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अडाणी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली, कहा सेबी ने नहीं दी इस मामले से जुड़ी पूरी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • शार्टसेलर हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर लगाया था शेयरों से छेड़छाड़ का आरोप

  • सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इस मामले पर सुनवाई करेगा शीर्ष कोर्ट

  • संविधान बेंच के समक्ष सूचीबद्ध याचिकाओं पर बुधवार से शुरू ह सकती है सुनवाई

राज एक्सप्रेस । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई को स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से अपने उस जवाब को उपलब्ध कराने का कहा, जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए एक्सपर्ट पैनल की सिफारिशों पर अपने विचार दिए हैं। सेबी की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि एक्सपर्ट पैनल ने कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में जो सुझाव दिए थे, सेबी ने सोमवार को उसपर अपना 'जवाब' दाखिल किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा सेबी उपलब्ध कराए जवाब

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई कर रही बेंच में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे। बेंच ने पूछा जांच की क्या स्थिति है? इस तुषार मेहता ने बताया कि अडाणी समूह पर शेयरों में छेड़छाड़ के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मई में सेबी को 14 अगस्त तक का समय दिया है और मामले में जांच चल रही है। उन्होंने कहा एक्सपर्ट पैनल ने कुछ सिफारिशें की हैं। हमने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। इसका आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि उसे सेबी का जवाब नहीं मिला है और मामले से जुड़े अन्य कागजात के साथ इसे उपलब्ध कराया जाए, तो उचित होगा।

अन्य याचिकाओं पर आज से सुनवाई शुरू कर सकती है बेंच

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान बेंच के सामने सूचीबद्ध कुछ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होते ही इस मामले को सुनवाई के लिए लिया जाएगा। संविधान बेंच के समक्ष सूचीबद्ध याचिकाओं पर बुधवार से सुनवाई शुरू कर सकती है। इससे पहले सेबी ने अडाणी के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने दाखिल अपने जवाब में कहा था कि 2019 में उसकी ओर से नियमों में किए गए बदलाव के चलते ऑफशोर यानी विदेशी फंड्स के लाभार्थियों की पहचान करना पहले से अधिक मुश्किल नहीं हुआ है। इसके साथ ही सेबी ने यह भी कहा था कि अगर उसे कोई भी उल्लंघन मिलता है या ऐसी बात साबित होती है, तो वह इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। सेबी ने कहा उसने बेनेफिशिल ओनरशिप और रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन से जुड़े नियमों को लगातार कड़ा किया है।

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