राज एक्सप्रेस। पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच कई देश कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं। वहीं, इसी रेस में भारत की तीन कंपनियों में शुमार फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CII) की वैक्सीन अपने ट्रायल चरणों में है। ये वैक्सीन भारत की फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CII) द्वारा एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर तैयार की गई है। वहीं, अब इसकी कीमत के बारे में जानकारी सामने आई है।
वैक्सीन की कीमत के बारे में जानकारी :
दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर तैयार की गई यह वैक्सीन भारत सरकार को 250 रुपये प्रति डोज की दर पर मिल सकती है। इस बारे में जानकारी SII की सामने आई एक रिपोर्ट से प्राप्त हुई है। खबरों की मानें तो, SII और भारत सरकार के बीच एक डील को लेकर बातचीत जारी है। जिसपर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है। बता दें, सीरम इंस्टीट्यूट भारत में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड का इंसानी ट्रायल और उत्पादन कर रही है। साथ ही कंपनी इस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन भी कर चुकी है।
अधिकारी ने दी जानकारी :
बताते चलें, भारत सरकार और SII के बीच चल रही बातचीत अब अंतिम चरण में है। इस बारे में जानकारी कंपनी से जुड़े एक अधिकारी द्वारा सामने आई है। हालांकि, इस बारे में सरकार की तरफ से अभी कोई बयान सामने नहीं आया है। इसके अलावा भारत सरकार कितनी डोज लेगी इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन अधिकारी ने बताया कि, यदि सरकार 10 करोड़ डोज खरीदना चाहेगी तो, कंपनी फरवरी के अंत तक 10 करोड़ डोज उपलब्ध करवा देगी। जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती हैं।
अधिकारी ने बताया :
अधिकारी ने बताया है कि, 'निम्न और मध्यम आय वाले देशों को वैक्सीन की आपूर्ति से पहले SII के पास काफी समय है और वह इस दौरान भारत में आपूर्ति कर सकती है। अभी तक SII ने चार करोड़ खुराकों का उत्पादन कर लिया है, लेकिन मांग को देखते हुए यह संख्य कम है। SII को कोविशील्ड और नोवावैक्स की संभावित वैक्सीन की दो करोड़ खुराकें बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को देनी है। 250 रुपये की लागत वाली इन खुराकों को गरीब देशों में वितरित किया जाएगा। इसके अलावा कंपनी 100 करोड़ खुराकें एस्ट्राजेनेका को आपूर्ति करेगी, जिसमें से आधी भारत के लिए होगी।'
गौरतलब है कि, सरकार वैक्सीन के वितरण की शुरुआत देश में मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी से लड़ रहे अन्य कर्मचारियों से करेगी। इसके लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से स्वास्थ्यकर्मियों के डाटाबेस को अंतिम रूप दिया जा रहा है। वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही इन्हें खुराक देनी शुरू कर दी जाएगी।
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