World Telecommunication Day Syed Dabeer Hussain - RE
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विश्व दूरसंचार दिवस आज, जानिए क्यों मनाया जाता है यह दिवस? क्या हैं इसके फायदे?

दरअसल 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की गई थी। इसके बाद से ही 17 मई का दिन विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

Priyank Vyas

World Telecommunication Day : वर्तमान समय में हम घर बैठे हजारों-लाखों किलोमीटर दूर बैठे किसी शख्स से आसानी से संपर्क साध सकते हैं। घर बैठे हम दुनियाभर में हो रहे घटनाक्रम का पता लगा सकते हैं। दरअसल यह सब संभव हो पाता है दूरसंचार की वजह से। दूरसंचार के अंतर्गत टेलीफोन, टेलीविजन प्रसारण, रेडियो प्रसारण, इंटरनेट, माइक्रोवेव संचार, फाइबर ऑप्टिक्स, उपग्रह और टेलीग्राफ सहित अन्य चीजें आती हैं। दूरसंचार को महत्व को समझने और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को World Telecommunication Day यानी विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जाता है।

विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास

दरअसल 17 मई 1865 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की गई थी। इसके बाद से ही 17 मई का दिन विश्व दूरसंचार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। नवंबर 2006 में तुर्की के अंताल्या में हुए आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन में 17 मई का दिन विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस दोनों ही रूप में मनाने का फैसला किया गया।

दूरसंचार के फायदे

दूरसंचार ने मनुष्य के जीवन में क्रांति ला दी है। इससे सूचनाएं एक जगह से दूसरी जगह भेजना बहुत आसान हो गया है। इससे समय और खर्च दोनों की बचत होती है। दूरसंचार के जरिए हम दूर बैठे व्यक्ति से आसानी से संपर्क कर सकते हैं। वहीं वीडियो कॉल के जरिए दूसर बैठे का चेहरा भी देख सकते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक साथ कई लोग साथ में जुड़ सकते हैं। दुनियाभर की जानकारी हमें आसानी से मिल जाती है। दूरसंचार के जरिए हम दूर बैठे व्यक्ति के साथ आदनी से लेन-देन कर सकते हैं। इसके जरिए बिल का भुगतान कर सकते हैं।

दूरसंचार के नुकसान

वैसे तो दूरसंचार के कई फायदे हैं, लेकिन इसके वजह से हमारे सामने गंभीर चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं। दूरसंचार के चलते लोगों में आपसी मेल-मिलाप खत्म होते जा रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी चीजों के चलते लोग एक जगह इकट्ठा होने के बजाय दूर से ही बात कर लेते हैं। दूरसंचार की वजह से अफवाह भी बहुत तेजी से फैलती है, जिस वजह से कई बार दंगे फसाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। आतंकवाद के लिए भी दूरसंचार का उपयोग किया जाता है। दूरसंचार के चलते हम जिससे बात कर रहे हैं, उसके चेहरे का भाव नहीं देख सकते हैं। इससे कई बार ग़लतफ़हमी की स्थिति बन जाती है। दूरसंचार में निजता के उल्लंघन का खतरा भी बना रहता है। इसके अलावा दूरसंचार कहीं न कहीं हमारे समाज को भी दूषित कर रहा है। समाज में अश्लीलता फ़ैल रही है। दूरसंचार के लिए मोबाइल टावरों का जाल बिछा दिया गया है, इससे निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होता है।

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