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2036 तक 9.3 करोड़ हो जाएगी आवासीय भवनों की मांग, क्रेडाई-लियासेस फोरास रिपोर्ट में हुआ खुलासा

शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में मांग में बढ़ोतरी, स्वस्थ माइक्रो-एकनामिक संकेतक और अनुकूल जनसांख्यिकी के कारण देश में तेजी से बढ़ रही है आवास की मांग।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइ्ट्स

  • क्रेडाई-लियासेस फोरास ने बताया किन वजहों से रियल इस्टेट को प्रोत्साहन

  • जनसंख्या व अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी के बीच तेजी से बढ़ रही है घरों की मांग

  • देश में टियर-II व टियर-III शहरों में तेजी से बढ़ रही आवासीय भवनों की मांग

राज एक्सप्रेस । जनसंख्या में बढ़ोतरी के साथ घरों की मांग भी लगातार बढ़ रही है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में मांग में बढ़ोतरी, स्वस्थ माइक्रो-एकनामिक संकेतक और अनुकूल जनसांख्यिकी के कारण देश में आवास की मांग 2036 तक बढ़कर 93 मिलियन तक जा पहुंचेगी। क्रेडाई और लियासेस फोरास की हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि कई टियर-II और टियर-III शहरों से रियल एस्टेट की मांग और आपूर्ति दोनों में ही तेजी आने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट हाल ही में वाराणसी में आयोजित कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) द्वारा आयोजित न्यू इंडिया शिखर सम्मेलन में जारी की गई।

टियर-II, टियर-III से आएगी विकास की अगली लहर

एसोसिएशन 2024 में 25 साल पूरे कर लेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट सिटी स्थापित करने के सरकारी कार्यक्रमों के साथ, उम्मीद है कि रियल एस्टेट विकास की अगली लहर टियर-II, टियर-III क्षेत्रों से आने वाली है। बीते वर्ष बड़ी संख्या में घर खरीदने के लिए लोगों ने पंजीकरण कराए हैं। लियासेस फोरास और क्रेडाई की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में रेरा के तहत 19,050 से अधिक परियोजनाएं पंजीकृत की गईं हैं, इनमें 45% आवासीय परियोजनाएं हैं।

मांग बढ़ने से टियर II शहरों में घटी घरों की संख्या

अखिल भारतीय स्तर पर आवास की सूची में 10,42,195 इकाइयां उपलब्ध हैं, जो तिमाही दर तिमाही आधार पर 3 फीसदी कम है, लेकिन साल-दर-साल आधार पर 2 फीसदी की दर से बढ़ रही है। एमएमआर और अहमदाबाद जैसे शहरों में सितंबर 2023 को समाप्त तिमाही में इन्वेंट्री स्तर में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। मजबूत मांग के कारण टियर II शहरों में भी आवासों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। मूल्य निर्धारण के नजरिए से रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि अपार्टमेंट की कीमतों में 6 फीसदी पाउन्ड एनुअल ग्रोथ रेट या सीएजीआर (11,660 प्रति वर्ग फीट) रही है।

दिल्ली एनसीआर में मांग में 22 फीसदी वृद्धि

इसमें दिल्ली एनसीआर में 22 फीसदी की उच्चतम बढ़ोतरी देखने को मिली है। हाल के सालों में भारतीय जनसंख्या और आर्थिक स्थिति में तेज बढ़ोतरी की वजह से घरों की मांग आर आपूर्ति में बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारतीय जनसंख्या और अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि के परिणामस्वरूप घरों की मांग और आपूर्ति में हाल के दिनों में तेजी देखने को मिली है। इसके साथ ही घर खरीदारों की क्रय शक्ति में भी सुधार देखने में आया है।इसकी वजह से अब वे बड़े घर खरीदने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि देश अगले 10-15 सालों में कई गुना विकास करने के लिए तैयार है।

संगम बिंदु पर खड़ा है रियल इस्टेट सेक्टर

इसलिए, इस रिपोर्ट के माध्यम से हम टियर-II और टियर-III क्षेत्रों के विकास के साथ एक नई मिसाल कायम करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। लियासेस फोरास के संस्थापक और प्रबंध निदेशक, पंकज कपूर ने कहा भारतीय रियल एस्टेट वर्तमान में एक अत्यंत महत्वपूर्ण संगम बिंदु पर खड़ा है, जिसमें निरंतर मांग और आपूर्ति सकल घरेलू उत्पाद में योगदान देते हुए देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है।क्रिसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा हमें उम्मीद है कि अगले कुछ सालों तक आवास की मांग मजबूत बनी रहने वाली है।

लग्जरी संपत्तियों के प्रति बढ़ रहा आकर्षण

लग्जरी संपत्तियों का मार्ग प्रशस्त हो रहा है, क्योंकि घर खरीदने वालों की महानगरों के साथ-साथ अन्य शहरों में विशाल और आरामदायक घरों में रहने की प्राथमिकता बढ़ रही है। वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में क्रेडाई ने यह भी कहा कि वह हर साल 1 लाख घरों और 25 मिलियन वर्ग फुट वाणिज्यिक अचल संपत्ति को हरित भवन प्रमाणन के साथ प्रमाणित करेगा। संगठन ने क्रेडाई से जुड़े डेवलपर्स के लिए यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके द्वारा विकसित सभी परियोजनाएं हरित भवन प्रमाणन के अनुरूप हैं। भारत में ग्रीन-प्रमाणित कार्यालय स्टॉक 2019 के बाद से 36 फीसदी से अधिक बढ़ गया है। ऐसे शहरों में बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई अग्रणी हैं।

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