Performance of PSU banks has been better in recent times Raj Express
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अगले दिनों में फीका पड़ सकता है पीएसयू बैंकों के शेयरों का आकर्षण, क्या अब निजी बैंक बढ़ाएंगे चाल?

पीएसयू बैंक पिछले कुछ समय से फोकस में बने हुए हैं। अधिकांश पीएसयू बैंक हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। आइए देखें आगे कैसी रहने वाली है इनकी चाल...

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • पीएसयू बैंकों के शेयर हाल के दिनों में नई ऊंचाई पर पहुंचे

  • एक साल में पीएसयू बैंक इंडेक्स में 56% से अधिक बढ़ोतरी

  • ओवर सोल्ड जोन में निजी बैंक, अब दे सकते हैं तग़ड़ा मुनाफा

राज एक्सप्रेस। पीएसयू बैंकों के शेयर पिछले कुछ समय से कई अनुकूल वजहों से फोकस में बने हुए हैं। हाल के दिनों में की गई अनेक सरकारी पहलों का लाभ उठाने की वजह से अधिकांश पीएसयू बैंक आंतरिक और बाह्य रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले एक साल की अवधि में पीएसयू बैंक इंडेक्स में 56% से अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके विपरीत निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स में सिर्फ 14% बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस अवधि में बैंक निफ्टी में 13 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस प्रदर्शन के आधार पर विश्लेषण करें तो पीएसयू बैंक इस सेगमेंट के लीडर बन गए हैं।

रिफार्म्स से मिली पीएसयू बैंकों को ताकत

केंद्र सरकार ने कई पीएसयू बैंकों के विलय के माध्यम से बैंकिंग सुधारों की शुरूआत की। सरकार ने लंबे समय से बकाया एनपीए को बही-खातों से बाहर करने के लिए बैड बैंकों की स्थापना, दिवाला और दिवालियापन संहिता के कार्यान्वयन से बैंकों को अपने ऋणों की वसूली में मदद करने और कई पीएसयू बैंकों के विलय जैसे कई उपाय किए, जिनकी वजह से पीएसयू बैंकों के शेयरों में तेजी देखने को मिली। मौजूदा सरकार का बुनियादी ढांचे, बिजली और कृषि की दीर्घकालिक परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से निजी बैंकों की तुलना में पीएसयू बैंकों को अधिक फायदा होगा, क्योंकि पारंपरिक रूप से ये वे क्षेत्र हैं, जिनमें जोखिम अधिक होता है।

ऊंचाई पर पहुचे पीएसयू बैंकों के शेयर

इन सेक्टर्स पर केंद्र सरकार के ध्यान केंद्रित करने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। लेकिन, अब यह सोचने की बात है कि क्या वे आगे भी तेजी का क्रम जारी रखेंगे ? लगता है कि आगे का सफर वैसा नहीं रहने वाला, जैसा कि अब तक रहा है। पीएसयू बैंक आमतौर पर बुक वैल्यू से कम मूल्य पर कारोबार करते हैं, लेकिन वर्तमान में, वे अपने ऐतिहासिक मूल्यांकन की तुलना में उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं। उनका मूल्यांकन बहुत अधिक बढ़ा हुआ दिखता है। दरअसल, शेयर की कीमत में बढ़ोतरी दो मुख्य वजहों से होती है-आय में विस्तार और धारणा-आधारित विकास या एकाधिक विस्तार।

तेजी पर अगले दिनों में लग सकता है विराम

पूर्व की गणना तिमाही और वार्षिक आधार पर वित्तीय स्थिति के आधार पर की जा सकती है। और बाद वाले को शेयर मूल्य सीएजीआर और आय वृद्धि सीएजीआर के बीच अंतर के रूप में माना जा सकता है। अंतर जितना कम होगा, सुरक्षा उतनी ही अधिक होगी। और इसके विपरीत अंतर जितना अधिक होगा, सुरक्षा उसी अनुपात में कम हो जाती जाएगी। कई पीएसयू बैंकों में मौजूदा तेजी आय विस्तार के बजाय कई अन्य वजहों से हो रही है। इसके अलावा, सरकार के पास कई पीएसयू बैंकों में 90% से अधिक शेयर होल्डिंग है। गौर करने की बात है कि यह संकेंद्रित होल्डिंग मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा करती है, जिसकी वजह से शेयरों में तेजी देखने को मिलती है।

आग निजी बैंकों में दिख सकता है तेजी का दौर

हाल के दिनों में धारणाओं में बदलाव और लो फ्लोट की वजह से पीएसयू बैंकों में तेजी देखने को मिली है। दूसरी ओर, अच्छी संभावनाओं वाले कुछ निजी बैंक पीएसयू बैंकों की तुलना में उचित मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। इनमें से कई बड़े बैंक अपनी बुक वैल्यू के नजदीक या औसत मूल्य से कम कीमत पर ट्रेड कर रहे हैं। जो इन्हें निवेश के लिए बेहतर विकल्प बनाते हैं। इतना ही नहीं, निजी बैंकों के प्राइज एक्शन से भी यह संकेत मिलता है कि उनके खराब प्रदर्शन का सिलसिला निकट भविष्य में समाप्त हो सकता है। चार्ट पीएसयू बैंकों की तुलना में निजी बैंकों के खराब प्रदर्शन को प्रदर्शित करता है। निजी बैंक, इन दिनों पीएसयू बैंकों से कमज़ोर प्रदर्शन कर रहे हैं, 2021 से गिरावट दिख रही है।

ओवरसोल्ड ज़ोन में जा पहुंचे हैं निजी बैंक

अब लगातार गिरती दिख रही यह रेखा 2018 के सपोर्ट लेवल को छूती दिख रही है। इतना ही नहीं, निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स और निफ्टी इंडेक्स का अनुपात चार्ट भी मौजूदा स्तरों पर समान ही जानकारी प्रदान करता है। इस प्रकार, दोनों चार्ट बताते हैं कि निजी बैंक अपने सबसे निचले स्तर पर ओवरसोल्ड ज़ोन में हैं, जहाँ से अतीत में उलटफेर शुरू हुआ था। पीएसयू बैंकों में मौजूदा ऊंचे मूल्यांकन और निजी बैंकों के प्राइज एक्शन को देखते हुए इस सेक्टर के शेयरों में तेजी की धारणा को बल मिला है। ऐसी स्थिति में निवेशकों को अच्छी संभावना वाले निजी बैंकों की ओर रुख करने और अधिक मूल्य वाले पीएसयू बैंकों से दूरी बनाने की जरूरत है।

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