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व्यापार

एमएसएमई के लिए खुलेगा दुनिया का दरवाजा वर्ल्ड ट्रेड में बढ़ेगी भारतीय कंपनियों की धमक

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • जी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में तीन मुद्दों पर सहमति बनी

  • एमएसएमई की मदद के लिए वैश्विक व्यापार हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी

  • सभी देश अपने यहां के व्यापारिक अवसरों की जानकारी देंगे

राज एक्सप्रेस । जी-20 समूह देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में फैसला किया गया है कि दुनिया के सभी छोटे उद्यमियों को व्यापार के समान अवसर मिलेंगे। जी-20 देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में तीन मुद्दों पर सहमति बनी है। एमएसएमई की मदद के लिए वैश्विक व्यापार हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी। सभी देश अपने यहां के व्यापारिक अवसरों की जानकारी देंगे । इसके साथ ही वैश्विक सप्लाई चेन के लिए फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि वैश्विक व्यापार अब दस्तावेज की जगह डिजिटल रूप में आएगा।

भारतीय एमएसएमई की पहुंच होगी आसान

जी-20 समूह देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में लिए गए फैसले से भारतीय एमएसएमई के लिए दुनिया के बाजार की पहुंच अब आसान हो जाएगी। सभी मंत्रियों ने दुनिया के एमएसएमई की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अपने-अपने बाजार की सूचना व अवसरों के आदान-प्रदान को लेकर सहमति जताई है। इस काम के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की तरफ से वैश्विक व्यापार पोर्टल बनाया जाएगा और वैश्विक स्तर पर एमएसएमई के लिए हेल्पडेस्क भी शुरू की जाएगी। सभी देश वैश्विक सप्लाई चेन को मजबूत करने और वस्तुओं की सप्लाई के विकल्प के लिए भी सहमत हो गए हैं। वहीं, अब वैश्विक व्यापार की प्रक्रिया डिजिटल रूप में पूरी की जाएगी। इसके बाद दस्तावेज का इस्तेमाल बंद हो जाएगा।

विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार में जी-20 देशों की हिस्सेदारी

वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में सभी व्यापार मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक का आयोजन जयपुर में किया गया। विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार में जी-20 देशों की हिस्सेदारी है। बैठक के समापन के बाद गोयल ने बताया कि जिन मुद्दों पर सहमति बनी है, उसे अगले महीने होने वाली जी20 देशों के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में रखा जाएगा और उसके बाद इन पर अमल शुरू होगा। उन्होंने कहा कि जी-20 की बैठक के फैसले से हमारे देश के एमएसएमई को लाभ मिलेगा।

विश्व व्यापार में क्रमशः बढ़ेगा भारत का दखल

पीयूष गोयल ने बताया कि वैश्विक सप्लाई चेन के लिए फ्रेमवर्क तैयार होने से वैश्विक व्यापार में कुछ देशों का वर्चस्व नहीं बढ़ेगा। भारत की हिस्सेदारी अभी वैश्विक बाजार में कम है। इसके लिए सैकड़ों वैल्यू चेन तैयार होंगी और इससे रोजगार में बढ़ोतरी होगी। इसके तहत इस बात का पता लगाया जाएगा कि किन-किन देशों में किन-किन वस्तुओं की उपलब्धता है ताकि उस वस्तु की सप्लाई का विकल्प हमेशा तैयार रहे।

डिजिटल की जाएगी संपूर्ण व्यापारिक प्रक्रिया

तीसरा अहम फैसला व्यापारिक प्रक्रिया को डिजिटल रूप में करने को लेकर लिया गया है जिसके तहत डिजिटल इंफ्रा तैयार करने में कोई भेदभाव नहीं अपनाया जाएगा। सभी इलेक्ट्रॉनिक्स दस्तावेजों की सुरक्षा रहेगी और सदस्य देशों की मंजूरी से ही डाटा शेयर किया जाएगा। व्यापार मंत्रियों की बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध से सप्लाई चेन में होने वाली बाधा और उसकी वजह से वैश्विक बढ़ने वाली वैश्विक महंगाई को लेकर भी चर्चा की गई। यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्ति पर भी बात हुई, लेकिन इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन सकी।

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