Special Tips For Financial Freedom Kavita Singh Rathore -RE
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आर्थिक आजादी का असली रहस्य और उसे पाने के तरीके

क्या आपने कभी सोचा है कि, आर्थिक आजादी का असली रहस्य क्या है और इसे पाने का तरीका क्या है ? यदि नहीं तो, अब समझे और अपनाएं यह कुछ खास टिप्स।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। क्या आपने कभी सोचा है कि आर्थिक आजादी का असली रहस्य क्या है? मोटे वेतन वाली नौकरी या बिजनेस में उठाया गया प्रमुख कदम या फिर यह आपके कमाने और ग्रोथ के दौरान बचत एवं निवेश को लेकर अपनाया जाने वाला एक स्थाकयी दृष्टिकोण है या यह इन सभी का मिश्रण है? जैसा कि विशेषज्ञ रॉबर्ट कियोसाकी कहते हैं,-

‘‘आर्थिक आजादी उनके लिये है, जो उसे समझते हैं और उसके लिये काम करते हैं’’
रॉबर्ट कियोसाकी

धन को बढ़ाने का सुनिश्चित तरीका :

हालांकि, आय से कम खर्च करना अपने कुल धन को बढ़ाने का सुनिश्चित तरीका है, कई लोग आय और धन के बीच का अंतर नहीं समझते हैं। आय ही धन का प्राथमिक स्रोत होती है और आपकी निजी बैलेंस शीट में आय और देयताएं (लाएबिलिटीज) होंगी, तो आपका असली धन वह है, जो लाएबिलिटीज के भुगतान के बाद बचता है। इसे अपने पक्ष में करने के लिये आपको अधिक कमाने के अलावा भी कुछ करना होगा, इसके लिये आपको चतुराई से निवेश करना होगा। कुछ ऐसा करना होगा कि आपका पैसा ही आपके लिये पैसा कमाए। ऐसा करने के लिये नीचे कुछ टिप्‍स दिये गये हैं:

जल्दी शुरूआत करें:

बचत की संस्कृति को अपनाना महत्वपूर्ण है, जीवन की शुरूआती अवस्था में निवेश की ओर धीमी और स्थायी शुरूआत जल्दी आर्थिक आजादी पाने में आपकी मदद करेगी। वित्तीय योजना बनाना लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर पहला कदम है। सेवानिवृत्ति की योजना बनाने का ख्याल निश्चित रूप से दिमाग में होना चाहिये। आपकी कुल आय और आर्थिक आजादी के लिये आपके द्वारा निवेश की योग्यता पर आपके दृष्टिकोण के लिये यह लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। कंपाउंडिंग की ताकत के साथ, 40 के बाद की आयु में पहुंचने से पहले आपके निवेश अच्छी वृद्धि करेंगे और आपको आर्थिक स्वतंत्रता का सच्चा बोध होगा।

यहाँ दिये जा रहे कुछ सुझाव उच्च जोखिम को लेकर अधिक संवेदनशील हैं- इक्विटी जैसे उच्च प्रतिफल वाले मार्ग पर्याप्त बीमा कवर के साथ आपके जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हैं और जीवन के शुरूआती वर्षों में योजनाबद्ध तरीके से अनिवार्य संपत्तियों का अधिग्रहण करते हैं। इक्विटी में निवेश होने वाले आपके पोर्टफोलियो के लिये प्रतिशत का सामान्य नियम 100-आयु है, अर्थात् 27 वर्षीय व्यक्ति के लिये कुल पोर्टफोलियो का 63 प्रतिशत भाग इक्विटी में होना चाहिये। निवेश गुरू वारेन बफेट सलाह देते हैं कि निवेशकों को ऐसे वित्तीय प्रपत्रों में पैसा नहीं डालना चाहिये, जो उनकी समझ से बाहर हों- अतः हर विकल्प से जुड़े जोखिम और लाभ समझने के लिये शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, आपको ऐसे फंड आवंटित करने चाहिये, जिनकी आवश्यकता न हो और ऐसे विकल्पों में, जो आपकी जोखिम लेने की शक्ति के अनुसार हों।

आवश्यकता होने पर ही खर्च करें, अधिक नहीं:

