टाटा संस (Tata Sons) एयर इंडिया का अधिग्रहण करती है, तो उसकी विस्तारा से सीधी प्रतिस्पर्धा होगी। Syed Dabeer Hussain - RE
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एयर इंडिया से हाथ मिलाने के मूड में टाटा, बोली लगाने यह रास्ता चुन सकता है समूह

विस्तारा को एयर इंडिया के साथ होल्डिंग कंपनी के तहत लाने से परिचालन तालमेल और अर्थव्यवस्था संबंधी मामलों में बड़े पैमाने पर मदद मिल सकती है।

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • Air India की बोली में दिलचस्पी!

  • टाटा संस का होल्डिंग कंपनी प्लान!

  • एयर इंडिया से हाथ मिलाने के मूड में टाटा!

राज एक्सप्रेस (Raj Express)। साल्ट-टू-सॉफ्टवेयर कंपनियों का समूह (कांग्लोमरेट/conglomerate) टाटा संस एयर इंडिया के लिए बोली लगाने उत्सुक है। इसके लिए कंपनी अपने विमानन व्यवसाय के लिए एक होल्डिंग कंपनी बनाने में दिलचस्पी दिखा रही है।

बिजनेस वर्ल्ड की खबरों के मुताबिक टाटा समूह की सहायक कंपनी, कम लागत वाली एयरलाइन, एयर एशिया इंडिया (AirAsia India) को भी अपनी विंग के तहत लाना चाहती है।

एयर इंडिया की मियाद पूरी -

इकोनॉमिक टाइम्स ने इस योजना से जुड़े करीबी अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में इस संभावना का उल्लेख किया है। रिपोर्ट के अनुसार टाटा संस की होल्डिंग कंपनी जल्द ही एयर इंडिया के लिए बोली जमा कर सकती है। आपको बता दें सरकार इस साल दिसंबर तक एयर इंडिया (Air India) की बिक्री पूरी करना चाहती है।

इस क्रम में टाटा संस की होल्डिंग कंपनी (holding company) अपनी विंग के तहत कम लागत वाली एयरलाइन (low-cost airline) एयर एशिया इंडिया (AirAsia India) लाएगी। होल्डिंग कंपनी के 15 सितंबर तक एयर इंडिया के लिए बोली जमा करने की उम्मीद है।

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विस्तारा का विस्तार! -

यहां उल्लेखनीय बात यह है कि विस्तारा एयरलाइंस, जो टाटा संस (Tata Sons) और सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) के बीच एक संयुक्त उद्यम है, इस होल्डिंग कंपनी का हिस्सा नहीं होगी।

हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक टाटा समूह निकट भविष्य में विस्तारा (Vistara) को होल्डिंग कंपनी के तहत लाने का इच्छुक है।

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मौजूदा एयरलाइन व्यवसाय -

अंदरूनी सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में उल्लेख है कि टाटा समूह के मौजूदा एयरलाइन व्यवसाय में विस्तारा (टाटा एसआईए एयरलाइंस/Tata SIA Airlines के रूप में पंजीकृत) और एयरएशिया इंडिया (AirAsia India) शामिल हैं। इनको सबस्केल के रूप में देखा जाता है जिसे गति की आवश्यकता है।

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तीन एयरलाइन व्यवहारिक नहीं -

टाटा संस तीन अलग-अलग एयरलाइन कंपनियों के लिए इच्छुक नहीं है। इसे परिचालन रूप से लागत प्रभावी या व्यवहारिक भी नहीं कहा जा सकता।

प्रतिस्पर्धा से बचाव -

टाटा संस की एयरएशिया इंडिया में करीब 84 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि शेष मलेशियाई कम किराया वाहक एयरएशिया Bhd के पास है। ऐसे में टाटा संस की योजना विस्तारा से सीधी प्रतिस्पर्धा से बचने की होगी।

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अधिग्रहण का गुणा-भाग-

ईटी की रिपोर्ट में अनाम अधिकारियों के हवाले से उल्लेख है कि अगर टाटा संस (Tata Sons) एयर इंडिया का अधिग्रहण करती है, तो उसकी विस्तारा से सीधी प्रतिस्पर्धा होगी, जिसमें समूह की 51% हिस्सेदारी है।

विस्तारा को एयर इंडिया के साथ होल्डिंग कंपनी के तहत लाने से परिचालन तालमेल और अर्थव्यवस्था संबंधी मामलों में बड़े पैमाने पर मदद मिल सकती है। ईटी की रिपोर्ट में अनाम अधिकारियों का हवाला दिया गया है।

दूसरा गणित यह -

इसकी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, एयरएशिया इंडिया का शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2021 में 1532 करोड़ रुपये हो गया। वैश्विक स्तर पर महामारी से प्रभावित विमानन उद्योग के कारण इसकी कुल संपत्ति नकारात्मक क्षेत्र में फिसल गई।

इसका राजस्व सालाना आधार पर 63 फीसदी गिरकर 1,359 करोड़ रुपये रहा, जबकि संचित घाटा बढ़कर 3,680.34 करोड़ रुपये हो गया।

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वर्ष के लिए विस्तारा का घाटा एक साल पहले के 1,814 करोड़ रुपये से घटकर 1,612 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2019 में यह 831 करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2021 के अंत में इसकी कुल देनदारी 11,491 करोड़ रुपये थी, जबकि इसकी कुल संपत्ति नकारात्मक 6,088 करोड़ रुपये रही। खबर के मुताबिक टाटा संस इसके पहले विस्तारा के माध्यम से बोली लगाने के इच्छुक थे, जो एक पूर्ण-सेवा एयरलाइन भी है।

डिस्क्लेमर आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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