राज एक्सप्रेस। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ‘स्पाईवेयर’ खरीदने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने 12 करोड़ डॉलर का बजट रखा है। यह ‘स्पाईवेयर’ पेगागस जैसा ही होगा, लेकिन उसकी तुलना में लो प्रोफाइल होगा यानि उसकी ज्यादा चर्चा नहीं होगी। इसका कारण यह है कि पेगागस को लेकर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बवाल हो चुका है। ऐसे में आज हम जानेंगे कि ‘स्पाईवेयर’ क्या है, यह कैसे काम करता है और इससे बचने के क्या तरीके है।
स्पाईवेयर क्या है?
दरअसल आज के समय में हम इंटरनेट से पूरी तरह से बंधे हुए हैं। इंटरनेट के बिना हमारा कोई दिन नहीं गुजरता है। इंटरनेट का उपयोग करने के लिए हम स्मार्टफोन या कंप्यूटर का उपयोग करते हैं। ऐसे में स्पाईवेयर एक ऐसा जासूसी सॉफ्टवेयर है जो इंटरनेट के जरिए हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर में घुसकर हमारी सारी जानकारी वहां पहुंचाता है, जहां से इसे ऑपरेट किया जा रहा है। इसमें हमारी निजी जानकारी जैसे – फोटो, बैंकिंग से जुड़े आईडी पासवर्ड शामिल हैं।
स्पाईवेयर कैसे काम करता है?
दरअसल इंटरनेट के जरिए जब भी हम कोई ऐसी फाइल डाउनलोड करते हैं, जिसमें स्पाईवेयर है तो उस फाइल के साथ स्पाईवेयर भी हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर में आ जाता है। इसके बाद यह हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर की सारी निजी जानकारी हैकरों तक पहुंचा देता है। इस जासूसी सॉफ्टवेयर की पहुंच ना सिर्फ हमारे मैसेज, ईमेल या फोटो तक होती है बल्कि यह हमारे स्मार्टफोन के कैमरा, ऑडियो और लोकेशन को भी एक्सेस कर सकता है। यानि हम कहां जा रहे हैं और क्या बात कर रहे हैं, यह सब स्पाईवेयर के जरिए हैकर देख-सुन सकता है।
स्पाईवेयर से कैसे बचे?
स्मार्टफोन या कंप्यूटर में कभी ऐसी वेबसाइट का इस्तेमाल ना करें, जो रजिस्टर्ड ना हो। इसके अलावा ऐसी वेबसाइट से कोई चीज डाउनलोड ना करें, जो सुरक्षित ना हो। अपने डिवाइस में एक अच्छी कंपनी के एंटीवायरस को इनस्टॉल करे। किसी भी अननोन लिंक पर क्लिक ना करें। इसके अलावा अगर आपका स्मार्टफोन बिना वजह बार-बार गर्म हो रहा हो या बैटरी काफी जल्दी खत्म हो रही हो तो यह आपके स्मार्टफोन में स्पाईवेयर होने का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में अपने फ़ोन को रिसेट जरूर करें।
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