भारत सरकार ने जारी किए चार्जिंग पोर्ट के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड Social Media
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भारत सरकार ने खत्म किया अलग-अलग चार्जर का झंझट, जारी किए चार्जिंग पोर्ट के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड

भारत सरकार ने एक नई योजना तैयार की है। जिसके तहत मोबाइल और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए दो कॉमन चार्जिंग पोर्ट पेश किए जाएंगे।

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आजकल मार्केट में लांच हो रहे नए सभी फोन के USB Type-C तरह के होते है। ऐसे में हमारे पास जो स्मार्टफोन पहले से है उनका चार्जर किसी काम का नहीं रह जाता है और कई बार ऐसा होता है कि, हम नए फोन के साथ अपने पुराने फोन को भी एक्टिव रखते है। ऐसे में कहीं जाते समय दोनों फोन्स या अन्य कोई और गैजेट के साथ उसका चार्जर भी रखना किसी झंझट से कम नहीं है, लेकिन अब जल्द ही सरकार अलग-अलग चार्जर रखने का झंझट खत्म करने वाली है। आप सोच रहे होंगे कि, सरकार कैसे इस झंझट को खत्म करेगी तो बता दें, भारत सरकार ने एक नई योजना तैयार की है। जिसके तहत मोबाइल और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए दो कॉमन चार्जिंग पोर्ट पेश किए जाएंगे।

चार्जिंग पोर्ट के लिए जारी हुआ क्वालिटी स्टैंडर्ड :

दरअसल, भारत सरकार अब हर क्षेत्र में नयापन अपना रही है, जिसके लिए हर दिन नई पॉलिसी लागू की जा रही है। ऐसे में अब भारत सरकार चार्जर के अलग-अलग टाइप को लेकर भी योजना बना चुकी है। इस योजना के तहत भारत सरकार मोबाइल और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए दो कॉमन चार्जिंग पोर्ट पेश करेगी। इतना ही नहीं सरकार ने चार्जिंग पोर्ट के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड भी जारी कर दिया है जो इस आधार पर है कि, इसमें दो पोर्ट दिए जाएंगे जिसमें से एक USB टाइप-सी पोर्ट मोबाइल, स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए होगा और दूसरा पोर्ट वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के लिए कॉमन होगा। बता दें, USB टाइप सी चार्जिंग पोर्ट और चार्जर बनाने के लिए यह क्वालिटी स्टैंडर्ड भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा जारी किया गया है।

कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी ने बताया :

इस बारे में जानकारी देते हुए कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने बताया है कि, "USB टाइप सी चार्जर को अपनाने के लिए स्टेकहोल्डर्स मान गए है। इसके बाद ही BIS ने क्वालिटी स्टैंडर्ड जारी किए गए है। हमें यूरोपियन यूनियन की 2024 की समय सीमा का पालन करना है। इसकी वजह यह है कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर की सप्लाई चेन ग्लोबल होती है। वे सिर्फ भारत में ही अपने उत्पाद नहीं बेचते हैं। स्टेकहोल्डर्स के साथ 16 नवंबर को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी थी कि कॉमन चार्जिंग पोर्ट को स्टेप-बाई-स्टेप लागू किया जाए।"

सिंगल चार्जिंग पोर्ट पर भी स्टडी जारी :

खबरों की मानें तो, 'इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT)-कानपुर में वॉच जैसे वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के लिए सिंगल चार्जिंग पोर्ट पर भी स्टडी जारी है।मामले से जुड़ी रिपोर्ट सामने आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहना सही होगा। साथ ही इस रिपोर्ट के आधार पर उपभोक्ता मामलों का विभाग (BIS) इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से चर्चा कर सकेगा।

भारत सरकार का विचार :

यूरोपीय संघ (EU) पॉलिसी के विपरीत, सभी मोबाइल फोन और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम को USB टाइप-सी (Type-C) में शिफ्ट करना जरूरी समझता है। बता दें, भारत सरकार का विचार यह है कि, USB Type-C के साथ ही दो प्रकार के चार्जर में शिफ्ट होना चाहिए। इस फैसले के माध्यम से भारत सरकार का उपभोक्ताओं के लिए एक कॉमन चार्जिंग स्टैंडर्ड लाने को लेकर पहला कदम उठाना चाहती है। इसके अलावा सरकार का मकसद ई-कचरे को भी कम करना है। इस तरह के फैसले से सरकार को साल 2030 तक GDP के इमिशन इंटेंसिटी यानी उत्सर्जन तीव्रता को 45% कम करने में मदद मिलेगी।

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