राज एक्सप्रेस । अमूल गर्ल की रचना करने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा का मंगलवार की रात निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली। अमूल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने ट्वीट करके उनके निधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा दाकुन्हा कम्युनिकेशंस के चेयरमैन सिल्वेस्टर दाकुन्हा के कल रात मुंबई में निधन के बारे में सूचित करते हुए बहुत दुःख हो रहा है। भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज दाकुन्हा 1960 के दशक से अमूल से जुड़े थे। अमूल परिवार इस शोक में शामिल है।
अमूल की सक्सेस में उसकी एडवरटाइजिंग कैंपेन का बड़ा रोल है। नीले रंग के बाल, सफेद और लाल डॉट फ्रॉक पहनी अमूल गर्ल उसकी ब्रांड आइडेंटिटी बन चुकी है। अमूल अपनी एड कैंपेन में करंट अफेयर्स से जुड़े वन लाइनर बनाने के लिए पॉपुलर है। अमूल की एडवरटाइजिंग कैंपेन 1966 में शुरू हुई थी। बॉम्बे एडवरटाइजिंग एजेंसी एंड सेल्स प्रमोशन (एएसपी) को अमूल के हेड रहें डॉ वर्गीज कुरियन ने ब्रांड कैंपन की जिम्मेदारी दी थी। उस समय, टेलीविजन और प्रिंट मीडिया पर एडवरटाइजमेंट बेहद महंगी थी।
ऐसे में एडवरटाइजिंग एजेंसी के क्रिएटिव हेड सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने ज्यादा किफायती आउटडोर होर्डिंग्स के लिए एड कैंपेन तैयार करने का फैसला किया। उस समय एजेंसी में यूस्टेस फर्नांडीस आर्ट डायरेक्टर थे, जिन्होंने सिल्वेस्टर दाकुन्हा के साथ मिलकर अमूल गर्ल को क्रिएट किया। सिल्वेस्टर की पत्नी, निशा दाकुन्हा ने अमूल को 'अटर्ली बटर्ली अमूल' टैगलाइन दी। ये टैगलाइन इंडियन एडवरटाइजिंग की सबसे मेमोरेबल टैग लाइन्स में से एक है। उस समय अमूल के कॉम्पिटिटर पोलसन बटर की ब्रांड पहचान भी छोटी लड़की ही थी। इसे टक्कर देने के लिए अमूल गर्ल को रचा गया।
दाकुन्हा और उनकी टीम को अमूल गर्ल के एड से मिली सफलता के बाद उन्होंने टॉपिकल एडवरटाइजिंग शुरू की थी। टॉपिकल एडवरटाइजिंग का मतलब है करंट न्यूज स्टोरी से जुड़ा एड बनाना। टॉपिकल एडवरटाइजमेंट का कंपनियों को ज्यादा फायदा मिलता है, क्योंकि लोगों की रुचि करंट टॉपिक पर रहती है। अमूल ने अपने पहले टॉपिकल एड में मुंबई के हॉर्स रेसिंग सीजन में अमूल गर्ल को घोड़े पर बैठे दिखाया था। अमूल गर्ल के हाथ में ब्रेड थी और लिखा था 'Thoroughbread'। यह विज्ञापन बहुत लोकप्रिय हुआ था। सिल्वेस्टर दाकुन्हा और उनके सहयोगियों को कई बार एड कैंपेन के लिए लीगल नोटिस भी मिला, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और वे अपने एड के साथ खड़े रहे। अपने विज्ञापनों में उन्होंने जगमोहन डालमिया, सुरेश कलमाड़ी, सत्यम कंप्यूटर्स और सुब्रत रॉय पर निशाना साधा। इसके लिए उन्हें कानूनी नोटिस भी मिले थे।
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