Swiggy Layoff Worker : बीते कुछ समय से लगातार कई कंपनियों ने छंटनी को लेकर फरमान जारी किए और कर्मचारियों को एक झटके में कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन कंपनियों में ज्यादातर दिग्गज कंपनियां शामिल रही है। इतना ही नहीं छंटनी करने वाली कंपनियों में IT सेक्टर से लेकर हर सेक्टर की कंपनियां शामिल है। चाहे वो फूड डिलवरी करने वाली कंपनी ही क्यों न हो। वहीँ, अब फुड डिलिवरी प्लेटफॉर्म 'स्विगी' (Swiggy) ने भी कर्मचारियों की छंटनी करने की जानकारी दी है।
अब Swiggy ने भी की छंटनी :
दरअसल, बीते सालों से ही लगभग हर कंपनी के हालात कुछ ख़राब से चल रहे हैं। वह किसी न किसी कारण से नुकसान उठा रही है। जिसके कारण उन्हें अपने वर्कफोर्स को कम करने जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। हाल ही में लगातार एक-एक करके विभिन्न सेक्टर की कंपनियों ने छंटनी की खबर दी थी। वहीं, अब यही खबर फुड डिलिवरी प्लेटफॉर्म Swiggy ने भी शुक्रवार को दी है। कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कंपनी से कुल 380 कर्मचारियों की छंटनी की गई है। कंपनी ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा है कि, 'यह बहुत कठिन फैसला है। उसने यह कदम अपने बदलाव की कोशिशों के तहत उठाया है। हम यह कठिन फैसला अपनी टीम को छोटा करने के लिए कर रहे हैं।'
छंटनी का कारण :
बता दें, Swiggy से जिन कारणों से कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है उनमें प्रमुख कारण यह बताया गया है कि, कंपनी इन दिनों एक चुनौतीपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति में हैं। कंपनी ने बताया है कि, कंपनी कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। क्योंकि, कुछ समय से फूड डिलीवरी क्षेत्र में ग्रोथ रेट स्लो डाउन हो गई है। जिसका असर ये हो गया है कि, कंपनी का मुनाफा घटा है। इससे कंपनी की आय भी घट गई है।
Swiggy के CEO ने मांगी माफी :
Swiggy के CEO श्रीहर्ष मजेटी ने कर्मचारियों को निकालने के बाद अपने कर्मचारियों को मेल भेज कर माफ़ी मांगी। उन्होंने मेल में कर्मचारियों से कहा है कि, "सभी संभव उपायों पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है। फूड डिलिवरी क्षेत्र का ग्रोथ रेट घटा है जो कंपनी के अनुमानों के पूरी तरह से खिलाफ है। इसलिए कंपनी को अपने लाभप्रदाता लक्ष्यों को हासिल करने के लिए छंटनी जैसा कठिन फैसला लेना पड़ा। हमने पहले ही बुनियादी ढांचे, कार्यालय/सुविधाओं आदि जैसी अन्य अप्रत्यक्ष लागतों पर कार्रवाई शुरू कर दी थी। हमें भविष्य के अनुमानों के अनुरूप अपने समग्र कर्मियों की लागत को भी सही आकार देने की जरूरत थी। कंपनी के "खराब फैसले" को "ओवरहायरिंग" के लिए दोषी है। हमें बेहतर फैसले लेने चाहिए थे।"
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