शुगर सीजन 2021-22 में चीनी उत्पादन में दर्ज की जा सकती मामूली सी गिरावट Social Media
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शुगर सीजन 2021-22 में चीनी उत्पादन में दर्ज की जा सकती मामूली सी गिरावट

शुगर सीजन 2021-22 के लिए चीनी के उत्पादन में मामूली सी गिरावट का अंदाजा लगाया जा रहा है। बताते चलें, ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत ही है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां समय-समय पर अनेक प्रकार की फसलें लगाई जाती हैं। जिनसे उत्पात का निर्माण किया जाता है। जैसे गन्ने से चीनी का निर्माण किया जाता है। वहीं, अब चीनी के उत्पादन गिरावट का अंदाजा लगाया जा रहा है। इस मामूली सी गिरावट का अंदाजा शुगर सीजन 2021-22 के लिए लगाया जा रहा है। बताते चलें, ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत ही है।

खाद्य मंत्रालय के संयुक्त ने दी जानकारी :

दरअसल, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, शुगर सीजन 2021-22 में चीनी के उत्पादन मामूली गिरावट दर्ज की जा सकती है और चीनी का उत्पादन गिरावट के साथ 3.05 करोड़ टन पर पहुंच सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, अगले शुगर सीजन में एथनॉल उत्पादन के लिए ज्यादा गन्ने का इस्तेमाल होने की संभावना है। इस बारे में जानकारी देते हुए खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने बताया है कि,

'मौजूदा शुगर सीजन यानी 2020-21 में चीनी का उत्पादन 3.1 करोड़ टन तक जा सकता है। इस शुगर सीजन में गन्ना किसानों को 91,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना था। इसमें से लगभग 83,000 करोड़ रुपए का बकाया अदा किया जा चुका है, जबकि 9,000 करोड़ रुपए का बकाया रह गया है। इसमें से कुछ रकम का भुगतान अगले एक महीने में हो सकता है। शुगर सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। गन्ने की फसल इस साल कुल-मिलाकर अच्छी रही है। अगले शुगर सीजन में एथनॉल बनाने में ज्यादा गन्ना इस्तेमाल हो सकता है। इसके चलते शुगर सीजन 2022-21 में चीनी का उत्पादन थोड़ी गिरावट के साथ 3.05 करोड़ टन रह सकता है।'
सुबोध कुमार सिंह, खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव

एथनॉल बनाने में लगेगा डबल गन्ना :

बताते चलें, इस सीजन में 20 लाख टन और अगले सीजन में 35 लाख टन चीनी उत्पादन में लगने वाला गन्ना एथनॉल बनाने में लगाया जाएगा। इस बारे में भी बात करते हुए खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि, 'चीनी का उत्पादन घरेलू खपत की जरूरत पूरी करने के लिए काफी होगा। चीनी की घरेलू खपत अगले सीजन में तीन-चार लाख टन बढ़कर 2.63 से 2.65 करोड़ टन रह सकती है। इस सीजन में इसके 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इस सीजन की 90-95 लाख टन चीनी बचने और अगले सीजन में 3.05 करोड़ टन का उत्पादन होने के अनुमान को देखते हुए 2021-22 में कुल उपलब्धता 3.95 करोड़ टन से 4 करोड़ टन के बीच रह सकती है। अगले सीजन में घरेलू खपत 2.65 करोड़ टन रहने और 70 लाख टन का निर्यात होने का अनुमान है जिससे सीजन के अंत में 60-65 लाख टन चीनी बची रह सकती है।'

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