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Job Fraud केस में TCS ने दी सफाई- इसमें हमारा कोई अधिकारी शामिल नहीं, छुट्टी पर भेजे गए ईएस चक्रवर्ती

टीसीएस में सीनियर अधिकारियों द्वारा नौकरी देने के बदले घूस लेने का मामला उजागर हुआ है। इस बारे में कंपनी ने अपना पक्ष रखा है-

Aniruddh pratap singh
टीसीएस ने स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी घोटाले में कंपनी में अहम पदों पर बैठे किसी व्यक्ति का कोई हाथ नहीं है। ऐसा कोई फर्जीवाड़ा हुआ या नहीं ? सवाल पर कंपनी ने कहा शिकायत मिली है कि नौकरी के बदले घूस ली गई । यह मुद्दा कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन से जुड़ा है। हम इस मामले में उचित कार्रवाई कर रहे हैं।

राज एक्सप्रेस । देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (टीसीएस) में सीनियर अधिकारियों द्वारा नौकरी देने के बदले घूस नलेने का मामला उजागर हुआ है। इस मामले में शोर मचने के बाद टीसीएस प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई बात नहीं है। कंपनी का कहना है कि इसे लेकर पूछताछ की गई है। ऐसी किसी घटना में कंपनी में अहम पदों पर बैठे किसी व्यक्ति ने कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है। ऐसा कोई फर्जीवाड़ा हुआ या नहीं ? इस पर कंपनी ने कहा कि ऐसी शिकायत मिली है कि नौकरी के बदले घूस ली गई है। कंपनी का कहना है कि इसमें कंपनी की तरफ से या कंपनी के खिलाफ कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है। इसका इसका कंपनी पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ा है। मुद्दा कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन से जुड़ा है। इस बारे में हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं।

क्या है मामला और टीसीएस ने क्या लिया एक्शन ?

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक व्हिसलब्लोअर ने टीसीएस के रिक्रूटमेंट डिवीजन पर रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप (आरएमजी) के वैश्विक प्रमुख ईएस चक्रवर्ती पर वर्षों से स्टॉफिंग फर्मों से कमीशन लेने का आरोप लगाया है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कंपनी ने ईएस चक्रवर्ती को छुट्टी पर भेज दिया है। इसके अलावा रिक्रूटमेंट डिवीजन के 4 अधिकारियों को निकाल दिया गया है। कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक यह घोटाला 100 करोड़ रुपये का हो सकता है। वहीं टीसीएस ने सफाई दी है कि आरएमजी रिक्रूटमेंट नहीं करती है, बल्कि इसका काम मौजूदा स्टॉफ को प्रोजेक्ट पर लगाना है। अगर पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं तो अनुबंधों के जरिए इसकी कमी पूरा करना है। व्हिसब्लोअर ने जो शिकायत की है, वह इसी कांट्रैक्टर्स के जरिए हायरिंग में घूस को लेकर की गई है।

एनआईटीईएस ने मंत्रालय से की शिकायत

टीसीएस में पैसे के बदले नौकरी देने का मामला अब मंत्रालय तक पहुंच चुका है। पुणे की लेबर यूनियन नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) ने इस मामले में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय से शिकायत की है। एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा इस घोटाले का टीसीएस के मौजूदा और भविष्य में आने वाले एंप्लॉयीज पर क्या असर होगा, इसे असर को कम करके आंका नहीं जा सकता है। इस घटना की वजह से अविश्वास का जो माहौल बना है, उससे एंप्लॉयीज का मनोबल और प्रेरणा प्रभावित हुई है। इसके अलावा सलूजा का कहना है कि यह कॉम्पटीशन को कमजोर करेगा और मेरिट पर आधारित नियुक्तियों में दिक्कतें होगी।

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