राज एक्सप्रेस। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की दुनिया तेजी से विकसित हो रही है। दुनियाभर में लोग आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपना रहे हैं और अपने रोजमर्रा के कामों में भी इनका बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब AI अपने रोबोट्स भी हमारे बीच लेकर आ रहा है, जो कि हम इंसानों की तरह ही काम करेंगे और हर काम में हमारी मदद करेंगे। हालांकि ये रोबोट्स तकनीकी विकास के लिहाज से काफी अच्छे हैं। लेकिन इसके बावजूद इंसान इन्हें एक खतरे की तरह देख रहा है। जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है?
दरअसल इन रोबोट्स का निर्माण आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से किया गया है। जिसका परिणाम यह है कि ये हम इंसानों की तरह सोचने-समझने के साथ ही किसी परिणाम पर भी पहुंच सकते हैं। यदि इनके सामने कोई स्थिति रखी जाती है तो ये उसे हल कर सकते हैं। ये अच्छा बुरा सोच सकते हैं और यह भी डिसाइड कर सकते हैं कि इन्हें किस परिस्थिति में क्या करना है।
यदि इन रोबोट्स का इस्तेमाल देश के विकास या दूसरे अच्छे कार्यों में किया जाता है, तो ये बेहतर परिणाम दे सकते हैं। लेकिन यदि ये किन्हीं गलत हाथों में आ जाएं तो इनका इस्तेमाल भी बुरे कामों में हो सकता है, जो कि इंसानों और हमारी धरती के लिए घातक स्थिति पैदा कर सकता है। इसके अलावा इन रोबोट्स में सोचने-समझने की भी क्षमता है और ये लगातार कुछ नया सीख रहे हैं। ऐसे में अगर ये इंसानी कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं तो इंसानों के ही विनाश का कारण बन सकते हैं।
AI तकनीक के असीमित विकास को देखते हुए भारत सरकार एक नया कानून बनाए जाने पर विचार कर रही है। इस कानून के अंतर्गत सरकार AI से होने वाली खतरों से इंसानों को बचाने का प्रयास कर रही है।
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