अडाणी समूह की शेयर बाजार में सूचीबद्ध सभी 10 कंपनियों के शेयरों में तेजी।
अडाणी टोटल गैस का शेयर में बुधवार को 20 फीसदी ऊपर चढ़कर बंद हुआ।
अडाणी समूह के सात कंपनियों के शेयरों में देखने को मिली तेजी, तीन में गिरावट।
राज एक्सप्रेस । अडाणी समूह की शेयर बाजार में सूचीबद्ध सभी 10 कंपनियों के शेयरों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन बढ़कर 14.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर चला गया है। कल बुधवार को अडाणी समूह की सात कंपनियों में तेजी देखने को मिली। अडाणी टोटल गैस का शेयर में बुधवार को 20 फीसदी ऊपर चढ़कर बंद हुआ, जबकि अडाणी ग्रीन एनर्जी 16% ऊपर जा पहुंची। बीएसई द्वारा जारी किए गए डेटा से पता चलता है कि कि अडाणी समूह के पांच कंपनियों के शेयर 7.4% और 0.7% के बीच लाभ में बंद हुए। जबकि एसीसी, अडाणी एंटरप्राइजेज और अंबुजा सीमेंट्स के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। अडाणी समूह के शेयरों में मौजूदा तेजी की वजह से गौतम अडाणी सबसे धनी लोगों की वैश्विक सूची में 20 वें स्थान से 16 वें स्थान पर पहुंच गए हैं। अब वह इस सूची में शामिल दूसरे कारोबारी मुकेश अंबानी से कुछ ही पीछे हैं। मुकेश अंबानी इस सूची में 13वें स्थान पर हैं।
उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से लगातार दबाव में चल रहे अडाणी समूह के प्रति निवेशकों का भरोसा अब लौटने लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी समूह ने स्टॉक-मूल्य में हेरफेर सहित हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। भारत में इस मुद्दे पर अब तक की गई जांच, पूछताछ और अदालती सुनवाई में किसी भी गलत काम का खुलासा नहीं हुआ है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी अड़ाणी समूह का समर्थन करते हुए कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को ऐसे किसी आरोप की पुष्टि के लिए प्रमाणिक दस्तावेज नहीं माना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद अडाणी समूह में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और अडाणी समूह की सभी दस कंपनियों के शेयर तेजी से ऊपर चढ़े हैं। इसकी वजह से गौतम अडाणी के मार्केट कैप में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है और वह दुनिया के अमीरों की सूची में उनके स्थान में सुधार हुआ है।
अडाणी समूह के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ाने में अमेरिकी सरकार के उस फैसले का भी योगदान है, जिसमें उसने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को अप्रासंगिक करार देते हुए समूह की कंपनी अडाणी पोर्टस को 553 मिलियन डालर की फंड़िंग करने का निर्णय लिया है। अमेरिका ने एक विस्तृत मूल्यांकन के पश्चात शार्ट सेलर हिन्डेनबर्ग रिसर्च द्वारा भारतीय उद्यमी गौतम अडाणी के खिलाफ लगाए गए गंभीर अनियमितता के आरोपों को अप्रासंगिक करार दिया है। इसके साथ ही अमेरिकी सरकार ने अडाणी समूह द्वारा श्रीलंका में एक कंटेनर टर्मिनल की विस्तार योजना के लिए 553 मिलियन डालर की वित्तीय सहायता प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लेखा संबंधी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद इस साल की शुरुआत में अडाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने् को मिली थी। अमेरिकी सरकार की इस टिप्पणी और अमेरिकी फंडिंग एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) द्वारा अडाणी पोर्ट की श्रीलंका स्थिति परियोजना के लिए 553 मिलियन डालर की वित्तीय सहायता देने का बाजार में बेहद सकारात्मक संदेश गया है।
हाल ही में समूह की कंपनियों में देखने को मिली तेजी की वजह से गौतम अडाणी अब एक अन्य भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी के काफी नजदीक पहुंच गए हैं। रिलायंस समूह के मुखिया मुकेश अंबानी इस समय अमीरों की सूची में 13वें स्थान पर हैं। अडाणी के समूह शेयरों में हाल ही में तेजी आई है और अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड ने इस साल अब तक 7.4% की बढ़त दर्ज की है। पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में कोयले की खदान और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकटता की वजह से अडाणी समूह विवाद से घिर गया था।
अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अमेरिकी फंडिंग एंजेंसी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) के निवेश को विश्वास मत के रूप में पेश किया गया है। अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी के बेटे और अडानी पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण अडाणी ने इस करार के लिए अमेरिकी फंडिंग मिलने की घोषणा के बाद कोलंबो में कहा हम इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा हमारे दृष्टिकोण, हमारी क्षमताओं और हमारे कारपोरेट गवर्नेंस पर भरोसा जताने के रूप में देखते हैं।
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