गुजरात में नौ माह पहले शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे बेहद उत्साहजनक
भारत में निकट भविष्य में एक व्यवहार्य समाधान बन जाएगा हरित हाइड्रोजन मिश्रण
राज एक्सप्रेस। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) ने नौ माह पहले गुजरात के कवास टाउनशिप में पीएनजी नेटवर्क परियोजना में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हाइड्रोजन मिश्रण का संचालन शुरू किया था। इस पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे बेहद आशाजनक आए हैं। इसका गैस संरचना पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। पावर जायंट एनटीपीसी के हाइड्रोजन प्रोजेक्ट से जुड़े वरिष्ठ प्रबंधक डी लक्ष्मणन ने बताया कि भारत में भविष्य में हरित हाइड्रोजन मिश्रण एक व्यवहार्य समाधान बन जाएगा। गुजरात के केवास स्थित एनटीपीसी प्रोजेक्ट में नौ माह पहले पीएनजी नेटवर्क में हाइड्रोजन मिलाए जाने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
इस पायलट प्रोजेक्ट के नतीजे बहुत अनुकूल आए हैं। इसका पीएनजी गैस संरचना पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि पाइप्ड गैस नेटवर्क (पीएनजी) के साथ 10 प्रतिशत तक हाइड्रोजन की मिलावट से एलपीजी की तुलना में लागत बहुत कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण जल्दी ही एक व्यवहार्य समाधान बन जाएगा। एनटीपीसी के आंकड़ों के अनुसार, एलपीजी पर 5 प्रतिशत हाइड्रोजन मिश्रित पीएनजी का उपयोग करने का लाभ एलपीजी की तुलना में 63.95 रुपये प्रति माह आया है। जबकि 10 प्रतिशत मिश्रित पीएनजी के उपयोग पर 5.77 रुपये प्रति माह बचत हुई।
पायलट प्रोजेक्ट में सामने आया कि यदि 10 प्रतिशत से अधिक मिश्रण किया जाता है, तो लागत थोड़ी अधिक आएगी। हालाँकि, यदि यह व्यावसायिक स्तर पर किया जाता है, तो लागत में कमी हो जाएगी। 5 प्रतिशत सम्मिश्रण पर गैस संरचना के परियोजना विश्लेषण परिणामों में हाइड्रोजन सम्मिश्रण के साथ प्राकृतिक गैस में पूर्ण एकरूपता पाई गई। पीएनजी नेटवर्क में सामग्री मूल्यांकन पहलू पर, यह नोट किया गया कि पाइपलाइनों, बर्नर और रबर सील पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। इससे स्पष्ट हो गया कि इतनी अधिक मात्रा में मिश्रण का पाइपलाइन नेटवर्क पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पडता है।
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