राज एक्सप्रेस। आज पूरा देश कोरोना के चलते आई आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है। इसी बीच कई सेक्टर्स नुकसान का सामना कर रहे है, क्योंकि महंगाई दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। इसी बीच स्टील की कीमतें बढ़ने की खबर सामने आ गई है। जानिए कितनी बढ़ीं कीमतें।
स्टील की कीमतें बढ़ीं :
दरअसल, देश में बढ़ती महंगाई के बीच घरेलू निर्माताओं ने स्टील की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। खबरों की मानें तो, घरेलू निर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉइल (HRC) और कोल्ड रोल्ड कॉइल (CRC) की कीमतें 4,000 से 4,900 रुपए प्रति टन तक बढ़ा दी है। स्टील कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी करने का ये फैसला बीते दो दिनों के दौरान ही किया है। कंपनी के फैसले के बाद हॉट रोल्ड कॉइल (HRC) की कीमत 70-71 हजार रुपए प्रति टन और कोल्ड रोल्ड कॉइल (CRC) की कीमत 83-84 हजार रुपए प्रति टन पर पहुंच गई हैं। बता दें, HRC और CRC फ्लैट स्टील होता है।
HRC और CRC फ्लैट स्टील का इस्तेमाल :
HRC और CRC फ्लैट स्टील का इस्तेमाल मुख्य रूप से ऑटो, अप्लायंसेज और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में किया जाता है। इसके अलावा देश की स्टील का निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनियों में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL), जिंदल दक्षिण पश्चिम (JSW Steel), Tata Steel, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) और आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (AMNS) इंडिया का नाम शामिल हैं। देश के कुल स्टील उत्पादन में इन कंपनियों की भागीदारी संयुक्त रूप से 55% से ज्यादा है।
कंपनी के अधिकारीयों का कहना :
SAIL के अधिकारियों का कहना है कि, 'कीमतों में यह बदलाव बाजार पर आधारित है। हालांकि, अधिकारी ने ज्यादा प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।'
JSPL के एक अधिकारी का कहना है कि, 'ग्लोबल स्टील प्राइस बढ़ने के कारण कच्चे माल की कीमतों में उछाल आया है। भारतीय आयरन ओरे की कीमतें 4,000 रुपए प्रति टन तक बढ़ी हैं। इसने स्टील की कीमतों को बढ़ाया है। घरेलू स्टील की कीमतें अभी भी अंतरराष्ट्रीय प्राइस से 20-25% कम हैं। घरेलू मांग कम होने के कारण अधिकांश स्टील कंपनियों ने निर्यात बढ़ाया है। MSME सेक्टर ने अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ी है। इन्वेंट्री निम्न स्तर पर है। प्रतिबंध हटने के बाद इसमें तेजी आएगी।'
JSPL के MD का कहना :
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL ) के MD वीआर शर्मा ने अप्रैल में कहा था कि, 'चालू वित्त वर्ष में देश में स्टील की डिमांड उत्पादन से ज्यादा हो सकती है। वित्त वर्ष 2020-21 में देश में स्टील की डिमांड 140-150 मिलियन टन रह सकती है। जबकि उत्पादन 125 मिलियन टन रहने की उम्मीद है। इससे कीमतें भी उच्च स्तर पर बनी रहेंगी। भारत समेत अधिकांश देशों ने प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। इससे खपत बढ़ गई है। जब तक यह प्रोत्साहन पैकेज इस्तेमाल नहीं हो जाते हैं, तब तक स्टील की कीमतों में कमी नहीं आएगी।'
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