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राजेश गोपीनाथन को 15 सितंबर के बाद भी सलाहकार के रूप में टीसीएस से जोडे रखना चाहता है टाटा समूह

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने टीसीएस के निवर्तमान एमडी और सीईओ राजेश गोपीनाथन को 15 सितंबर के बाद भी समूह के साथ सलाहकार की भूमिका में बने रहने को लेकर बातचीत शुरू की है।

Author : Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। टाटा समूह के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने टीसीएस के निवर्तमान प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी (सीईओ) राजेश गोपीनाथन को 15 सितंबर के बाद भी समूह के साथ सलाहकार की भूमिका में बने रहने को लेकर बातचीत शुरू की है। हालांकि, यह पता नहीं चल सका है कि इस बातचीत का क्या नतीजा निकला। उल्लेखनीय है कि राजेश गोपीनाथन ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पद से पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया है। गोपीनाथन कंपनी से दो दशक से अधिक समय तक जुड़े रहे। टीसीएस बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने उनके स्थान पर 16 मार्च से प्रभारी सीईओ के रूप में के कृथिवासन का नियुक्ति किया है। टाटा संस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कोई प्रतिक्रिया करने से इनकार कर दिया है।

चंद्रशेखरन-गोपीनाथन के बीच हो चुकी है बातचीत

टाटा समूह से जुड़े सूत्रों के अनुसार अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इस बारे में दोनों के बीच शुरुआती बातचीत हो चुकी है। सूत्रों ने कहा कि समूह विविधतापूर्ण तकनीकी क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने के क्रम में विश्वसनीय और कुशल वर्कफोर्स को अपने साथ जोड़ना चाहती है। टीसीएस के निवर्तमान प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी सीईओ राजेश गोपीनाथन कई अहम भूमिकाओं में लंबे समय तक कंपनी से जुड़े रहे हैं। उन्हें विविधतापूर्ण तकनीकी चुनौतियों से निपटने का लंबा अनुभव है। यही वजह है कि कंपनी उन्हें आगे भी किसी न किसी रूप में अपने साथ रोके रखना चाहती है। सूत्रों के अनुसार चंद्रशेखरन ने गोपीनाथ के साथ 15 सितंबर के बाद सेवाएं समाप्त होने के बाद भी सलाहकार के रूप में कंपनी से जुड़े रहने का प्रस्ताव दिया है। यह एक प्राथमिक स्तर की बातचीत है। अगले दौर में यह मुद्दा आकार ले सकता है। इस बारे में गोपीनाथन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि सलाहकार भूमिकाओं में टाटा समूह के साथ जुड़ने की उनकी तत्काल कोई योजना नहीं है।

गोपीनाथ की अहमियत समझते हैं चंद्रशेखरन

गोपीनाथन के पास चंद्रशेखरन के साथ काम करने का लगभग 25 वर्षों का अनुभव है। टीसीएस के विस्तार में उनका बेहद मह्तवपूर्ण योगदान है। गोपीनाथन के नेतृत्व के दौरान टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक बढ़ गया और इसकी बिक्री 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गई। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में, उन्होंने अतिरिक्त रूप से टीसीएस को 10,846 करोड़ रुपये के ग्राउंड-ब्रेकिंग शुद्ध लाभ मील के पत्थर को पार करने में मदद की। पिछले दो सालों में, उनके निर्देशन में, टीसीएस की ब्रांड वैल्यू 212 फीसदी बढ़कर 45.5 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई है।

इस बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया : गोपीनाथन

राजेश गोपीनाथन ने कहा कि जहां तक ​​सलाहकार की भूमिकाओं की बात है, उनके प्रति मेरे मन में तेजी से सम्मान बढ़ रहा है। फिलहाल इस बारे में मैंने ज्यादा नहीं सोचा है। इसलिए, मैं देखूंगा कि अगले दिनों में स्थिति क्या आकार लेती है। इसको लेकर अब तक मैंने कोई निर्णय नहीं लिया है। कोई योजना नहीं बनाई है। फरवरी 2017 में, गोपीनाथन ने टीसीएस के सीईओ के रूप में एन चंद्रशेखरन का स्थान लिया था, जब एन चंद्रशेखरन की टाटा संस के अध्यक्ष की भूमिका में पदोन्नति मिली थी। चंद्रशेखरन 2009 में टीसीएस के सीईओ के रूप में नामित किए गए थे। उन्होंने 2013 में सीएफओ की भूमिका के लिए गोपीनाथन का चयन किया था। इसके पहले भी वह उनके साथ लंबे समय तक काम कर चुके हैं। गोपीनाथन ने संगठनात्मक डिजाइन और कारोबारी रणनीतियों पर चंद्रशेखरन के साथ मिलकर लंबे समय तक काम किया है। चंद्रशेखरन को गोपीनाथ की अहमियत पता है। यही वजह है कि वह उन्हें अपने साथ किसी न किसी रूप में जोड़े रखना चाहते हैं।

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