चाहतें सभी के जीवन में होती हैं, खासकर पैसों के सम्बंध में। आर्थिक अनुशासन आय के प्रबंधन की कुंजी है। इसका सरल तरीका है अपने परिवार के अपेक्षित खर्चों, बैंक विवरण, आदि, हर उस चीज़ को एकत्र करना, जो पैसा आने या जाने का वर्णन देती है। अपने पैसे के प्रबंधन के लिये पूरे परिवार के साथ बैठकर एक मितव्ययी बजट बनाएं। परिवार का बजट अधिकांश व्यक्तिगत खर्चों पर नियंत्रण का सर्वश्रेष्ठ तरीका है, जब भी आवश्यक हो और अन्यथा नहीं।

उधार को इकट्ठा न होने दें:

लोन हो या क्रेडिट कार्ड का कर्ज, आयु बढ़ने के साथ उधारी कम होनी चाहिये। क्रेडिट कार्ड के लोन बड़े उधार का रूप ले लेते हैं, क्योंकि उनकी ब्याजदर अधिक होती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड पर कोई कर्ज हो, तो तुरंत उसका भुगतान करें। सही समय पर बकाया चुकता नहीं होने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव होगा और जरूरत होने पर लोन लेने की आपकी योग्यता भी बुरी तरह प्रभावित होगी। निवेश के बारे में सोचने से पहले छोटी अवधि के सभी कर्ज चुकता कर देने चाहिये।

अच्छा क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट बनाये रखें:

क्रेडिट स्कोर तीन अंकों का होता है (आमतौर पर 300 से 900 के बीच), जो बताता है कि भविष्य में आप ऋण लेने के कितने योग्य हैं। यह भविष्य में आपकी ऋण सम्बंधी आवश्यकताओं के लिये महत्वपूर्ण है। क्रेडिट रिपोर्ट एक दस्तावेज है, जो आपका ऋण और धन सम्बंधी संपूर्ण इतिहास दर्शाता है- चालू खाता, उधारी, पुनर्भुगतान समेत। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्‍कोर आपकी आर्थिक स्थिति, स्थिरता और जवाबदेही का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। आपको एक्सपिरियन जैसे चार में से किसी भी एक क्रेडिट ब्यूरो से एक वर्ष में एक बार निशुल्क क्रेडिट रिपोर्ट मिल सकती है। यह सलाह दी जाती है कि आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखते रहें और कोई भी विसंगति होने पर अपने बैंक से संपर्क करें।

सुसंगत रहें:

एक निश्चित अवधि में अच्छी योजना वाले और संतुलित विकल्पों की श्रृंखला में फंड का सतत् आवंटन आपके निवेश के लिये अच्छा होता है। रूपये के मूल्य की औसत गणना की सहायता से छोटे फंड सेवानिवृत्ति की ओर बढ़ते समय आपके काम आ सकते हैं। सिस्टेमैटिक इनवेन्टमेन्ट प्लांस (SIP) की सफलता उस सुसंगतता का आदर्श उदाहरण है, जो बीतते वर्षों के साथ बाजार की उथल-पुथल और आर्थिक चक्रों में आपकी मदद करती है।

अपने निवेश पर ध्यान दें:

कई निवेश बाजार की स्थितियों और आर्थिक परिदृश्यों से प्रभावित होते हैं; इसलिये आपको उनकी प्रगति पर नजर रखनी चाहिये, यदि जरूरत हो, तो आपको अपने निवेश प्रबंधक से बेहतर प्रदर्शन वाली संपत्तियों या फंड्स के लिये कहना पड़ सकता है। यह आपकी आयु और प्राथमिकताओं के बदलने पर भी लागू होता है; हो सकता है कि आप इक्विटी कम करना या अधिक संतुलित फंड लेना चाहें। खराब प्रदर्शन वाली कुछ संपत्तियाँ बड़े ऋण चुकाने के काम आ सकती हैं। अतः आर्थिक आजादी के लिये अपनी बैलेंस शीट का आवधिक मूल्यांकन महत्वपूर्ण है।

सभी फलों को एक टोकरी में रखना उचित नहीं है, कई संपत्तियों में से चुनकर निवेश करना चाहिये- जैसे रियल एस्टेट, सोना, ऋण प्रपत्र, स्टॉक और उभरते विकल्प- इससे आपका पोर्टफोलियो संतुलित रहेगा और सेवानिवृत्त होने के बाद आपको आराम से जीवन बिताने की आजादी मिलेगी या आप जीवन के अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में भी बढ़ सकते हैं।

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