Decline in Manufacturing sector in October  Raj Express
व्यापार

उत्पादन व कारोबारी गतिविधियां कमजोर होने से 7 माह के निचले स्तर पर पहुंचा देश का सर्विस सेक्टर

सर्विस पीएमआई बताने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने अक्टूबर 2023 के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स या पीएमआई इंडेक्स के आंकड़े जारी कर दिये हैं।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • एसपी ग्लोबल ने अक्टूबर 2023 के पीएमआई इंडेक्स के आंकड़े जारी कर दिए हैं।

  • इस साल अक्टूबर में पीएमआई 58.4 हो गया है। जबकि, सितंबर में यह 61 था।

  • पीएमआई 50 से ऊपर हो तो विस्तार, नीचे का स्कोर इकनॉमी में गिरावट दर्शाता है।

राज एक्सप्रेस। सर्विस पीएमआई बताने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने अक्टूबर 2023 के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स या पीएमआई इंडेक्स के आंकड़े जारी कर दिये हैं। इस बार सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में पीएमआई 61 से गिरकर 58.4 हो गया है। एक्सपर्ट के अनुसार इसकी वजह विनिर्माण गतिविधियां कमजोर होने की वजह से यह गिरावट आई है। एसएंडपी के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियां पिछले 7 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया है।

पीएमआई इंडेक्स द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर ही भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरें तय करता है। अगर विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आतकी है, तो देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। पीएमआई इंडेक्स की दरें देश के रोजगार स्थिति को भी बताती है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर में गिरकर 58.4 पर आ गया, जो सितंबर में 13 साल के उच्चतम 61 पर था। यह मार्च के बाद से विस्तार की सबसे धीमी दर का संकेत है। आपको बता दें कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स की भाषा में, 50 से ऊपर का मतलब विस्तार है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर अर्थव्यवस्था में दबाव को प्रदर्शित करता है।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने बताया कि कई कंपनियां नए अनुबंध हासिल करने में कामयाब रहीं हैं, लेकिन कुछ ने प्रतिस्पर्धी स्थितियों में कम मांग का उल्लेख किया। पिछले माह अक्टूबर में निर्यात विशेष रूप से मजबूती का क्षेत्र साबित हुआ था। एशिया, यूरोप और अमेरिका से नए व्यापार लाभ के साथ नौ साल के इतिहास में श्रृंखला में दूसरे सबसे ऊंचे विकास को बढ़ावा मिला।

भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए वसूली जाने वाली कीमतें अक्टूबर में और बढ़ गईं हैं, जिसकी वजह से मुद्रास्फीति को प्रोत्साहन मिला है। भारत में काम कर रही सेवा क्षेत्र की कंपनियों ने अक्टूबर में अपने खर्चों में वृद्धि दर्ज की है। इसके लिए उन्होंने भोजन, ईंधन और कर्मचारियों की उच्च लागत को जिम्मेदार ठहराया।

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