राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय में भारत में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन और डवल म्यूटेंट वेरिएंट ने कोहराम मचा रखा है । भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के आने के बाद मामलों में अचानक ही बहुत ज्यादा बढ़त दर्ज की गई है। इतना ही नहीं ऐसा लग रहा है, यहां कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज ही भारत में कोरोना का आंकड़ा 4 लाख के पार रहा है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को 50 हजार करोड़ रुपये का लोन देने का ऐलान किया था। वहीं, उसका फायदा अब सीरम इंस्टीट्यूट को मिला है।
सीरम इंस्टीट्यूट बनी पहली कपंनी :
दरअसल, बीते बुधवार को भारत के बैंकों की निगरानी करने वाला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े ऐलान किए थे। इन्हीं ऐलानों के तहत उन्होंने कोरोना से बने हालातों से निपटने के लिए जरूरी हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए बैंक 50 हजार करोड़ रुपये का लोन देने का ऐलान किया था, इस लोन का फायदा आज से हेल्थकेयर कंपनियों को मिलना शुरू हो गया है। इसमें सबसे पहले इस लोन का फायदा लेने वाली कोविशील्डवैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) बन गई है। इस बारे में जानकारी कंपनी के सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने दी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा देगा लोन :
बताते चलें, सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला की कंपनी को बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) द्वारा 500 करोड़ रुपये का लोन देने का फैसला किया है। खबरों की मानें तो, 'बैंक ऑफ बड़ौदा ने सीरम इंस्टीट्यूट के लिए आज 500 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है। इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक (SBI ) ने टीका बनाने वाली सार्वजनिक कंपनी भारत बायोटेक के लिए लोन मंजूर किया है। हालांकि, SBI कितना लोन देगा इस बारे में कोई खुलासा नहीं हुआ है।'
RBI गवर्नर का बयान :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना से बने हालातों को मद्देनजर रखते हुए ऐलान किया था कि, '50 हजार करोड़ रुपये की नकदी कोविड से जुड़े हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मिलेगी। इसके तहत बैंक वैक्सीन निर्माताओं, आयातकों, ऑक्सीजन सप्लायर्स, कोविड की दवाइयों के उत्पादक, अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब आदि को लोन देंगे। यह सुविधा 31 मार्च 2022 तक रहेगी। यह लोन रेपो रेट पर यानी काफी किफायती ब्याज दर पर होगा। गौरतलब है कि रेपो रेट सिर्फ 4% है।
बैंकों को किया जा रहा प्रोत्साहित :
उन्होंने आगे कहा कि, 'बैंकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि, वे कमजोर क्षेत्रों को लोन दें। बैंक अपने बहीखाते में एक कोविड लोन बुक बनाएंगे। वे रिजर्व बैंक के कोविड खाते में इतनी ही रकम रख सकेंगे और उन्हें रिवर्स रेपो रेट से 40 बेसिस पॉइंट यानी 0.4% ज्यादा ब्याज मिलेगा।'
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