हुए ब्याज दरों को अगली दो माह तक स्थिर रखने का निर्णय लिया गया है।
इस समय सरकार और आरबीआई दोनों का जोर महंगाई करने पर है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार और एजेंसियों ने मिलकर काम करना शुरू किया है। सरकार जल्द ही इसको लेकर एक्शन प्लान जारी कर सकती है। सरकार के साथ उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय भी मिलकर काम कर रहा है। महंगाई से संबंधित सभी मंत्रालयों ने वित्त मंत्रालय के साथ डिटेल्स साझा किए हैं। नई फसल आने से महंगाई में कमी आने की संभावना है। इसके अलावा जमाखोरी पर एक्शन तेज हो सकता है। सरकार आरबीआई की सलाह पर एक्शन प्लान तैयार करेगी। एमपीसी की बैठक में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डेटा पर भी चर्चा हुई है। रिजर्व बैंक की बैठक में जो सुझाव निकल कर आए हैं, सरकार उनके आधार पर एक्शन प्लान तैयार करेगी।
सरकार का ध्यान खाद्य सुरक्षा पर सबसे अधिक है। खाद्य पदार्थों की उपलब्घता को लेकर अगले दिनों में विभिन्न राज्यों के साथ बैठकें कर स्थिति की समीक्षा की जाएगी। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में हुई छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक को इस लिए भी महत्लवपूर्ण माना जा है, क्योंकि यह देश के 5 राज्यॉं में विधानसभा चुनाव से पहले हो रही है । अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इस लिए सरकार लगातार महंगाई को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक में तय की गई नीतियों से अगले दिनों में सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
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